हरियाणा के इस जिले में मौजूद है अंग्रेजों के जमाने की जेल

HR BREAKING NEWS: हरियाणा के अंबाला जिले में अंग्रेजों के जमाने की जेल मौजूद है। इस जेल में महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को फांसी दी गई थी। आज भी सेंट्रल जेल में इस प्रकरण से जुड़ी यादें हैं।
 

अंबाला में अंग्रेजों के जमाने की जेल मौजूद है। शहर की ऐतिहासिक सेंट्रल जेल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को फांसी दी गई थी। इसमें फांसी इस लिए दी गई ताकि लोगों की भीड़ इकट्ठी न हो पाए।

इसी कारण से सूरज उगने से पहले ही उसे फांसी दे दी गई। शव स्वजनों के हवाले नहीं किया गया था। आज भी सेंट्रल जेल में इस प्रकरण से जुड़ी यादें हैं।

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ईस्ट पंजाब हाईकोर्ट में चलाया गया था ट्रायल 

नाथू राम गोडसे ने तीस जनवरी 1948 को महात्मा गांधी को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। इसके बाद गोडसे के खिलाफ शिमला के पिटरहफ स्थित ईस्ट पंजाब हाईकोर्ट में ट्रायल भी चलाया गया।

अदालत ने उसे गोडसे को आठ नवंबर 1949 को फांसी की सजा सुनाई, जबकि फांसी सात दिनों बाद देना तय हुआ था। फांसी के लिए उसे अंबाला शहर की सेंट्रल जेल में भेज दिया गया था।

गोडसे के स्वजनों को भी इसकी जानकारी थी और वे भी अंबाला शहर पहुंचे थे। प्रशासन को भी कुछ अनहोनी की आशंका थी, जिसके चलते सूरज उगने से पहले ही गोडसे को फांसी दे दी गई। शव स्वजनों को नहीं सौंपा गया।

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पुलिस ने ही करवाया था गोडसे का अंतिम संस्कार

जेल प्रशासन ही गोडसे के शव को वाहन में लेकर चला गया। जेल से काफी दूर गोडसे का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। यह प्रकरण आज भी लोगों को याद है और इसकी जानकारी सेंट्रल जेल में मौजूद है।

उधर, दूसरी ओर गोडसे के बाद अंबाला शहर की सेंट्रल जेल में दो लोगों को ही फांसी हुई है। इनमें साल 1988, 1989 में दोषियों को फांसी दी गई थी। आज भी सेंट्रल जेल अंबाला शहर में कोई जल्लाद नहीं है। अंग्रेजों के समय की बनी यह सेंट्रल जेल आज भी पूरी ताकत के साथ खड़ी है।