Retirement Age Hike कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु में होगी वृद्धि! राज्य सरकार को भेजा प्रस्ताव
 

Karmchari Retirement Age Hike सरकार की ओर से कर्मचारियों को जल्द ही बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी के अनुसार कर्मचारियों की रिटायरमेट आयु में वृद्धि को लेकर कभी भी फैसला आ सकता है। कर्मचारियों की इस मांग को लेकर राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जा चुका है। 
 
 

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश के जल निगम के अभियंताओं के लिए अच्छी खबर है। निगम जल्द अभियंताओं की सेवानिवृत्त आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष (retirement age) करने की तैयारी में है।

इससे संबंधित प्रस्ताव को जल निगम के निदेशक मंडल ने संस्तुति कर प्रस्ताव को नगर विकास विभाग, यूपी शासन को भेजा है। जल्द ही इसके कैबिनेट में आने की संभावना है।अगर इस प्रस्ताव पर मुहर लगती है तो तकनीकी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी और निगम के कामों में भी तेजी आएगी।

 


दरअसल, जल निगम (शहरी) अभियंताओं की सेवानिवृत्त आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष किए जाने की तैयारी है।इसके लिए जल निगम (नगरीय) के प्रबंध निदेशक ने एक प्रस्ताव बनाकर नगर विकास विभाग को भेजा है।इसमें बताया गया है कि वर्ष 1983, 1984 और 1985 में भर्ती हुए अभियंता अब हर वर्ष सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं और दिसंबर 2022 तक 48 अभियंता और सेवानिवृत्त हो जाएंगे, ऐसे में जल निगम नगरीय के पास अमृत, अमृत-2 और स्वच्छ भारत मिशन के साथ ही राज्य सेक्टर के काम हैं, जो नई नियुक्ति ना होने और अभियन्ताओं और तकनीकी कर्मचारियों की कमी से अधूरे रह जाएंगे।

 

प्रस्ताव में यह भी तर्क दिया गया है कि  निगम में अभियंता के 526 पद स्वीकृत हैं और वर्तमान में 189 पद रिक्त हैं। वही जल निगम शहरी और ग्रामीण का बंटवारा होने के बाद 1,238 कर्मी निकायों में समायोजित किए जा चुके हैं, ऐसे में आगामी योजनाओं और परियोजनाओं के प्रोजेक्ट को देखते हुए  उच्च स्तर पर कार्यरत डिग्रीधारी अभियंताओं की अधिवर्षता आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष किया जाना औचित्यपूर्ण है। प्रस्ताव में उत्तर प्रदेश जल निगम कर्मचारी (अधिवर्षता पर सेवानिवृत्ति) विनियमावली-2005 में संशोधन किए जाने का सुझाव भी दिया गया है।


वही निगम द्वारा कहा गया है कि वेतन भत्तों आदि का भुगतान जल निगम अपने स्रोतों से वहन करेगा।मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो  जल निगम के प्रस्ताव पर शासन स्तर पर भी मंथन शुरू हो गया है और जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष इस प्रस्ताव को रखा जा सकता है।  सीएम की सहमति के बाद इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा जाएगा और मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। संभावना है कि इस पूरी प्रक्रिया में 1 से 2 महीने लग सकते है।