Bank Loan: लोन न भरने पर अब बैंक नहीं करेगा परेशान, जानिए अपने अधिकार 
 

आज के समय में ज्यादातर लोग बैंक से लोन लेते हैं।  लेकिन अगर आपने किसी भी बैंक से किसी भी तरह का लोन लिया है और किसी मजबूरी के चलते उसे चुका नहीं पा रहे हैं तो अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है। 
 
 

HR Breaking News, Digital Desk- आज के समय में ज्यादातर लोग बैंक (Bank) से लोन लेते हैं। लोन (Loan) भी कई तरह का होता है। लेकिन अगर आपने किसी भी बैंक से किसी भी तरह का लोन लिया है और किसी मजबूरी के चलते उसे चुका नहीं पा रहे हैं तो अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है। दरअसल आपको पास भी कुछ अधिकार (Rights) होते हैं, जिसके बारे में आपको पता और पूरी जानकारी होनी चाहिए। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि अगर आप किसी मजबूरी के चलते अपना लोन नहीं चुका पा रहे हैं तो आपके पास ये अधिकार मौजूद हैं। ये अधिकार आरबीआई (RBI) ने दिए हैं।

लोन न चुकाने पर आपको मिलते हैं ये अधिकार-


पर्याप्त सूचना का अधिकारजब ग्राहक लोन की किस्त के पैसे 90 दिनों के अंदर नहीं दे पाता तो उसके अकाउंट को एनपीए के डाल दिया जाता है। ऐसे मामलों में बैंक को पहले ग्राहक को नोटिस देना होता है। इसके बाद जब ग्राहक 60 दिनों के नोटिस के अंदर लोन की किस्त चुकाने में फेल रहता है तो लोन देने वाला बैंक संपत्ति की बिक्री शुरू कर देगा। लेकिन संपत्ति को बिक्री के लिए रखने से पहले बैंक को 30 दिनों का एक और सार्वजनिक नोटिस देना होगा।


संपत्ति के सही मूल्यांकन का अधिकार-


संपत्ति बेचने से पहले बैंक को विशेष रूप से आरक्षित मूल्य, तारीख और नीलामी के समय के साथ संपत्ति के सही मूल्य का उल्लेख करते हुए एक नोटिस देना होता है। अगर ग्राहक को लगता है कि संपत्ति का मूल्य कम है, तो आपको एक नए खरीदार की तलाश करने का अधिकार है।


शेष राशि का अधिकार-


अगर आपकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया गया है, तो भी आपको अपनी संपत्ति की नीलामी की प्रक्रिया की निगरानी करने का अधिकार है। बैंक अपनी बकाया रकम की वसूली के बाद किसी भी अतिरिक्त रकम को वापस करने के लिए बाध्य हैं।


मानवीय व्यवहार का अधिकार-


बैंक अपने लोन को वापस लेने के लिए ग्राहकों पर दबाव बनाने के लिए रिकवरी एजेंट्स को नियुक्त करते हैं। हालांकि रिकवरी एजेंट्स के पास किसी भी ग्राहक के साथ बदसलूकी करने का अधिकार नहीं है। वहीं अगर आपको कोई बैंक का कर्मचारी या रिकवरी एजेंट मानसिक या शारीरिक तौर से परेशान करता है तो आप इसकी शिकायत बैंक से कर सकते हैं। इसके अलावा रिकवरी एजेंट्स सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे के बीच ही ग्राहकों के घर जा सकते हैं।