Animal Husbandry : Dairy Business : डेयरी व्यवसाय करें, सरकार करेगी आपकी मदद, जानें कैसे

Animal Husbandry : Dairy Business : जनसंख्या वृद्धि के साथ दूध और दूध से बने उत्पाद की मांग में लगातार बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 1991-92 से साल 2018-19 के दौरान भारत में दूध का उत्पादन (Milk Production) 55.6 मिलियन टन से बढ़कर 187.7 मिलियन टन तक पहुंच गया है।

 

HR Breaking News : नई दिल्ली : पशुपालन (Animal Husbanrdy) का हमारे देश में लंबा इतिहास रहा है।
 बदलते समय के साथ इस व्यवसाय में और निखार देखने को मिल रहा है. जनसंख्या वृद्धि के साथ दूध और दूध से बने उत्पाद की मांग में लगातार बढ़ोतरी हुई है।
 वर्ष 1991-92 से साल 2018-19 के दौरान भारत में दूध का उत्पादन (Milk Production) 55.6 मिलियन टन से बढ़कर 187.7 मिलियन टन तक पहुंच गया है।
 वहीं खाद्य और कृषि संगठन ने विश्व दूध उत्पादन में भी वृद्धि दर्ज की है. इस तरह प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता में भी इजाफा हुआ है और यह 394 ग्राम पर पहुंच गया है।

डेयरी व्यवसाय (Dairy Business) लाखों ग्रामीणों का आय का मुख्य जरिया है. इसीलिए छोटे और सीमांत किसानों का दुग्ध उत्पादन में बड़ा सहयोग है. करीब 48 प्रतिशत दूध उत्पादक स्तर पर ही उपभोग कर लिया जाता है जबकि 52 फीसदी दूध ही शहरी क्षेत्रों में बिक्री के लिए आ पाता है. इस प्रकार का ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में ही डेयरी कारोबार में व्यापार संभावनाएं मौजूद हैं।

 

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कारोबार शुरू करने से पहले प्रशिक्षण जरूरी


यहीं वजह है कि अब शिक्षित युवा वर्ग भी अब डेयरी कारोबार में दिलचस्पी दिखा रहा है. दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और लॉ की पढ़ाई करने वाले चंद्रपाल सिंह आज पशुपलान से जुड़ गए हैं. उच्च शिक्षा और कॉरपोरेट जॉब करने के बाद कुछ अलग करने की सोच के साथ चंद्रपाल सिंह ने डेयरी कारोबार से जुड़ने का फैसला किया. 2018 में यह काम शुरू करने वाले चंद्रपाल सिंह आज बड़ी मात्रा में गुग्ध उत्पादन कर रहे हैं।

 

उन्होंने डीडी किसान से बातचीत करते हुए कहा कि भारत में दूध और दूध से बने उत्पादों की खपत को देखते हुए डेयरी व्यवसाय लाभ का सौदा बनता जा रहा है. लेकिन इसे शुरू करने से पहले इसकी जानकारी अच्छी तरह से लेनी चाहिए. इसके लिए किसान किसी डेयरी केंद्र पर प्रशिक्षण ले सकते हैं।

 

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डेयरी कारोबार शुरू करने के लिए कुछ जरूरी बातें


-आप पहले तय कर लें कि छोटे या बड़े स्तर पर इस कारोबार को शुरू करना चाहते हैं. उसी के हिसाब से अपनी तैयारी करें.

-उन्नत नस्ल का चुनाव करना जरूरी है ताकि उत्पादन क्षमता से आप अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकें.

-सरकारी पोर्टल से पशुओं की खरीद के लिए ई-पशुहाट पर सुविधा के हिसाब से पशुओं की खरीदी और बिक्री की जा सकती है.

 

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सरकार भी करती है इस काम में मदद


सरकार की तरफ से डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए सहायात भी मिलती है. साल 2020-21 में डेयरी सहकारी समितियों को 2 प्रतिशत की सालाना दर से ब्याज सब्सिडी देने की सुविधा शुरू की गई है. बड़े पैमाने पर यह काम शुरू करने के लिए बैंकों की तरफ से सब्सिडी के आधार पर लोन दिया जाता है. वर्तमान में कई ऐसे बैंक हैं, जो सस्ती ब्याज दरों पर लोन देते हैं.

डेयरी व्यवसाय शुरू करने के बाद सबसे पहले पशुओं की देखभाल की जाती है. उचित और पौष्टिक आहार देने से पशुओं का विकास अच्छे तरीके से होता है. यह समय के साथ बढ़ने वाला व्यवसाय है. यदि डेयरी व्यवसाय में दूध या दूध से बने उत्पादों में इजाफा करते हैं तो मुनाफा कई गुना तक बढ़ जाता है. इसके अलावा गोबर खाद और जैविक कीटनाशक बेचकर भी अतिरिक्त आय ली जा सकती है।