my diary : मेरी सहेली के पति के साथ मैंने किया ये काम, अब हो रहा पछतावा, कैसे भूलाऊं
 

दोस्त हमेशा ऐसे बनाने चाहिए जो आपके घर की मां बेटी पर बुरी नजरें न रखें। लेकिन कई बार हम किसी को अच्छे से पर्ख नहीं पाते हैं। इस कहानी में भी कुछ ऐसा ही है। महिला ने बताया की उसकी सहेली का पति उसके साथ सोना चाहता है। लेकिन अब उसे समझ नहीं आ रहा है। कि वो क्या करे-

 

HR Breaking News (ब्यूरो) : कई बार लोगों के साथ ऐसा होता है शादी के बाद सबसे कुछ होने के बाद भी पति या पत्नी दूसरी जगह प्यार तलाशने लगते हैं। इस कहानी में भी कुछ ऐसा ही हुआ जब सहेली के पति ने उसकी पक्की दोस्त पर नजर डालना शुरू कर दिया। आज ब्लैक डायरी में हम आपको बताते हैं, उस महिला की कहानी जो कहती है कि मेरी सहेली का पति मेरे साथ एक रात सोना चाहता था फिर मैंने ऐसा किया कि.....

यह कहानी है एक विवाहित महिला प्रीति (परिवर्तित नाम) की। प्रीति हंसी खुशी अपनी जिंदगी जी रही थी। घर में दो बच्चे थे। एक अच्छा और केयरिंग पति था। घर में दोस्तों का आना जाना भी लगा रहता था। उन्हीं में से एक थी प्रीति के दोस्त रश्मि (परिवर्तित नाम) जो अक्सर अपने पति के साथ प्रीति के घर कभी डिनर पर तो कभी बच्चों को खिलाने आ जाया करती थी। प्रीति के साथ अक्सर उसके पति राकेश (परिवर्तित नाम) भी आया करते थे।

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प्रीति बताती हैं कि रश्मि और मेरे परिवार में घर जैसे संबंध थे। हम लोग एक दूसरे के साथ रहना, घूमना फिरना, होटल जाना बहुत पसंद करते थे। लेकिन, एक बार जब हम डिनर पर एक रेस्टोरेंट में गए और मेरे पति बिल पे करने के लिए रिसेप्शन तक गए और रश्मि बाथरूम गई, तो मैं और राकेश आमने सामने बैठे हुए थे। राकेश मुझे बड़ी अजीब तरह से देख रहा था, जैसे उसने मुझे पहले कभी नहीं देखा था। दोनों के आने से पहले राकेश ने अपने दिल की बात मुझसे कही जिससे मैं शौक हो गई।

राकेश ने कहा कि प्रीति अगर बुरा ना मानो तो एक बात कहूं? तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो? क्या मैं भी तुम्हें अच्छा लगता हूं? तो मैंने तुरंत कहा हां राकेश तुम भी बहुत अच्छे हो। राकेश ने फिर कहा मुझे गलत मत समझना पर जब मैं तुम्हें देखता हूं तो मुझे तुम्हारे पास आने का मन करता है, तुम्हें छूने का मन करता है, क्या सिर्फ एक बार तुम मुझे अपने पास आने का मौका दोगी?

यह सब सुनकर प्रीति 2 मिनट के लिए मौन हो गई और वहां से उठ कर चली गई। राकेश ने दोबारा उससे यह बात नहीं कही। प्रीति बताती है कि लगभग 1 सप्ताह बीत जाने के बाद मैंने राकेश को एक मैसेज किया कि क्या वह मेरे घर आ सकता है? उस समय घर पर बच्चे नहीं थे और मेरे पति भी किसी काम से बाहर गए थे। जब राकेश घर आया तो मैंने दरवाजा खोला। हम दोनों ने एक दूसरे की आंखों में देखा और एक दूसरे को गले लगा लिया। बस वह एक पल था जब मैं सब कुछ भूल गई और सिर्फ राकेश की होकर रह गई। 


हालांकि, अब मुझे उस बात का बहुत अफसोस होता है कि मैं कैसे अपनी मर्यादा भूल गई। आज तक मैं अपनी दोस्त को यह बात नहीं बता पाई हूं कि उसके पति और मेरे बीच संबंध बन चुका है। ना ही मैंने अपने पति से इस बारे में कोई जिक्र किया। हम दोनों उसके बाद कभी एक-दूसरे के करीब नहीं आए। लेकिन जब भी मैं राकेश से मिलती हूं उसकी आंखों में मुझे वही प्यार नजर आता है। 

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ब्लैक डायरी एशियानेट की एक ऐसी सीरीज है, जिसमें हम कुछ ऐसे रिश्तों के राज आपको बताते हैं जो कहीं सीने में दबे हुए रहते हैं। इस सीरीज के माध्यम से जो लोग हमें अपनी कहानी बताते हैं, हम उनका नाम बदलकर उस कहानी को आप तक लेकर आते हैं।