Business News : अडानी ने क्यों लगाई इजरायल पोर्ट की इतनी बड़ी बोली, डिटेल में पढ़िए पूरी रिपोर्ट

देश के जाने माने बिजनेसमैन अडानी के बारे में तो आप जानते ही होंगे। उन्होंने कुछ दिन पहले बहुत बड़ी बोली लगाकर इजराइल का एक पोर्ट खरीदा था। उनके इतनी बड़ी बोली लगाने पर सारी कंपनियां पीछे हट गई थी। जानिए क्या है अडानी की इतनी बड़ी बोली लगाने के कारण और शेयर बाजार पर इसका क्या पड़ेगा असर।
 

HR Breaking News : नई दिल्ली : अडानी समूह की एक कंपनी ने इजरायल के दूसरे सबसे बड़े बंदरगाह हाइफा को खरीद लिया. यह सौदा 1.18 अरब डॉलर में हुआ. अडानी समूह की कंपनी ने इजरायल की एक स्थानीय कंपनी गैडोट समूह के साथ मिलकर यह अधिग्रहण किया था।
अडानी ग्रुप (Adani Group) ने बीते हफ्ते इजरायल के सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक हाइफा पोर्ट (Haifa Port) का अधिग्रहण किया था. इस बंदरगाह को 1.18 अरब डॉलर में खरीदा गया था. अब इजरायल की मीडिया इस सौदे को रणनीतिक कदम बता रही है।
इजरायल के अखबार डेली हाआरेतज (daily Ha'aretz) की रिपोर्ट में कहा गया कि हाइफा बंदरगाह की नीलामी प्रक्रिया में भारतीय कंपनी अडानी और उसकी निकटतम प्रतिस्पर्धी कंपनी के बीच बोली की कीमत में अंतर से पता चलता है कि इस सौदे के लिए पैसे बहुत मायने नहीं रखते थे।


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ये बंदरगाह इजराइल का दूसरा सबसे बड़ा पोर्ट


अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड ने इजरायल के गैडोट ग्रुप (Gadot Group) के साथ संयुक्त रूप से हाइफा बंदरगाह के निजीकरण का टेंडर जीता था. बता दें कि हाइफा बंदरगाह इजरायल का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह है।
इस कंसोर्शियम (Consortium) में अडानी कंपनी की 70 फीसदी जबकि गैडोट ग्रुप की 30 फीसदी की हिस्सेदारी होगी. रिपोर्ट में कहा गया है, अडानी पोर्ट्स ने बंदरगाह के लिए 3.1 अरब शेकेल (1.18 अरब डॉलर) की पेशकश की थी. यह इजरायल सरकार की उम्मीदों से अधिक बड़ी कीमत है. इसे देखकर ऐसा लगता है, जैसे अडानी कह रहे हो, एक तरफ हो जाओ, यह रणनीतिक सौदा है और हमारे लिए कीमत का अधिक महत्व नहीं है।


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पढ़िए... रिपोर्ट में क्या कहा गया


रिपोर्ट में कहा गया, बंदरगाह को खरीदने के लिए स्थानीय समूहों ने भी बोली में हिस्सा लेना चाहा लेकिन जब उन्होंने अडानी पोर्ट्स की पेशकश की गई धनराशि के बारे में सुना तो वे पीछे हट गए।
रिपोर्ट में इस बोली प्रक्रिया से जुड़े एक शख्स के हवाले से बताया गया कि बोली में इस अंतर से आप समझ सकते हैं  कि यह अलग तरह का मामला है.बता दें कि यह बोली ऐसे समय में हुई, जब आई2यू2 (i2U2) संगठन के सदस्य देशों भारत, इजरायल, अमेरिका और यूएई के नेताओं  की वर्चुअल कॉन्फ्रेंस हो रही थी।
आई2यू2 को नए क्वाड संगठन के तौर पर देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य चीन के बढ़ रहे प्रभाव को कम करना है.रिपोर्ट में कहा गया, इजरायल की कंपनी गैडोट केमिकल टर्मिनल्स के साथ अडानी ग्रुप की कंपनी को हाइफा बंदरगाह की बोली का विजेता घोषित किया गया. यह कंपनी एशिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार गौतम अडानी की है.।


अडानी की कंपनी 13 समुद्री टर्मिनल्स को करती है ऑपरेट 


अडानी की कंपनी भारत में 13 समुद्री टर्मिनल्स को ऑपरेट करती है. रिपोर्ट में कहा गया कि अडानी समूह की पश्चिमी देशों में कोई होल्डिंग नहीं है इसलिए इजरायल में कंपनी के प्रवेश को एशिया और यूरोप के बीच समुद्री आवागमन का बढ़ता संकेत माना जा रहा है। बता दें कि अडानी ने गुरुवार को ट्वीट कर बताया था कि उन्होंने इजरायल की अपनी पार्टनर कंपनी गैडोट के साथ मिलकर हाइफा बंदरगाह का अधिग्रहण कर लिया है।
वहीं, इजरायल को लगता है कि देश में अडानी के प्रवेश के बाद भविष्य में यहां भारत से और भी निवेश होगा, विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में.बता दें कि अडानी समूह पहले ही भारत में ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग इकाई की स्थापना करने के लिए इजरायल की अग्रणी रक्षा कंपनियों के साथ हाथ मिला रहा है 

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