MP में बनेगा नया एक्सप्रेसवे, 3 जिलों में होगा भूमि अधिग्रहण
MP - हाल ही में आई एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि भोपाल-इंदौर के लिए नया एक्सप्रेस-वे बनाने की तैयारी है, नए एक्सप्रेस वे से भोपाल-इंदौर के बीच की दूरी 200 से घटकर 145 किमी. रह जाएगी... इस एक्सप्रेस वे के जरिए भोपाल से इंदौर तक का सफर महज दो घंटे में पूरा होने की बात कही जा रही है-
HR Breaking News, Digital Desk- (Bhopal-Indore New Expressway) मध्य प्रदेश के दो प्रमुख शहर, भोपाल और इंदौर के बीच की दूरी को 55 किमी तक कम करने की योजना है। इसके लिए, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने भोपाल-इंदौर के बीच एक नए एक्सप्रेस-वे का प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा है। यह परियोजना दोनों शहरों के बीच यात्रा को तेज और सुविधाजनक बना सकती है।
बताया गया है कि इस नए एक्सप्रेस वे के बनने के बाद भोपाल से इंदौर का सफर बेहद आसान हो जाएगा और दोनों शहरों के बीच की दूरी 200 किमी. से घटकर 145 किमी. रह जाएगी। इस एक्सप्रेस वे के जरिए भोपाल से इंदौर तक का सफर महज दो घंटे में पूरा होने की बात कही जा रही है।
NHAI ने बनाए एक्सप्रेस-वे के तीन विकल्प-
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, देवांश नुवाल के अनुसार, भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस-वे के लिए तीन विकल्प तैयार किए गए हैं। इनमें से दो विकल्प वेस्टर्न बायपास से इंदौर ईस्टर्न रिंग रोड (Indore Eastern Ring Road) तक हैं, जबकि एक विकल्प मंडीदीप से ईस्टर्न रिंग रोड तक है। केंद्र सरकार इनमें से जिस विकल्प को मंजूरी देगी, उस पर निर्माण कार्य शुरू होगा।
इस हाई-स्पीड एक्सप्रेस-वे की अनुमानित लागत 6000 से 8000 करोड़ रुपये हो सकती है। वर्तमान में भोपाल से इंदौर (Bhopal to Indore) की यात्रा में साढ़े तीन से चार घंटे लगते हैं, लेकिन इस नए एक्सप्रेस-वे के बनने के बाद यह सफर मात्र दो घंटे में पूरा होने की संभावना है।
3 जिलों में होगा जमीन का अधिग्रहण-
भोपाल-इंदौर के बीच बनने वाले इस नए एक्सप्रेस वे के लिए तीन जिलों भोपाल, सीहोर और देवास में करीब 11 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। केन्द्र सरकार (central government) से अनुमति मिलने के बाद सीमांकन और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद ही यह विचार भी होगा कि यह एक्सप्रेस हाईवे बीओटी, एनयूटी या किसी अन्य मॉडल पर बनाया जाए। टोल (toll) आदि का निर्णय भी उसके बाद ही होगा।