Supreme Court Decision : ससुराल में बहू के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट का आया नया फैसला

supreme court decision : शादी के बाद लड़कियां अपने माता-पिता का घर छोड़कर अपने ससुराल चली जाती है। यहां न सिर्फ उसे नया परिवार बल्कि कानूनी तौर पर कई नए अधिकार भी मिलते है... ऐसे में आज हम आपको अपनी इस खबर में कोर्ट के फैसले के साथ ये बताने जा रहे है कि ससुराल में बहू का कितना अधिकार होता है। 

 

HR Breaking News, Digital Desk- विवाह के बाद लड़की माता-पिता का घर छोड़कर अपने नए घर यानी ससुराल चली जाती है। यहां न सिर्फ उसे नया परिवार बल्कि कानूनी तौर पर कई नए अधिकार भी मिलते हैं। हालांकि, अधिकतर महिलाएं अपने इन अधिकारों के बारे में पूरी तरह से अनजान रहती हैं। जिसकी वजह से विवाहिता को अक्सर ससुराल में उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है। जानें, ससुराल में बहू के क्या-क्या अधिकार हैं।

स्त्रीधन का बंटवारा नहीं-
हिंदू विवाह कानून के तहत स्त्रीधन पर बहू का एकाधिकार होता है। इसका बंटवारा नहीं हो सकता। स्त्रीधन पति, सास-ससुर समेत किसी के भी निगरानी में रखा गया हो, उस पर सिर्फ बहू का अधिकार होता है।

क्या होता है स्त्रीधन-
वैवाहिक रीति-रिवाजों और समारोहों के दौरान महिला को मिलने वाले तोहफे। जैसे, जेवरात सहित चल-अचल संपत्ति या फिर किसी भी तरह का उपहार और नकदी जो मुंह दिखाई एवं अन्य रस्मों के दौरान मिलता है। ये सभी स्त्रीधन के दायरे में आते हैं।

ससुराल के साझा घर का अधिकार-
कानून के अनुसार, शादी के बाद महिला अपने पति के साथ जिस घर में रहती हैं, उसे साझा घर कहा जाता है। भले ही घर सास-ससुर या पति की स्वामित्व वाला हो या किराये का। ससुराल के साझा घर में महिला तभी तक रहने का अधिकार रखती हैं, जब पति साथ हों।