Delhi Metro में हर दिन खर्च होती है इतनी बिजली, रोजाना आता है इतने करोड़ का बिल
Delhi Metro News : दिल्ली मेट्रो भारत का सबसे बड़ा रेलवे मेट्रो नेटवर्क है। यहां पर रोज हजारों मेट्रो (Delhi Metro) रफ्तार भरती है। ऐसे में मेट्रो को चलाने के लिए खर्च होने वाली बिजली भी काफी ज्यादा है। आज हम आपको इसी बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
HR Breaking News - (Delhi Metro)। दिल्ली मेट्रो नेटवर्क के माध्यम से रोजाना हजारों ट्रेन रफ्तार भर्ती है और इन मेट्रो को चलाने के लिए हर रोज लाखों किलोवाट बिजली खपत होती है। ऐसे में अक्सर लोगों के मन में सवाल आता है कि दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro Update) में हर रोज कितनी बिजली खर्च होती है। खबर में जानिए इस बारे में पूरी जानकारी।
आधुनिक सुविधाओं से होगा लैस-
देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आने जाने का सबसे अच्छा विकल्प दिल्ली मेट्रो ही है। यह यहां की लाइफलाइन के नाम से जानी जाती है। दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro News) का पहिया ठप होने का मतलब दिल्ली ठहर गई। रोजाना यहां से लाखों लोग मेट्रो के माध्यम से सफर करते हैं। यहां पर मेट्रो के बिना सब कुछ अधूरा माना जाएगा। दिल्ली मेट्रो में स्टेशन आधुनिक सुविधाओं (Facilities on Metro station) से लैस है। इस दौरान क्या आपने कभी सोचा है कि रोजाना यहां पर मेट्रो के चलने के लिए कितनी बिजली खर्च होती होगी। आईए जानते हैं इससे जुड़े आंकड़े।
रेड लाइन से हुई थी शुरुआत-
बता दें कि दिल्ली मेट्रो की शुरुआत 24 दिसंबर 2002 में रेड लाइन के साथ की गई थी। सबसे पहले मेट्रो शाहदरा से तीस हजारी के बीच चलाई गई थी। जोकि 8.4 किलोमीटर के रूट को कवर करती है। इसके बाद दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro News) में कई रूट पर मेट्रो सर्विस को भी शुरू किया गया। दिल्ली मेट्रो को दिल्ली उत्तर प्रदेश और हरियाणा डिस्कॉम से तकरीबन 2 एमयू बिजली मिलती है।
रोजाना आता है इतना खर्च-
बता दें कि दिल्ली मेट्रो में रोजाना 30 लाख यूनिट बिजली की खपत की जाती है। यह दिल्ली की कुल बिजली की खपत का 2.5 प्रतिशत है। यह आंकड़ा वाकई चौंकाने वाला है। दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) की रोजाना बिजली खपत का खर्च लगभग 1.83 करोड रुपए आता है। यह खर्च मेट्रो के संचालन स्टेशनों की रोशनी लेफ्ट एस्केलेटर और वेंटीलेशन सिस्टम को चलाने के लिए किया जाता है।
इस हिसाब से होती है बिजली की खपत-
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को इस बिजली का 50 प्रतिशत हिस्सा दिल्ली यूपी और हरियाणा के डिस्काउंट से मिलता है। जबकि बाकी जो मेगावाट ऑफ साइड सोलर प्लांट और 140 मेगावाट रूफटॉप सोलर प्लांट (Delhi Metro Electricity usage) से मिलता है, जिसकी वजह से पर्यावरण की रक्षा भी होती है।
आपातकालीन बैकअप प्रोजेक्ट है तैयार-
दिल्ली मेट्रो के पास अपना आपातकालीन बैकअप प्रोजेक्ट भी मौजूद है। इसके तहत आपातकालीन स्थिति में डीएमआरसी की ट्रांजैक्शन में एक लाइन पर औसतन चार सबस्टेशन (Metro substation) मौजूद रहते हैं। इसमें से किसी एक के फेल हो जाने पर अन्य सब स्टेशन से बिजली को लिया जा सकता है।