tenant rights : क्या बिना इजाजत मकान मालिक कर सकता है एंट्री, किराएदार जान लें अपने अधिकार
Rights of tenant and landlord : किरायेदार और मकान मालिक के लिए भारत के कानून में उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नियम व कानून बनाए गए हैं। इनमें किराएदार की प्राइवेसी और रेंट एग्रीमेंट (rent agreement) से लेकर मकान मालिक के अधिकार के बारे में विस्तार से बताया गया है। अगर आप भी किराए के मकान में रहते हैं तो यह जरूर जान लें कि मकान मालिक आपकी इजाजत के बिना घर में दाखिल हो सकता है या नहीं।
HR Breaking News - अपना खुद का घर खरीदने का सपना हर किसी का होता है। खातौर पर लोग शहर में घर बसाने की चाहत रखते हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में रियल एस्टेट में तगड़ा उछाल आया है जिससे प्रॉपर्टी कीमतें (property prices) आसमान छू रही हैं। जॉब की तलाश में महानगरों में आकर रहने वाले ज्यादातर लोग किराये पर रहकर ही अपनी जीवन बसर करते हैं।
लोगों की इसी बेबसी के चलते किरायेदारी भी एक बड़ा उद्योगक बन गया है। आज बड़े शहरों में तो ऐसे बहुत से लोग ऐसे मिल जाएंगे जिनकी कमाई का माध्यम ही किरायेदार है। अपनी प्रॉपर्टी को किराये (property rental) पर चढ़ाकार लोग लाखों रुपये महीना कमा रहे हैं। लेकिन किरायेदारों के बल पर महीने मोटी कमाई करने वाले मकान मालिक उन्हे ओच्छी निगाहों से देखते हैं और अनका शोषण करते हैं। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि हर बार किरायेदार (tenant rights) ही मकान मालिक के हाथों शोषण का शिकार बने। अगर वह अपने अधिकारों के बारे में जानते हैं तो मकान मालिक पर भारी पड़ सकते हैं।
किरायेदारों के ये होते हैं अधिकार -
किरायेदार (What is Tenant Rights) अपना शोषण करवाने के लिए मजबूर हैं। ऐसे में सरकार ने किरायेदारों के हक में ऐसे कई कानून बनाए हुए हैं जिनकी सहायता से वह अपने अधिकारों के लिए लड़ सकते हैं। केंद्र सरकार ने Model Tenacny Act यानी मॉडल किरायेदारी अधिनियम लागू किया हुआ है। इस कानून के तहत राज्य सरकारों को नए नियम लागू करने की अनुमति भी दी गई है।
क्या हैं किरायेदारों के अधिकार
आदर्श किराएदारी अधिनियम के मुताबिक, किरायेदारों को सिक्योरिटी मनी (security money) यानी जमानत राशि दो महीने के किराये से अधिक नहीं देनी चाहिए। किरायेदार के मकान खाली करने के 1 महीने के अंदर मकान मालिक को सिक्योरिटी मनी वापस करनी होगी। अगर मकान मालिक किराया बढ़ाता है कि तो कम से कम तीन महीने पहले किरायेदार (tenant rights) को नोटिस देना होगा। इस नोटिस के दौरान यदि दोनों पक्षों में आपसी संबंधों के आधार पर सहमति हो जाती है तो हो सकता है किराया न भी बढ़े।
बिना इजाजत घर में एंट्री नहीं ले सकता मकान मालिक -
अगर मकान मालिक को घर में कोई कार्य करवाना है या कुछ जांचना है तो ऐसे में वह जब चाहे तब घर में नहीं आ सकता है। इसके लिए मकान मालिक को 24 घंटे पहले किरायेदार को सूचित करना होगा। अगर किरायेदार इस बात के लिए राजी होता है तभी मकान मालिक आ सकता है।
किरायेदार और मकान मालिक के बीच रेंट एग्रीमेंट एक अहम कानूनी डॉक्यूमेंट होता है। यदि एक बार रेंट एग्रीमेंट (rent agreement) बन जाता है तो उसके बाद मकान मालिक 11 महीनों तक किराया नहीं बढ़ा सकता है। हां, मकान मालिक और किरायेदार की आपसी सहमति के बाद ही रेंट को बढ़ाया जा सकता है।
बिजली और पानी का कनेक्शन नहीं काट सकते -
अक्सर कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि जब किरायेदार और मकान मालिक के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो जाता है तो मकान मालिक बिजली-पानी (electricity-water connection) के कनेक्शन काट देता है। लेकिन कानूनी तौर पर ऐसा करना बहुत गलत है। बता दें कि किसी भी स्थिति में मकान मालिक किरायेदार को दी जा रही सुविधा से वंचित नहीं कर सकता है। अगर किरायेदार या मकान मालिक के बीच विवाद गंभीर है तो इसके लिए कोर्ट (Court News) का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
रेनोवेशन के बाद ही बढ़ा सकते हैं किराये -
किराये पर चढ़ी प्रॉपर्टी की देखभाल के लिए किरायेदार और मकानमालिक, दोनों ही जिम्मेदार होंगे। यदि प्रॉपर्टी का मालिक प्रॉपर्टी में कुछ सुधार कराता है तो वह रेनोवेशन (property renovation) का काम खत्म होने के एक महीने बाद किराया बढ़ा सकता है। लेकिन रेंट में इजाफा करने से पहले उसे किरायेदार से विचार-विमर्श करना होगा।
हां, यदि रेंट एग्रीमेंट (rent agreement) बनवाने के बाद बिल्डिंग के ढांचे में कोई दिक्कत आती है और प्रॉपर्टी मालिक उसे ठीक कराने की स्थिति में नहीं है तो किरायेदार रेंट कम करवा सकता है।
किरायेदार और मकान मालिक की जिम्मेदारियां -
कानून कहता है कि किराये की प्रॉपर्टी की संभाल प्रॉपर्टी मालिक और किरायेदार (Rights of tenant and landlord), दोनों की जिम्मेदारी होती है। पानी -बिजली कनेक्शन को ठीक करवाना, खिड़की-दरवाजे बदलवाने, गार्डन या खुली जगहों के मेंटेनेंस, प्रॉपर्टी को जानबूझकर होने वाले नुकसान से बचाने आदि की जिम्मेदारी किरायेदार की होती है। मकान को रंगरोगन करवाने की जिम्मेदारी मकान मालिक की होती है।