लोन के 31 पैसे के पीछे ,SBI ने किसान को नहीं दी NOC

देश के कई बड़े कारोबारी बैंकों का करोड़ों रुपया लेकर विदेशों में ऐश कर रहे हैं. उनपर बैंक प्रबंधन तो कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है. लेकिन देश के किसान का मामूली पैसा बकाया रहने पर ही उसे एनओसी नहीं मिल रहा है.
 

HR Breaking News : नई दिल्ली. आज के समय में बैंकों से लोन लेना जितना मुश्किल नहीं है, उससे कहीं अधिक लोन चुकाने के बाद एनओसी हासिल करना है. चाहे पीएल हो या बाइक-कार लोन चुकाने के बाद भी एनओसी के लिए ग्राहकों को बैंक का कई बार चक्कर लगना पड़ता है.

कई बार लोन का बहुत मामूली हिस्सा बचा होने पर ही एनओसी नहीं मिलता है. अभी एक ताजा मामला गुजरात से सामने आया है, जहां एक किसान को मात्र 31 पैसे के लिए एनओसी नहीं दी गई.

दरअसल गुजरात के एक किसान ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लोन लिया था. जिसका पैसा उसने चुका दिया था. बस 31 पैसे बाकी रह गए थे. किसान समझ रहा था कि लोन तो खत्म हो गया. लेकिन बैंक की नजर में लोन एक्टिव ही रह गया.

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अब जब जमीन खरीदने के लिए उसने एनओसी की मांग की तो बैंक ने एनओसी नहीं दी, जिसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा, जहां जज भार्गव करिया ने बैंक प्रबंधन को फटकार लगाते हुए कहा कि यह कुछ ज्यादा ही है.

मामले की सुनवाई के दौरान बैंक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि क्रॉप लोन की रकम चुकाने के बाद किसान पर 31 पैसे बकाया शेष है. जिस कारण उन्हें एनओसी नहीं दी गई. इस पर जज ने कहा कि इतने मामूली रकम के लिए एनओसी नहीं देना एक तरह से उत्पीड़न है.

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दो मई को कोर्ट में फिर से होगी मामले की सुनवाई


सुनवाई के दौरान जस्टिस भार्गव ने कहा कि 31 पैसे का बकाया? क्या आपको पता है कि 50 पैसे से कम के किसी भी अमाउंड की अनदेखी की जाती है. मामले में जस्टिस ने बैंक से जवाब मांगते हुए एफिडेविट जमा करने को कहा है. दो मई को इस मामले में फिर से सुनवाई होगी.

अहमदाबाद के रहने वाले राकेश वर्मा और मनोज वर्मा ने शहर के बाहरी इलाके खोराज गांव में संभाजी पाशाभाई और उनके परिजनों के एक जमीन खरीदी थी. पाशाभाई के परिजनों ने एसबीआई से एक क्रॉप लोन लिया था.

लोन को चुकाने के लिए पाशाभाई के परिवार ने उक्त जमीन बेच दिया था. लेकिन लोन का मात्र 31 पैसे बकाया रह जाने के कारण बैंक ने जमीन पर चार्ज लगा दिया.

जिस कारण उक्त जमान नए मालिकों के नाम पर दर्ज नहीं हो रही थी. इसके बाद जमीन के नए खरीदारों ने एनओसी पाने के लिए बकाया पैसा भरने का प्रस्ताव रखा था.

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स्थानीय लोगों में बैंक प्रबंधन को लेकर रोष


इस मामले के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों ने बैंक प्रबंधन पर नाराजगी जाहिर की है. लोगों का कहना है कि विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी जैसे बड़े कारोबारी जो बैंकों का करोड़ों रुपया लेकर देश छोड़ चुके हैं, उनपर तो बैंक प्रबंधन कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है.

उल्टे मामूली रकम के लिए देश के किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है. अब देखते है कि मामले में दो मई को कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर कोर्ट क्या फैसला देती है.