Biogas Plant : 13 राज्यों में लगाए जाएंगे 79 बायोगैस प्लांट, इस राज्य को मिले सबसे ज्यादा

Biogas Plant : हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक ये कहा जा रहा है कि प्रदेश के इन 13 राज्यों में 79 बायोगैस प्लांट लगाएं जाएंगे। पिछले दिनों राज्यों के साथ स्वच्छ भारत मिशन 2.0 की समीक्षा बैठक में इस योजना पर अब तक हुए काम का ब्योरा रखा गया है...
 

HR Breaking News, Digital Desk-  शहरों में कचरा प्रबंधन के लिहाज से अहम मानी जाने वाली गोबरधन योजना के प्रति राज्यों ने भी उत्साह दिखाया है और केंद्र सरकार भी इसके जल्द क्रियान्वयन में जुट गई है। इस योजना के तहत बायो गैस प्लांट लगाने के 79 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई है। पिछले दिनों राज्यों के साथ स्वच्छ भारत मिशन 2.0 की समीक्षा बैठक में इस योजना पर अब तक हुए काम का ब्योरा रखा गया है। इन प्लांट की कुल क्षमता 8449 टन कचरे का प्रतिदिन निस्तारण करने की होगी।

13 राज्यों में दी गई बायो गैस प्लांट को मंजूरी-

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, अभी 13 राज्यों में बायो गैस प्लांट को मंजूरी दी गई है, लेकिन बैठक में कई अन्य राज्यों ने इस योजना से जुड़ने की इच्छा जताई है। उम्मीद है कि जल्द ही यह संख्या सौ तक पहुंच जाएगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था एलान-

गौरतलब है कि इस साल के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गोबरधन योजना के तहत पूरे देश में पांच सौ बायो गैस प्लांट लगाने का एलान किया था, जिनमें से 75 प्लांट शहरी क्षेत्रों में लगाए जाने हैं। शहरी क्षेत्रों में लगने वाले प्लांटों के लिए शहरी कार्य मंत्रालय और ग्रामीण क्षेत्रों में जलशक्ति तथा ग्रामीण विकास मंत्रालय को मंजूरी देनी है। ये प्लांट गीले कचरे को बायो गैस में परिवर्तित करते हैं।

पंजाब को मिला सबसे अधिक प्लांट-

जानकारी के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में सबसे अधिक प्लांट पंजाब के लिए मंजूर किए गए हैं, जबकि दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु हैं। शहरों के लिए बड़ी समस्या बनकर उभरे कचरे के निस्तारण के लिहाज ये प्लांट खासे अहम माने जा रहे हैं।

विशेषज्ञों ने क्या कहा?

विशेषज्ञों का कहना है कि इन प्लांटों की सफलता काफी कुछ इस पर निर्भर करेगी कि संबंधित शहर कचरे को अलग-अलग करने में कितना सफल हो पाते हैं। जब तक स्त्रोत के स्तर पर ही गीले और सूखे कचरे को अलग करने की व्यवस्था नहीं होती, तब तक इन परियोजनाओं का सौ प्रतिशत लाभ नहीं मिल सकेगा।