OPS vs NPS : क्या केंद्रीय कर्मचारियों को आखिरी वेतन की 40 से 45% मिलेगी पेंशन, सरकार ने अपना रूख किया स्पष्ट

OPS vs NPS : केंद्रीय कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन देने की खबरों को वित्त मंत्रालय ने सिरे से नकार दिया था। लेकिन आपको बता दें कि इन खबरों की गूंज अब संसद में भी सुनाई दे रही है।  ऐसे में अब सवाल ये है कि आखिर क्या  केंद्रीय कर्मचारियों को आखिरी वेतन की 40 से 45 प्रतिशत पेंशन मिलेगी या नहीं आइये जानते इस पर सरकार का क्या है जवाब...
 

HR Breaking News, Digital Desk- Minimum Pension Benefit: वित्त मंत्रालय ने हाल ही में केंद्र सरकार के कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन (Minimum Pension) देने की खबरों से सिरे से खारिज कर दिया था। परंतु, इन खबरों की गूंज अब संसद में भी सुनाई दे रही है। राज्यसभा में प्रश्नकाल में वित्त मंत्री (Finance Minister) से केंद्रीय कर्मचारियों के दिए जाने वाले पेंशन के नियमों में बदलाव को लेकर सवाल पूछा गया। 

वित्त मंत्री से पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के रिटायरमेंट से पहले के आखिरी सैलरी की 40 से 45 फीसदी रकम पेंशन के तौर पर देने पर विचार कर रही है? इस सवाल का जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने सरकार का रूख स्पष्ट किया।   

 

 

राज्यसभा सांसद के डी सिंह ने प्रश्नकाल में नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के रिव्यू से जुड़ा सवाल पूछा। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या केंद्र सरकार नेशनल पेंशन स्कीम के मिलने वाले मार्केट लिंक्ड पेंशन के फॉर्मूला को बदलने पर विचार कर रही है और कर्मचारियों के रिटायरमेंट से पहले की आखिरी सैलेरी  का 40 से 45 फीसदी पेंशन के तौर पर देने पर विचार कर रही है?  इन सवालों का जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री की ओर से कहा गया कि फिलहाल सरकार ऐसे किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है। 

सांसद केडी सिंह ने वित्त मंत्री से पूछा कि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एनपीएस (National Pension Scheme) के रिव्यू के लिए सरकार ने जिस कमिटी का गठन किया है  क्या उसने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है? और क्या सरकार मौजूदा पेंशन स्कीम की समीक्षा पर विचार कर रही है? इन सवालों पर वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि अभी कमिटी की रिपोर्ट नहीं आई है और मौजूदा पेंशन स्कीम की समीक्षा का सवाल ही नहीं उठता है। 

दरअसल पिछले महीने ये खबर सामने आई थी कि सरकार NPS के तहत अपने कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन देने का प्रस्ताव लेकर सामने आ सकती है। तब वित्त मंत्रालय ने इन खबरों का खंडन किया था। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में जब वित्त विधेयक को लोकसभा से पारित कराया जा रहा था तब वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने वित्त सचिव की अध्यक्षता में एनपीएस (National Pension Scheme) की समीक्षा करने के लिए कमेटी के गठन का ऐलान किया था। कमेटी अभी भी अलग अलग स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा कर रही है। वित्त मंत्रालय ने बताया था कि कमेटी फिलहाल किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। 

कई कांग्रेस शासित राज्यों ने एनपीएस को छोड़ ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को वापस से अपने कर्मचारियों के लिए लागू कर दिया है। धीरे-धीरे ये बड़ा चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है जिस कारण केंद्र सरकार पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है। 

फिटमैंट फैक्टर में इतनी होगी बढ़ौतरी


इसी बीच अब कर्मचारियों के फिटमैंट फैक्टर (Fitment Factor Hike) में भी इजाफा होने की चर्चाएं शुरू हो गई है। केंद्र सरकार नए साल पर कर्मचारियों को ये तोहफा दे सकती है। अगर ऐसा हुआ केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी (Central Employees Salary) में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा। सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) में इजाफे से केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 8860 रुपये की बढ़ौतरी होगी। फिटमेंट फैक्टर फिलहाल 2.57 है, अगर इसे बढ़ाकर 3.68 किया जाता है तो लेवल-1 के ग्रेड-पे की न्यूनतम सीमा 26000 रुपए हो जाएगी। मतलब की सीधे तौर पर सैलरी में 8000 रुपए का बंपर इजाफा देखने को मिलेगा।


49 हजार से ज्यादा बढ़ेगी सैलरी


उदाहरण के तौर पर  लेवल-1 पर ग्रेड-पे 1800 पर केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी (central employee basic salary) 18000 रुपए  है, तो भत्तों को छोड़कर फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से सैलरी की कैलकुलेशन 18000 X 2.57= 46260 रुपए होगी।
अगर इसी को 3.68 मान लिया जाए तो सैलरी 26000X3.68= 95,680 रुपये होगी।  यानी की कर्मचारियों की सैलरी में कुल अंतर 49420 रुपये होगा। ये कैलकुलेशन न्यूनतम बेसिक सैलरी के हिसाब स किया है। अधिकतम सैलरी वालों को और बड़ा फायदा मिलेगा।