मेट्रो से जुड़ेंगे NCR के 30 से ज्यादा गांव, DPR का काम शुरू
NCR - हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि एनसीआर के 30 से ज्यादा गांवों को मेट्रो से जोड़ा जाएगा। इस मेट्रो विस्तार से साइबर सिटी (cyber city) और आसपास के निवासियों को सीधा लाभ मिलेगा। इस प्रोजेक्ट की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार हो गई है... इसके बाद, डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बनाने का काम शुरू होगा-
HR Breaking News, Digita Desk- (Gurgaon to Panchgaon Metro) गुरुग्राम के सेक्टर-56 रैपिड मेट्रो स्टेशन से पचगांव चौक तक जल्द ही मेट्रो सेवा शुरू होगी। इस मेट्रो विस्तार से साइबर सिटी (cyber city) और आसपास के निवासियों को सीधा लाभ मिलेगा।
इस प्रोजेक्ट की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार हो गई है, जिसमें दिल्ली-गुरुग्राम-बहरोड RRTS कॉरिडोर को भी शामिल किया गया है। राज्य सरकार इस रिपोर्ट पर काम कर रही है और इस महीने के अंत तक इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसके बाद, डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बनाने का काम शुरू होगा, जो इस महत्वपूर्ण परियोजना को आगे बढ़ाएगा।
HSIDC और साइबर सिटी को होगा बड़ा लाभ-
नए मेट्रो रूट के लिए हरियाणा (haryana) राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम (HSIDC) भी बजट में सहयोग करेगा। इस साझेदारी से मानेसर और आसपास के इलाकों में HSIDC के बड़े प्रोजेक्ट्स को बेहतर मेट्रो कनेक्टिविटी का फायदा मिलेगा। यह रूट साइबर सिटी और उसके आसपास के लाखों लोगों को भी सुविधा प्रदान करेगा, जिससे आवागमन आसान और तेज़ हो जाएगा।
30 से ज्यादा गांव सीधे मेट्रो से जुड़ेंगे-
इस रूट के पूरा होने के बाद गुरुग्राम जिले के अधिकांश इलाके मेट्रो से जुड़ जाएंगे। मानेसर के आसपास विकसित कई सोसायटियां और 30 से अधिक गांव सीधे मेट्रो नेटवर्क (metro network) से कनेक्ट होंगे। इससे सड़कों पर यातायात का दबाव कम होगा और विकास की रफ्तार तेज होगी।
इंटरचेंज और स्टेशन की योजना-
सेक्टर-56 वर्तमान में रैपिड मेट्रो (rapid metro) का अंतिम स्टेशन है। यहां एक नया इंटरचेंज बनाया जाएगा और आगे नया कॉरिडोर जोड़ा जाएगा। भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ज्यादा से ज्यादा स्टेशन बनाने का प्रयास होगा। स्टेशनों की सटीक संख्या और ये कहां बनेंगे, इसकी डीटेल डीपीआर से सामने आएंगे।
पचगांव चौक पर RRTS से जुड़ेगा कॉरिडोर-
इस कॉरिडोर को पचगांव चौक (Pachgaon Chowk) पर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) से जोड़ा जाएगा। यह कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां से लेकर राजस्थान के अलवर तक विकसित किया जा रहा है। इससे दिल्ली-गुरुग्राम से लेकर अलवर तक का सफर और आसान हो जाएगा।
RRTS कॉरिडोर के चरण-
एनसीआरटीसी (National Capital Region Transport Corporation) तीन चरणों में आरआरटीएस कॉरिडोर का विकास करेगा। इसका पहला चरण 106 किलोमीटर का होगा, जिसमें दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़) को विकसित किया जाएगा, दूसरे चरण में बहरोड़ से सोतानाला और तीसरे चरण में सोतानाला से अलवर तक कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। इस कॉरिडोर पर नमो भारत ट्रेनें (namo bharat trains) 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी, जिनकी औसत गति 100 किमी प्रति घंटा होगी। हर 10 से 15 मिनट में ट्रेन उपलब्ध होगी।
केंद्र से जल्द मिलेगी मंजूरी-
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल (Union Urban Development Minister Manohar Lal) ने गुरुग्राम में आयोजित एक समारोह में संकेत दिया है कि आरआरटीएस (RRTS) कॉरिडोर परियोजना को जल्द ही मंजूरी मिलेगी। माना जा रहा है कि कैबिनेट इस परियोजना को जल्द हरी झंडी दे सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जल्द ही डीपीआर (DPR) यानी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का काम शुरू होगा, जिससे साइबर सिटी (cyber city) सहित कई इलाकों को मेट्रो कनेक्टिविटी (metro connectivity) का लाभ मिल सकेगा।