Sona Chandi Bhav बेहद कम दामों में सोना बेच रही मोदी सरकार, जानिए कहां और कैसा मिलेगा
 

Sona Chandi Bhav अगर आप भी सोना चांदी (Gold Silver)  के आभूषण खरीदने का मन बना रहे है तो यह खबर आपके लिए है। मोदी सरकार (Modi sarkar)  नए प्लान के तहत बेहद कम दाम में सोना चांदी बेच रही है। आइए नीचे खबर में जानते है पूरा मामला
 
 

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क, मोदी सरकार एक बार फिर सस्ता सोना बेच रही है। आज यह बिक्री शुरू होगी और आपके पास अगले 5 दिनों तक सस्ता सोना खरीदने का मौका है। यह वह सोना है, जिसे चोर चुरा नहीं सकता, शुद्धता की गारंटी इतनी कि इसे बेचने पर बाजार का करेंट रेट ही मिलता है, वह भी ब्याज के साथ। इसके अलावा भी ढेर सारे फायदे हैं। जी हां, हम बात कर रहे सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की।

 

 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की इस वित्तीय वर्ष की पहली किस्त की बिक्री सोमवार यानी आज से शुरू होकर पांच दिनों तक चलेगी।  मुंबई स्थित निवेश सलाहकार फर्म कैरोस कैपिटल के संस्थापक और प्रबंध निदेशक ऋषद मानेकिया ने कहा कि एसजीबी को भौतिक सोना रखने के विकल्प के रूप में देखा जा सकता है और इसमें निवेश करके प्रतिफल भी मिलता है। इसके सरकार द्वारा समर्थित होने और सुरक्षा की दृष्टि से यह फायदेमंद विकल्प है। आइए जानें इसके फायदे, रेट और खरीदने की जगह के बारे में..

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के फायदे

रिटर्न की गारंटी: इसकी सबसे खास बात होती है कि निवेशक को सोने के भाव बढ़ने का लाभ तो मिलता ही है। साथ ही उन्हें इन्वेस्टमेंट रकम पर 2.5 फीसदी का गारंटीड फिक्स्ड ​इंटरेस्ट भी मिलता है।


तरलता: बॉन्ड जारी होने के पखवाड़े के भीतर स्टॉक एक्सचेंजों पर तरलता के अधीन हो जाते हैं।
 
Tax में छूट: इस पर तीन साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा (मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा) 

लोन की सुविधा: वहीं इसका लोन के लिए  इसका उपयोग कर सकते हैं। इन बॉन्ड्स की अवधि 8 साल की होती है और 5वें साल के बाद ही प्रीमैच्योर विड्रॉल किया जा सकता है। 

GST और मेकिंग चार्ज से छूट : फिजिकल गोल्ड की तरह जीएसटी और मेकिंग चार्ज से छुट्टी। 

स्टोरेज की समस्या से मुक्ति: डिजिटल गोल्ड की रख रखाव की समस्या से भी जूझना नहीं पड़ता है

किस पर रेट पर मिलेगा सोना

इस किस्त के लिए सोने का निर्गम मूल्य 5,091 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है। यह चालू वित्त वर्ष का पहला निर्गम होगा। सरकार ने ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट की पेशकश की है और आवेदकों को इस छूट का लाभ लेने के लिए डिजिटल माध्यम से भुगतान करना होगा।


कहां और कैसे मिलेगा

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है। वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है। इस स्कीम में निवेश करने पर आप टैक्स बचा सकते हैं। बॉन्ड को ट्रस्टी व्यक्तियों, HUF, ट्रस्ट, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थानों को बिक्री के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा. वहीं ग्राहकी की अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम प्रति व्यक्ति, एचयूएफ के लिए 4 किलोग्राम और ट्रस्टों के लिए 20 किलोग्राम और प्रति वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) समान होगी।

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर, 2015 में इस योजना की शुरुआत से अबतक कुल 38,693 करोड़ रुपये (90 टन सोना) जुटाए गए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 और 2020-21 में कुल 29,040 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई, जो कुल जुटाई गई राशि का लगभग 75 प्रतिशत है।
आरबीआई ने 2021-22 के दौरान एसजीबी की 10 किस्तें जारी कर 12,991 करोड़ रुपये (27 टन) की कुल राशि जुटाई। केंद्रीय बैंक ने 2020-21 में एसजीबी की 12 किस्तें जारी कर 16,049 करोड़ रुपये (32.35 टन) की कुल राशि जुटाई।

केंद्रीय बैंक दरअसल भारत सरकार की तरफ से बॉन्ड जारी करता है। ये निवासी व्यक्तियों, अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ), न्यासों, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थाओं को ही बेचे जा सकते है। आरबीआई ने कहा, एसजीबी की अवधि आठ वर्ष के लिए होगी, जिसमें 5वें वर्ष के बाद इसे समय पूर्व भुनाया जा सकता है। इस विकल्प का उपयोग उस तिथि पर किया जा सकता जिस पर ब्याज देय है।

कोविड महामारी के प्रकोप वाले वर्षों में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश के प्रति सबसे अधिक आकर्षण देखने को मिला, और निवेशकों द्वारा सुरक्षित विकल्प की तलाश के चलते इस योजना में निवेश तेजी से बढ़ा। वर्ष 2020-21 और 2021-22 के दौरान शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के कारण भी गोल्ड बॉन्ड के प्रति झुकाव बढ़ा। इन दो वर्षों में इन बांड की जितनी बिक्री हुई, वह नवंबर, 2015 में इस योजना की शुरुआत से हुई कुल बिक्री का 75 प्रतिशत है।