DA Merger : 60 या 70%, सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में कितना मर्ज होगा DA
HR Breaking News (8th Pay Commission)। केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी थी, लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है। हाल ही में सामने आई रिपोर्ट के अनुसार जल्द ही आठवें वेतन आयोग की घोषणा की जाएगी क्योंकि सरकार ने अब टीओआर यानी टर्म ऑफ रिफरेंस को मंजूरी दे दी है।
सरकार हर 10 साल में नया वेतन आयोग लागू करती है। इसका मकसद सरकारी कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई से राहत देने का होता है। नए वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और पेंशन के साथ लगभग सभी भत्तों को भी अपडेट किया जाएगा। जब नया वेतन आयोग लागू होता है तो महंगाई भत्ता यानी डीए को जीरो कर दिया जाता है।
इसे रिसेट करके फिर से शुरू किया जाता है। दरअसल महंगाई भत्ते को कर्मचारियों की सैलरी में मर्ज कर दिया जाता है लेकिन एक बड़ा सवाल सबके मन में बना हुआ है कि जब आठवें वेतन आयोग को लागू किया जाएगा तो महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी में कितना मर्ज किया जाएगा 60 प्रतिशत या फिर 70 प्रतिशत।
फिलहाल कर्मचारियों को मिल रहा है इतना डीए-
मौजूदा समय में सरकारी कर्मचारियों को 58 प्रतिशत डीए मिल रहा है। अनुमान है कि जनवरी 2026 तक डीए 60 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें जून 2027 तक आने की संभावना है। इसका मतलब ये है कि जब रिपोर्ट आएगी तब तक शायद डीए 70 प्रतिशत के आसपास पहुंच जाएगा। ऐसे में क्या सरकार 70 प्रतिशत डीए को सैलरी में मर्ज करेगी? या सिर्फ 60 प्रतिशत डीए ही सैलरी में मर्ज किया जाएगा।
पिछले वेतल आयोग में हुआ था इतना डीए मर्ज-
हर वेतन आयोग का एक नियम है कि नया वेतन आयोग लागू होने की तारीख तक जितना डीए होता है उसे बेसिक सैलरी के साथ जोड़ दिया जाता है। उसके बाद के महीना का महंगाई भत्ता नए वेतन ढांचे के हिसाब से अलग से गिना जाता है यानी यह जीरो से शुरू होता है।
5वां वेतन आयोग लागू हुआ जनवरी 1996 से, तब DA 151 प्रतिशत था- वही मर्ज हुआ।
6वां वेतन आयोग जनवरी 2006 से लागू हुआ, तब DA 115 प्रतिशत था- वही बेसिक में गया।
7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 से लागू हुआ, तब DA 125 प्रतिशत था- वही मर्ज हुआ।
इसी तरह, अब 8वें वेतन आयोग के लिए भी जनवरी 2026 तक का DA- यानि लगभग 60 प्रतिशत- ही बेसिक में जोड़ा जाएगा।
उदाहरण की मदद से समझिए-
एक उदाहरण में समझते हैं : मान लीजिए सरकार 60 प्रतिशत महंगाई भत्ता कर्मचारियों की बेसिक सैलरी के साथ मर्ज करती है तो किसी कर्मचारी की न्यूनतम बेसिक सैलरी 40,000 रुपये प्रति महीना है। जनवरी 2026 तक महंगाई भत्ता 60 प्रतिशत तक पहुंच जाता है तो कर्मचारी की 40,000 सैलरी में 24,000 डीए को ऐड कर दिया जाएगा यानी सरकारी कर्मचारी की कुल सैलरी 64,000 रुपये मंथली हो जाएगी। पैसे में नया बेसिक पे बनेगा 40,000 * 1.92 = 76,800।
इतना डीए होगा मर्ज-
इसका मतलब यह है कि जनवरी 2026 तक जो डीए 60 प्रतिशत था उसे कर्मचारियों की नई बेसिक सैलरी में शामिल कर लिया गया है यानी नए वेतन ढांचे के साथ महंगाई भत्ता फिर से रिसेट होकर जीरो से शुरू होगा। 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें जून 2027 में आएगी तब तक नया महंगाई भत्ता बढ़ता रहेगा। यह तीन प्रतिशत 3 प्रतिशत, 6 प्रतिशत, 9 प्रतिशत तक हो सकता है।
डीए मर्जिंग को लेकर ये हैं नियम-
अब सवाल यह उठता है कि 70 प्रतिशत महंगाई भत्ता बेसिक सैलरी में क्यों मर्ज नहीं होगा? इसका जवाब वेतन आयोग के नियमों में छिपा हुआ है। बता दें कि हर वेतन आयोग की सिफारिश में यह स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है कि महंगाई भत्ते की मर्जिंग लागू होने की तारीख तक सीमित रहेगी। यानी अगर 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से प्रभावित होगा तो उसी दिन तक का डीए बेसिक सैलरी के साथ जोड़ा जाएगा। 1 जनवरी 2026 तक डीए 60 प्रतिशत होगा यानी नियमों के अनुसार कर्मचारियों के बेसिक सैलरी के साथ सिर्फ 60 प्रतिशत महंगाई भत्ते को जोड़ा जाएगा। इसके बाद डीए नए सिरे से शुरू होगा और नए वेतन आयोग के तहत ही बढ़ेगा।