अब एक लाख से ज्यादा रकम नहीं निकाल पाएंगे इस बैंक के ग्राहक, RBI ने लगाई पाबंदी
आरबीआई ने बयान में कहा कि लखनऊ स्थित सहकारी बैंक बिना उसकी मंजूरी के कोई ऋण, अग्रिम प्रदान या नवीनीकृत जारी नहीं करेगा और न ही कोई निवेश कर सकेगा।
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आरबीआई ने राजकोट पीपल्स को-ऑपरेटिव बैंक, राजकोट पर ‘निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें वे रुचि रखते हैं, को ऋण और अग्रिम’ के निर्देशों के उल्लंघन के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
भद्राद्री को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक पर आरबीआई ने दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। वहीं कुछ मानदंडों के उल्लंघन के लिए जम्मू सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जम्मू और जोधपुर नागरिक सहकारी बैंक, जोधपुर पर प्रत्येक पर एक लाख का जुर्माना लगाया गया था।
हालांकि, आरबीआई ने कहा कि जुर्माना नियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और यह बैंकों द्वारा अपने संबंधित ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल नहीं खड़ा करता है।
आरबीआई ने कहा कि बैंक के किसी जमाकर्ता को बचत, चालू या अन्य खातों में मौजूद कुल शेष रकम में से एक लाख से अधिक की राशि को निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
हालांकि केंद्रीय बैंक ने कहा कि इन निषेधात्मक निर्देशों को आरबीआई द्वारा बैंकिंग लाइसेंस को रद्द करने के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
इससे पहले आरबीआई ने जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष योजना, 2014 के कुछ मानदंडों के उल्लंघन पर वराछा सहकारी बैंक लिमिटेड, सूरत पर एक लाख रुपये का जुर्माना
और मोगवीरा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर केवाईसी मानदंडों से संबंधित कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। वहीं पहले वसई जनता सहकारी बैंक, पालघर पर भी दो लाख का मौद्रिक जुर्माना लगाया गया था।