UP News : यूपी में जनवरी में घटेंगे बिजली बिल, इन उपभोक्ताओं को होगा फायदा
UP Electricity Bill :नया साल शुरू होने को है और नए साल की शुरुआत से पहले ही यूपी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए गुड न्यूज सामने आई है। अब जनवरी 2026 की शुरुआत में प्रदेश के लाखों बिजली उपभोक्ताओं को बिल में छूट का फायदा मिलने वाला है। नए साल पर बिजली का बिल (UP Electricity Bill) कम रहने से उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलेगी। आइए खबर में जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
HR Breaking News (UP News) यूपी में नए साल पर बिजली उपभोक्ताओं के लिए बिजली विभाग की ओर से बड़ा तोहफा दिया गया है। अब आगामी महीने में बिजली विभाग की ओर से उपभोक्ताओं को बिजली के बिल में सीधी छूट दी जाने वाली है। अब जनवरी 2026 में बिजली के बिल में कमी (Reduction in electricity bill in January 2026) से आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और इसका असर उनकी जेब पर पड़ेगा। आइए खबर के माध्यम से जानते हैं कि किन कारणों से अगले महीने बिजली का बिल कम होने वाला है।
कैसे तय होता है ईंधन अधिभार
दरअसल, आपको बता दें कि पीपीसीएल की ओर से हर महीने बिजली उत्पादन में लगने वाले खर्च के आधार पर ईंधन अधिभार (Fuel Surcharge) तय को तय किया जाता है। इससे पहले उपभोक्ताओं को बढ़े हुए बिजली बिल का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब बिजली बिल (electricity bill In UP) में यह कटौती उनके लिए राहत भरी हो सकती है।
बिजली बिल में मिलेगा इतनी छूट का लाभ
पावर कॉरपोरेशन द्वारा फ्यूल सरचार्ज फी (Fuel Surcharge Fee) को लेकर घोषणा की गई है, जिसके तहत अक्तूबर के फ्यूल सरचार्ज का समायोजन जनवरी 2026 में किया जाएगा। जिसका फायदा यह होगा कि इससे सभी विद्युत उपभोक्ताओं को बिल में 2.33 प्रतिशत की छूट (Bill discounts for electricity consumers) का लाभ मिल सकेगा। जिससे जनवरी में बिजली की दरें एक महीने के लिए सस्ती हो जाएंगी और यूपी के लाखों उपभोक्ताओं को तकरीबन 141 करोड़ रुपये का लाभ मिल सकेगा।
सितंबर के ईंधन अधिभार से उपभोक्ताओं को हुआ इतना नुकसान
एक बार उपभोक्ताओं को लगभग 264 करोड़ रुपये का नुकसान का सामना करना पड़ा था, जब सितंबर का ईंधन अधिभार (September fuel surcharge) दिसंबर में 5.56 प्रतिशत की दर से वसूल किया गया था। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष का कहना है कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का 33,122 करोड़ रुपये का सरप्लस बिजली कंपनियों के पास पहले से ही जमा है।
वहीं, अब इसमे करंट ईयर के लगभग 18,592 करोड़ रुपये का सरप्लस ओर जुड़ सकता है। सब मिलाकर देखा जाए तो प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं (electricity consumers) का 51 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का सरप्लस बिजली कंपनियों पर बना है।
नई बिजली दरों के आदेश हुए प्रभावी
उन्होंने कहा कि जब तक ये सरप्लस बिजली कंपनियों (Surplus power companies) पर बना हुआ है, तब तक उपभोक्ताओं से ईंधन अधिभार शुल्क के नाम पर अधिभार शुल्क वसूला न जाए।सरप्लस खत्म होने या कमी की स्थिति में ही उपभोक्ताओं से ईंधन अधिभार शुल्क लिया जाए।
उनका कहना है कि अभी फिलहाल में ट्रांसमिशन डिमांड बेस्ड टैरिफ लागू हो गया है और प्रदेश में नई बिजली दरों (new electricity rates) के आदेश भी लागू हो चुके हैं। ऐसे में आगामी महीनों में भी ईंधन अधिभार शुल्क में कमी रह सकती है।