Supreme Court का बड़ा फैसला, नेशनल हाईवे के लिए जमीन देने वालों को मिलेगा ये लाभ
Supreme Court - सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में नेशनल हाईवे एक्ट की धारा-3 जे को गैर संवैधानिक करार दिया है।बता दें कि धारा-3 जे के तहत प्रावधान था कि नेशनल हाईवे (National Highway) के लिए ली गई जमीन में भूमि अधिग्रहण कानून लागू नहीं होगा। कोर्ट की ओर से आए इस फैसले को विस्तार से जानने के लिए खबर के साथ अंत तक बने रहे।
HR Breaking News, Digital Desk- नेशनल हाइवे के लिए जमीन देने वाले भूमालिकों के लिए सुप्रीम कोर्ट से राहत की खबर है. नेशनल हाईवे के लिए अधिग्रहण की जाने वाली जमीन के लिए मुआवजा और इंट्रेस्ट भी पेमेंट होगा. सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल हाईवे एक्ट की धारा-3 जे को गैर संवैधानिक करार दिया.
धारा-3 जे के तहत प्रावधान था कि नेशनल हाईवे के लिए ली गई जमीन में भूमि अधिग्रहण क़ानून लागू नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसले में ये साफ किया है कि नेशनल हाईवे के लिए अधिग्रहित की जाने वाली जमीन पर भी भूमि अधिग्रहण एक्ट लागू होगा यानि इसके अधिग्रहण की एवज में ज़मीन की कीमत के साथ मुआवजा और ब्याज भी देना होगा.
जस्टिस रोहिंटन नरीमन और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने नेशनल हाईवे एक्ट की धारा 3 जे को असंवैधानिक करार दिया है. जिसके तहत नेशनल हाइवे के लिए ली जाने वाली ज़मीन भूमि अधिग्रहण के दायरे में नहीं आती थी. दरअसल सरकार ने 1997 में NHAI एक्ट में संसोधन कर इस धारा को जोड़ा था. इससे पहले NHAI के लिए ली गई ज़मीन भी भूमि अधिग्रहण के दायरे में आती थी.
इस मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी. पंजाब में नेशनल हाईवे के लिए ज़मीन अधिग्रहण करने के बदले मिले पेमेंट से नाखुश एक शख्श ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में अर्जी दायर की थी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि जमीन मालिक को भूमि अधिग्रहण कानून की तर्ज पर मुआवजा और ब्याज भी देना होगा. इस आदेश के खिलाफ केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.