Budget 2024: घर खरीदारों को मिलेंगे सस्ते घर, बजट से पहले जगी ये उम्मीद

Budget 2024: हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि किफायती आवास योजना के दायरे को बढ़ाने के लिए CBRE ने सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं, जिनमें संपत्ति की लागत समेत कारपेट एरिया आदि को बढ़ाने की बात कही गई है। किफायती आवास के लिए वर्तमान मानदंड के हिसाब से संपत्ति की लागत 45 लाख रुपए तक होनी चाहिए...

 

HR Breaking News, Digital Desk- खुद के घर का सपना हर कोई देखता है. लोगों के इसी सपने को साकार करने में सरकार की किफायती आवास योजना बेहद कारगर है. इसमें 45 लाख रुपए तक की कीमत के घर खरीदने वालों को बढ़ावा दिया जाता है, लेकिन प्रॉपर्टी के बढ़ते रेट की वजह से दिल्ली-एनसीआर और मुंबई जैसे बड़े शहरों में इस कीमत पर घर मिलना काफी मुश्किल है.

ऐसे में इसके दायरे को बढ़ाने के लिए CBRE ने कुछ सुझाव दिए हैं. उन्होंने अपील की है कि साल 2024-25 के आम बजट में सरकार किफायती घरों की पहुंच बढ़ाने के लिए संपत्ति की लागत समेत कारपेट एरिया आदि में बदलाव करें.

किफायती घरों के लिए क्या है वर्तमान मानदंड?

किफायती आवास के लिए वर्तमान मानदंड के हिसाब से संपत्ति की लागत 45 लाख रुपए तक होनी चाहिए. वहीं कारपेट एरिया (60 वर्ग मीटर से 90 वर्ग मीटर) और घर खरीदने वाले की आय ईडब्ल्यूएस व एलआईजी कैटेगरी में होना जरूरी है. ऐसे में CBRE ने अपने बजट संबंधित सुझाव में कहा है कि योजना को और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए लागत, साइज और आय मानदंड का विस्तार करना चाहिए, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा मिल सके.

मेट्रो शहरों के हिसाब से बनाएं अलग-अलग ब्रैकेट-

CBRE के सीईओ और चेयरमैन (भारत) अंशुमान मैगजीन का सुझाव है कि इस बार के बजट में सरकार को मेट्रो शहरों के लिए किफायती घरों के मौजूदा पैमाने को बढ़ाना चाहिए. खासतौर पर एरिया के साइज को 90 वर्ग मीटर से ज्यादा बढ़ाना चाहिए. सरकार को शहर व राज्य की गतिशीलता के आधार पर पात्रता मानदंड तय करने चाहिए. उन्हें यूनिट, साइज और कीमतों के तीन से चार ब्रैकेट बनाने चाहिए, क्योंकि बड़े मेट्रो शहरों खासतौर पर मुंबई और दिल्ली-एनसीआर में घर की कीमत दूसरे शहरों की तुलना में काफी ज्यादा होती है.

इन वर्गों पर भी हो फोकस-

ग्रामीण और शहरी घरों के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) चलाती है, सरकार ने इस स्कीम के तहत अतिरिक्त तीन करोड़ घर बनाने के लिए इसके बजट में वृद्धि की थी. कैबिनेट की इस घोषणा से किफायती आवास क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिला. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार 2024-25 के अंतरिम बजट में किराए के आवासों, झुग्गियों, चालों और अनऑथराइज्ड कालोनियों में रहने वाले मध्यम वर्ग के योग्य वर्गों के लिए एक अलग योजना शुरू करने की बात कही थी. CBRE ने अपने सुझाव में इस योजना को जल्द से जल्द अमल में लाए जाने की बात कही है.

होम लोन टैक्स छूट को दोबारा शुरू करने की मांग-

किफायती आवास श्रेणी के तहत पहली बार घर खरीदने वालों को धारा 180EEA के तहत होम लोन पर चुकाए गए ब्याज पर 1.5 लाख रुपए की टैक्स कटौती का लाभ मिलता है. इस कटौती को 31 मार्च, 2022 तक बढ़ाया गया था. इससे घर खरीदारों को काफी राहत मिलती थी. CBRE ने अपने सुझाव रिपोर्ट में इस पहल को दोबारा शुरू करने की मांग की है.