अब Delhi-NCR वालों का सफर हो जाएगा आसान, 10850 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा नया रिंग रोड
Delhi-NCR - दिल्ली में अब छह लेन का एक नया तीसरा रिंग रोड बनेगा. इसका उद्देश्य शहर में बढ़ते ट्रैफिक को कम करना है. इस रिंग रोड से दिल्ली में आने-जाने वाले मालवाहक वाहनों और अन्य गाड़ियों को एक वैकल्पिक रास्ता मिलेगा, जिससे भीड़भाड़ कम होगी. यह रिंग रोड शहर के बाहरी इलाकों से गुजरेगा, जो दिल्ली की ट्रैफिक समस्या को हल करने में मदद करेगा-
HR Breaking News, Digital Desk- (Delhi-NCR) दिल्ली में अब छह लेन का एक नया तीसरा रिंग रोड बनेगा. इसका उद्देश्य शहर में बढ़ते ट्रैफिक को कम करना है. हाल ही में, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बीच इस पर बातचीत हुई. इसके बाद, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने एक नया प्लान तैयार किया है.
इस रिंग रोड से दिल्ली में आने-जाने वाले मालवाहक वाहनों और अन्य गाड़ियों को एक वैकल्पिक रास्ता मिलेगा, जिससे भीड़भाड़ कम होगी. यह रिंग रोड शहर के बाहरी इलाकों से गुजरेगा, जो दिल्ली की ट्रैफिक समस्या को हल करने में मदद करेगा.
तीन बड़े राज्य होंगे कनेक्ट-
दरअसल, यह रिंग रोड दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा को एक दूसरे के साथ कनेक्ट करेगा. जिससे उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली और हरियाणा तक के कई शहरों और लोगों को फायदा होगा. वहीं जब से इस रिंग रोड से इन तीन बड़े राज्यों को कनेक्ट करने की बात की जा रही है. तभी से लोग इस सोच में चले गए हैं कि इस रिंग रोड से इन तीन राज्यों के किन-किन शहरों को बेहद एक्सक्लूसिव कनेक्टिविटी मिलेगी. वहीं इस रिंग रोड से मिलने वाली कनेक्टिविटी के बारे में आज हम आपको अपनी इस खबर में विस्तार से बताने जा रहे हैं.
इन शहरों को मिलेगी कनेक्टिविटी और होगा फायदा-
यह दिल्ली रिंग रोड परियोजना (Delhi Ring Road Project) दो चरणों में पूरी होगी. पहले चरण में यह रिंग रोड उत्तरी दिल्ली के अलीपुर से शुरू होकर गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी के रास्ते दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर मंडुला के पास जुड़ेगा. दूसरे चरण में, यह मंडुला से शुरू होकर घिटोरा और फारुखनगर होते हुए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Meerut Expressway) से मिलेगा और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर समाप्त होगा. यह राजमार्ग राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में यातायात को सुगम बनाने में मदद करेगा.
सिर्फ इतना ही नहीं यह रिंग रोड हरियाणा (Haryana), राजस्थान (rajasthan) और उत्तराखंड के बीच चलने वाले यातायात को डायवर्ट करेगा, जिससे एनएच-48, एनएच-44, रिंग रोड और बारापुला कॉरिडोर पर भी लोड कम होगा. इस रिंग रोड से उन वाहनों को एक शहर से दूसरे शहर तक की कनेक्टिविटी दी जाएगी जो पहले दिल्ली से होकर निकलते थे.
एनएचएआई (NHAI) की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के यातायात दबाव को कम करने के लिए रिंग रोड के दूसरे चरण में एक नया हाईवे बनाया जाएगा. यह हाईवे गाजियाबाद (Gaziabad), नोएडा (Noida) और दिल्ली (Delhi) के बीच वाहनों के लिए हाई-स्पीड बाईपास का काम करेगा. इससे कालिंदी कुंज, सराय काले खां और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi-Meerut Expressway) पर भीड़ कम होगी. यह बाईपास बागपत, लोनी और गाजियाबाद जैसे शहरों को भी जोड़ेगा, जिससे आउटर रिंग रोड पर भी वाहनों का दबाव कम होगा और लोगों को सफर में आसानी होगी.
रिंग रोड को बनाने में आएगी इतनी लागत-
NHAI की एक ओर रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रोजेक्ट को दो चरणों में पूरा किया जाएगा. पहले चरण के तहत 17 किलोमीटर की दूरी को 3350 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा. जो कि यूईआर-2 को ट्रोनिका सिटी के पास दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस के पास जोड़ेगा.
क्या आएगी लागत-
दो हाईवे प्रोजेक्ट्स के दूसरे चरण में 65 किमी लंबा मार्ग बनाया जाएगा, जिसकी शुरुआत मंडुला से होगी और यह गाजियाबाद, घिटोरा, फारुखनगर, हिंडन और इंदिरापुरम होते हुए नोएडा तक जाएगा. इसकी अनुमानित लागत 7500 करोड़ रुपये है. इन दोनों हाईवे की कुल लंबाई 82 किमी होगी और इनकी कुल लागत 10,850 करोड़ रुपये होगी.