UP सरकार का बड़ा फैसला, शहरों में सभी मकानों और दुकानों की ऑनलाइन मिलेगी जानकारी

UP News - यूपी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत अब शहरों में सभी मकानों और दुकानों की ऑनलाइन जानकारी मिलेगी... सरकार की ओर से आए इस अपडेट की पूरी जानकारी जानने के लिए खबर को पूरा पढ़े। 

 

HR Breaking News, Digital Desk- योगी सरकार हाउस टैक्स की चोरी रोकने के लिए शहर में बने सभी मकानों और प्रतिष्ठानों का ब्यौरा ऑनलाइन कराने जा रही है। इसमें यह बताया जाएगा कि कौन सा मकान कितने क्षेत्रफल में बना है और उससे कितना हाउस टैक्स मिल रहा है। इसके साथ ही यह भी पता चल जाएगा कि कितने मकानों से अभी हाउस टैक्स की वसूली नहीं हो पा रही है। इसका मकसद हाउस टैक्स की चोरी को रोकने के साथ ही शत-प्रतिशत वसूली करना है।

 केंद्र सरकार ने राज्यों को हाउस टैक्स की वसूली अनिवार्य कर दी है। इसीलिए योजनाओं में निकायों की हिस्सेदारी तय की गई है। इसके बाद भी निकाय न तो शत-प्रतिशत वसूली करते हैं और न ही इसकी जानकारी देते हैं। स्थानीय निकाय निदेशालय ने निकायों को भेजे निर्देश में कहा है कि अमृत के अपर सचिव भारत सरकार ने इस संबंध में राज्य को पत्र भेजा है।

इसमें कहा गया है कि 15वें वित्त आयोग और अमृत से पैसा पाने के लिए सभी निकायों को हाउस टैक्स और यूजर चार्ज लेने संबंधी सभी जानकारी को ऑनलाइन करना होगा। इसके लिए बनाए गए ग्रांट मैनेजमेंट पोर्टल सिटीफाइनेंस इन पर इसे अपलोड कर दिया जाए।

निकायों की खराब वित्तीय स्थिति के लिए उसके अधिकारी ही जिम्मेदार हैं। शहरों में बने मकान, दुकान, व्यवसायिक कांप्लेक्स और अपार्टमेंट से शत-प्रतिशत हाउस टैक्स की वसूली नहीं होती है। दुकानों पर व्यवसायिक के स्थान पर आवासीय कर लगा दिया जाता है। केंद्र सरकार इसीलिए चाहता है कि आवासीय और अनावासीय कर की वसूली अनिवार्य रूप से की जाए।

यह तभी संभव हो सकता है जब शहरों में बने सभी मकानों व प्रतिष्ठानों का ब्यौरा ऑनलाइन कर दिया जाए, जिससे जरूरत के आधार पर इसकी जांच कराई जा सके। संपत्तियों के ऑनलाइन होने के बाद कर्मियों में यह डर भी होगा कि गड़बड़ी पर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।