Income Tax : हाईकोर्ट ने कर दिया साफ, अब इतने साल पुराने मामले नहीं खोल सकेगा इनकम टैक्स विभाग

Income Tax Rules : इनकम टैक्स विभाग की ओर से आयकर व्यवस्था के लिए कई तरह के नियम तय किए गए हैं। इन नियमों (IT rules for reassessment)  के उल्लंघन और टैक्स चोरी का संदेह होने पर विभाग कार्रवाई को अंजाम देता है। टैक्सपेयर्स (taxpayers news) से जुड़े ऐसे मामलों में विभाग नोटिस भी भेजता है। विभाग को पुराने मामलों में भी कार्रवाई करने का अधिकार है, लेकिन अब हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) निर्धारित समय सीमा से पुराने मामलों को रिऑपन नहीं कर सकेगा। आइये जानते हैं कोर्ट के फैसले के बारे में।
 

HR Breaking News - (income tax rules)। पिछले माह बजट में इनकम टैक्सपेयर्स को वित्तमंत्री ने बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स फ्री किया था। अब हाईकोर्ट (delhi high court) की ओर से इनकम टैक्स मामलों से जुड़ा बड़ा फैसला सुनाया है, जो करोड़ों टैक्सपेयर्स (taxpayers news)  के लिए राहत भरा है। 


इनकम टैक्स विभाग के पास अब यह अधिकार नहीं होगा कि वह एक तय समय से पुराने मामले खोल सके। हालांकि इस फैसले के साथ ही कुछ नियम भी कोर्ट ने बताए हैं, जिनका पालन इनकम टैक्स विभाग और टैक्सपेयर्स को करना होगा। यह फैसला दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनाया है। कोर्ट के इस निर्णय (court decision on reassessment) का असर आने वाले समय में टैक्स सिस्टम पर भी पड़ सकता है।

यह कहा है दिल्ली हाईकोर्ट ने-

इनकम टैक्स विभाग के अधिकारों को बताते हुए दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High court) ने अपने फैसले में कहा है कि आयकर विभाग अब तीन वर्ष तक के ही इनकम टैक्स (IT notice) से जुड़े मामले को रिऑपन कर सकता है। इससे पुराने मामले खंगालने का अधिकार नहीं होगा। 
हालांकि इसमें से कुछ मामलों को अपवाद माना जा सकता है, जो गंभीर हैं। आम मामलों में 3 साल के बाद रीअसेसमेंट ऑर्डर (reassessment order rules)को जारी करने का कदम आयकर विभाग नहीं उठा सकेगा।

कुछ खास मामलों में ही मिलेगी छूट-

कोर्ट ने इसके साथ ही यह भी व्यवस्था दी है कि इनकम टैक्स विभाग री असेसमेंट (Income tax reassessment order) के लिए अगर ज्यादा पुराने मामले खोलना चाहता है तो इसके लिए मामले की गंभीरता को देखा जाएगा। गंभीर मामलों व 50 लाख से ज्यादा के मामलों में केस रिऑपन करने की समय सीमा 10 साल होगी। 


इन मामलों में वे मामले भी आएंगे जिनमें टैक्स चोरी की मंशा से 50 लाख रुपये से अधिक की आय छिपा ली गई हो। इन केसों को सीरियस फ्रॉड (tax frod cases reopen rules) से जोड़कर देखा जाएगा और दस साल तक के पुराने मामले खोलने का अधिकार विभाग के पास रहेगा।

दिल्ली हाईकोर्ट की टिप्पणी-

दिल्ली हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए अहम टिप्पणी की है।  हाईकोर्ट के दो जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि आयकर विभाग (Income tax department) की ओर से ऐसेसमेंट इयर के खत्म होने के बाद तीन साल का समय बीत जाता है तो सामान्य मामलों में किसी को नोटिस (Income tax Notice) जारी नहीं किया जा सकता।  

हालांकि कुछ विशेष मामलों में 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी रीअसेसमेंट के लिए विभाग की ओर से जारी किया जा सकता है। इनमें वो मामले गिने जाएंगे, जिनमें 50 लाख रुपये से ज्यादा आय को टैक्स चोरी (tax evasion) करने की मंशा से छिपाया गया हो या टैक्स चोरी का मामला ज्यादा ही गंभीर हो । 

नोटिस की वैधता पर दिया यह फैसला -

इनकम टैक्स विभाग से जुड़ा केस रीऑपन करने का एक मामला दिल्ली हाईकोर्ट में पहुंचा था। यह मामला इनकम टैक्स (Income tax act) एक्ट की धारा 148 से जुड़ा था, इस धारा के अनुसार याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया गया था। कोर्ट को इसी नोटिस (Income tax notice) की वैधता पर फैसला करना था। कोर्ट ने क्लियर किया कि धारा 148  पुरानी व्यवस्था का हिस्सा है। 


सके अनुसार पहले आयकर विभाग 6 साल तक के पुराने मामलों खोल सकता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। इस नियम (income tax rules) को बदलकर तीन साल की समय सीमा तय कर दी गई है। केवल 50 लाख रुपये से अधिक आय को छिपाने पर विभाग किसी मामले को दोबारा जांच के लिए खंगाल सकता है, नहीं तो सामान्य मामलों में वह 3 साल से पहले ही जांचना है वो जांच ले। 3 साल के बाद टैक्स (tax notice rules) से जुड़े सामान्य केस विभाग नहीं खंगाल सकेगा।