Parenting Tips : आपके बच्चे का बचपन बर्बाद कर देगा स्मार्टफोन, मां-बाप खोल लें आंखें

आज स्मार्टफोन हर एक आदमी की जरूरत बन गई है। लेकिन बच्चे भी आजकल फोन में गेम और वीडियो देखने लगे हैं। बच्चों की ये आदत उनका बचपन बर्बाद कर देगी, समय रहते मां बाप आंखें खोल लें।

 

HR Breaking News, Digital Desk : आजकल स्मार्टफोन हर आदमी के हाथ मिल जाएगा. मोबाइल पर रील, तस्वीर और गेमिंग की लत से ना सिर्फ युवा बल्कि बच्चे भी शिकार हो रहे हैं. हर घर में छोटे बच्चे पैरेंट्स के फोन लेकर गेम और वीडियो देखने लगते हैं. अक्सर मां-बाप भी बच्चों को खाना खिलाने या रोते हुए बच्चे को चुप कराने के लिए तुरंत उसे मोबाइल थमा देते हैं. पैरेंट्स मोबाइल को बच्चों को मनाने का सबसे अच्छा जरिया मानने लगे हैं, लेकिन इसकी लत बेहद बुरी है.

स्मार्टफोन का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल निश्चित रूप से बच्चों की फिजिकल और मेंटल हेल्थ को बर्बाद कर रहा है. खुद दुनिया की दिग्गज स्मार्टफोन निर्माता कंपनी के टॉप अधिकारी ने मोबाइल को बच्चों के लिए घातक बतलाया है. Xiaomi Corp के पूर्व ग्लोबल हेड मनु कुमार जैन ने बच्चों द्वारा स्मार्टफोन के अत्यधिक उपयोग पर चिंता जताई है.

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स्मार्टफोन के इस्तेमाल पर चौंकाने वाली रिपोर्ट


बच्चों को मोबाइल की लत को लेकर हुई एक स्टडी का मनु जैन ने समर्थन किया. इस अध्ययन में बताया गया कि कैसे स्मार्टफोन के इस्तेमाल से कुछ वर्ष बाद व्यक्ति खराब मानसिक सेहत का शिकार हो सकता है. एक लिंक्डइन पोस्ट में उन्होंने लिखा, “माता-पिता, आइए अपने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर शुरुआती स्मार्टफोन और टैबलेट के जोखिम के खतरनाक प्रभाव के बारे में बात करें.”


उन्होंने कहा कि माता-पिता के रूप में हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने बच्चों के मेंटल हेल्थ की रक्षा करें. छोटे बच्चों में अत्यधिक स्क्रीन टाइम के गंभीर परिणाम हो सकते हैं. याद रखें उनका बचपन अनमोल है और यह हमारा कर्तव्य है कि हम उन्हें उज्ज्वल और स्वस्थ भविष्य के लिए सर्वोत्तम संभव आधार प्रदान करें.

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मोबाइल के लगातार उपयोग से मानसिक सेहत पर असर


सेपियन लैब्स की नई ग्लोबल स्टडी में पाया गया है कि अगर बच्चों को स्मार्टफोन देरी से दिया जाता है तो यह उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर हो सकता है. इस अध्ययन से पता चलता है कि 60-70 प्रतिशत महिलाएं जो 10 साल की उम्र से पहले स्मार्टफोन के संपर्क में थीं उनमें मेंटल हेल्थ की समस्यां जवानी में आ रही है. 45 से 50% पुरुष जो 10 साल की उम्र से पहले स्मार्टफोन का यूज कर थे उन्हें भी इसी तरह की परेशानी हो रही है. यानि छोटे उम्र में बच्चों को फोन देना उचित नहीं है. ये आदत बच्चों के मेन्टल हेल्थ को कमजोर कर रही है.


बच्चे को फोने देने के बजाय उसे अलग-अलग एक्टिविटी में बिजी रखें. उसके साथ खेंले, उसे पार्क लेकर जाएं. किसी भी तरह से बच्चे को बाहर या अन्य एक्टिविटीज में बिजी रखें. स्मार्टफोन के इस्तेमाल को लेकर बच्चों को समझाएं, साथ ही फोन में हमेशा पासवर्ड लगाकर रखें.