Delhi की ये मार्केट होगी साफ, हटाए जाएंगे रेहड़ी पटरी वाले, हाईकोर्ट के आदेश पर बनी कमेटी

Delhi High Court - दिल्ली एनसीआर में अवैध निर्माण और अवैध अतिक्रमण का मामला नया नहीं है। हाल ही हाई कोर्ट ने एक बड़ा फैसला दिया है। दिल्ली की इस मशहूर मार्केट से अतिक्रमण को हटाने के लिए नगर निगम विभाग को सख्त ओदश दिए गए हैं। नगर निगम जल्द ही बाजार से अवैध अतिक्रमण और रेहड़ी-पटरी वालों हटाया जाएगा। आइए नीचे खबर में जानते हैं क्या है पूरा मामला-

 

HR Breaking News (ब्यूरो)। दिल्ली की मशहूर लाजपत नगर (Lajpat Nagar) की सेंट्रल मार्केट से अवैध अतिक्रमण और रेहड़ी-पटरी वालों को हटाया जाएगा। जाम से जूझ रहे बाजार को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर एमसीडी कमिश्नर की अध्यक्षता में गठित कमेटी जल्द कार्रवाई करेगी। प्रारंभिक तौर पर बाजार के अंदर 500 से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को चिह्नित किया गया है। इसके साथ ही, करीब डेढ़ सौ स्थान पर व्यापारियों की तरफ से भी अतिक्रमण किया गया है, जिसे उन्होंने सहमति से हटाने का भरोसा दिया है।


अदालत का रुख किया था : बाजार में अतिक्रमण को लेकर फेडरेशन लाजपत नगर ट्रेडर्स (Federation Lajpat Nagar Traders) ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। फेडरेशन की तरफ से कहा गया था कि बाजार के अंदर आपातस्थिति में एंबुलेंस, अग्निशमन वाहन और अन्य जरूरी सहायता नहीं पहुंच सकती है। फुटपाथ से लेकर बाजार को जोड़ने वाली दोनों मुख्य सड़कों पर अवैध अतिक्रमण और रेहड़ी-पटरी वालों के चलते जाम रहता है।

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धमाकों के वक्त नहीं मिल पाई थी मदद : लाजपत नगर मार्केट (Lajpat Nagar Market) में 1 मई 1996 के बम विस्फोट के बाद तत्कालीन उपराज्यपाल की तरफ से गठित कमेटी ने सिफारिश की थी कि बाजार को नो वेंडिंग जोन रखा जाए। स्थानीय व्यापारी कुलदीप अरोड़ा बताते हैं कि 1996 में विस्फोट के बाद सही समय पर लोगों को मदद नहीं पहुंच पाई थी, जिसके चलते जान-माल का अधिक नुकसान हुआ था। उसके बाद बाजार को नो वेंडिंग जोन घोषित किया गया था,

लेकिन वर्तमान में बाजार की सड़कों पर अतिक्रमण के चलते जाम रहता है। इसे लेकर व्यापारी कोर्ट गए थे, जहां स्पष्ट किया गया है कि एमसीडी कमिश्नर (MCD Commissioner) की अध्यक्षता में कमेटी अतिक्रमण हटाएगी। कमेटी में दो व्यापारी, डीसीपी साउथ ईस्ट, डीसी सेंट्रल (DC Central) और डीसीपी ट्रैफिक (DCP Traffic) को शामिल किया गया है। अब कमेटी की पहली बैठक में अतिक्रमण को चिन्हित किया है।


लाजपत नगर मार्केट की मौजूदा स्थिति

500 से अधिक रेहड़ी-पटरी वाले चिन्हित किए गए हैं जिन्हें हटाया जाएगा 
150 के करीब स्थान पर व्यापारियों ने भी अवैध निर्माण किया है
02 हजार के करीब दुकानें मौजूद हैं लाजपत नगर मार्केट में
1996 में विस्फोट के बाद सही समय पर लोगों के पास मदद नहीं पहुंच पाई थी

