Salary Hike : 1.2 करोड़ सरकारी कर्मचारियों को जोरदार झटका, सैलरी बढ़ोतरी की उम्मीद खत्म, जानिए लेटेस्ट अपडेट
Salary Hike : देश के 1.2 करोड़ सरकारी कर्मचारियों को जोरदार झटका लगा है. दरअसल आपको बता दें कि कर्मचारी और पेंशनभोगी बेसब्री से आठवें वेतन आयोग के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे है... एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारियों की सैलरी बढ़ोतरी की उम्मीद अब लगभग खत्म हो गई हैं. इससे जुड़ा लेटस्ट अपडेट जानने के लिए खबर को पूरा पढ़ लें-
HR Breaking News, Digital Desk- केंद्र सरकार ने 16 जनवरी 2025 को 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी थी, लेकिन अभी तक इसका औपचारिक गठन नहीं हुआ है। आयोग के अध्यक्ष या सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई है, और न ही इसकी संदर्भ की शर्तें (टीओआर) फाइनल हुई हैं। केंद्र सरकार के 1.2 करोड़ से अधिक कर्मचारी और पेंशनभोगी बेसब्री से टीओआर का इंतजार कर रहे हैं।
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि 1 जनवरी 2026 से इसके लागू होने की उम्मीदें अब लगभग खत्म हो गई हैं। जबकि सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, ऐसे में अब कर्मचारियों को नए वेतनमान का लाभ समय पर मिल पाना काफी मुश्किल लग रहा है।
क्या है पिछला पैटर्न-
पिछलों दो वेतन आयोगों (6वें और 7वें) के अनुभव बताते हैं कि रिपोर्ट तैयार करने और उसे लागू करने में औसतन 2 से 2.5 साल लगते हैं। उदाहरण के लिए, 6वें वेतन आयोग का गठन अक्टूबर 2006 में हुआ, मार्च 2008 में रिपोर्ट आई और अगस्त 2008 में इसे मंजूरी मिली। यह 1 जनवरी 2006 से लागू हुआ था।
इसी तरह, सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) का गठन फरवरी 2014 में हुआ था। इसने अपनी रिपोर्ट नवंबर 2015 में प्रस्तुत की। इसे जून 2016 में कैबिनेट (cabinet) की मंजूरी मिली और इसे 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया। दोनों ही मामलों में सिफारिशें रेट्रोएक्टिव डेट से प्रभावी हुईं और बकाया राशि का भुगतान भी फेजवाइज तरीके से किया गया।
आठवें वेतन आयोग का गठन कब तक?
आठवें वेतन आयोग (8th pay commisision latest update) की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। सरकार ने 35 स्टाफ पदों के लिए डेपुटेशन सर्कुलर जारी किया है, लेकिन अध्यक्ष और सदस्यों की घोषणा अभी बाकी है। सरकार फिलहाल टीओआर (Terms of Reference) को अंतिम रूप देने में व्यस्त है। यदि आयोग का गठन 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में होता है, तो रिपोर्ट 2027 या 2028 तक आ सकती है, और इसे लागू करने में 6-8 महीने और लगेंगे।
यानी नई सिफारिशें 2028 तक ही लागू हो पाएंगी। हां, अगर सरकार (government) चाहे तो इन्हें 1 जनवरी 2026 से प्रभावी कर सकती है और बकाया भुगतान कर सकती है, जैसा पिछली बार किया गया था। हालांकि, यह पूरी तरह से राजनीतिक इच्छाशक्ति और फिस्कल स्थिति पर निर्भर करेगा।
क्या है कर्मचारी संगठनों की मांग-
कर्मचारी संगठनों ने सरकार को सुझाव दिए हैं जिनमें 5 सदस्यीय परिवार के लिए न्यूनतम वेतन निर्धारण, वेतन स्तरों का विलय, और हर पांच साल में पेंशन अवधि का संशोधन शामिल है। उनकी प्रमुख मांगों में 12 साल बाद कम्यूटेड पेंशन की बहाली और मूल वेतन में 50% महंगाई भत्ता (DA) का विलय भी है।
कितनी बढ़ सकती है सैलरी?
इस बीच, फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) को लेकर भी कयासबाजी जोरों पर है। अगर यह फैक्टर 1.92x से 2.86x के बीच तय होता है तो बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 51,000 रुपये हो सकती है। पेंशनर्स (pensioners) को महंगाई राहत और नई पेंशन स्कीम के तहत भी लाभ मिल सकता है। हालांकि, जब तक सरकार आयोग का गठन नहीं करती और ToR को मंजूरी नहीं देती, तब तक कर्मचारियों (employees) और पेंशनर्स को किसी स्पष्टता की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।