क्योंं उठाना पड़ा यह कदम

सड़क पर चलने की जगह नहीं बची : लाजपत नगर से दो मुख्य सड़कें गुजरती हैं। इनमें फिरोज गांधी रोड (Feroze Gandhi Road) और वीर सावरकर मार्ग शामिल हैं। इसके बाद इन दोनों सड़कों को जोड़ने के लिए बीच से छह रास्ते जाते हैं, जिनके दोनों तरफ मार्केट लगती है। अब दोनों मुख्य मार्गों के साथ ही बाजार से गुजरने वाले छह अन्य मार्गों के फुटपाथ पर अवैध-रेहड़ी पटरी लग रही हैं, जिसके चलते बाजार जाने वाले लोगों को फुटपाथ से उतरकर सड़क पर चलना पड़ता है। इससे सड़कों पर वाहनों के चलने की जगह नहीं मिलती है।


एक से डेढ़ घंटे जाम में फंस रहे लोग : लाजपत नगर के आसपास काफी आवासीय क्षेत्र भी है, लेकिन उन्हें घर से निकलकर अपने दफ्तर, व्यावसायिक प्रतिष्ठान व अन्य जगह जाने के लिए घंटों जाम में फंसना पड़ता है। खासकर दिन में भी भारी जाम लगा रहता है, जिसके चलते स्थानीय लोगों को घर से निकलकर कुछ किलोमीटर जाने में ही एक से डेढ़ घंटे का समय लग जाता है। इतना ही नहीं, आपातकालीन स्थिति में दमकल और एम्बुलेंस भी समय से नहीं पहुंच पाती।

रोजगार छिन जाएगा, नई जगह मिले

नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ एसोसिएशन से जुड़े कानूनी कार्यों को देख रहे राजेश सिंह कहते हैं कि सड़क पर अगर कहीं अतिक्रमण है तो वो हटाया जाना चाहिए। हम उसके खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमारा कहना है कि जिन वेंडर के पास सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग और लेटर ऑफ रिक्यूमेंडेशन (अनुशंसा पत्र) है उन्हें नियमों के तहत एमसीडी को जगह उपलब्ध करानी होगी। वो चाहे लाजपत नगर में ही उपलब्ध कराई जाए या फिर किसी दूसरी जगह पर, लेकिन यह सारी जिम्मेदारी एमसीडी की है। क्योंकि, लाजपत नगर का सेंट्रल मार्केट काफी लोगों को रोजगार भी देता है। यहां पर आने वाले लोगों को स्ट्रीट वेंडर से सस्ता सामान खरीदने का भी अवसर मिलता है।


‘नहीं हो पाया स्थाई समाधान, जाना पड़ा कोर्ट’

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि लंबे समय से अतिक्रमण हटाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। बम विस्फोट की घटना के बाद के बाद यह तय हो गया था कि लाजपत नगर का सेंट्रल मार्केट वेंडिंग जोन नहीं है। लेकिन उसके बाद भी अवैध रेहड़ी पटरी वालों को स्थाई तौर पर नहीं हटाया गया। अक्सर एमसीडी की टीम कुछ दिनों के लिए अभियान चलाती है और उसके बाद फिर से फुटपाथों पर रेहड़ी पटरी वाले बैठने शुरू हो जाते हैं। इसलिए इस बार समस्या का स्थाई समाधान निकालने के लिए फेडरेशन को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। क्योंकि बाजार के अंदर सामान्य स्थिति के अंदर न एंबुलेंस पहुंच सकती है और न ही अग्निशमन की गाड़ियां। 

शौचालय तक पर कब्जा हो चुका है

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- राकेश नारंग, स्थानीय व्यापारी, ''अगर सामान्य दिनों में बाजार के अंदर आएंगे तो आपको फुटपाथ पर कब्जा मिलेगा। यहां शौचालय हैं, लेकिन ग्राहकों के लिए उनके अंदर जाना मुश्किल हो जाता है। शौचालय के बाहर रेहड़ी-पटरी वालों का कब्जा रहता है, जिससे कोई भी व्यक्ति खासकर महिलाएं असहज महसूस करती हैं। कोर्ट ने सभी तरह का अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है।

- श्याम सुंदर शर्मा, अध्यक्ष- फेडरेशन लाजपत नगर ट्रेडर्स, ''कोर्ट के आदेश के बाद एमसीडी ने अभियान चलाने की शुरुआत की है, लेकिन टीम के जाने के बाद फिर अवैध-रेहड़ी पटरी लग जाती हैं। जिस पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की है।