ग्राहकों को हुई मौज, PPF में अब आसानी से करवा सकते हैं ये काम
PPF rule change : अगर आप भी PPF के ग्राहक है और इसमें इन्वेस्ट करते हैं तो आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है की अब PPF यानी Public provident fund के नियमों में बदलाव हो गया है जिससे ग्राहकों को काफी तगड़ा फायदा मिलने वाला है, अब ग्राहक बिना किसी दिक्कत के, आसानी से ये काम करवा सकते हैं | आइये जानते हैं इसके बारे में
HR Breaking News, New Delhi : कुछ समय पहले सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) यानी पीपीएफ खातों को समय से पहले बंद करने के संबंध में कुछ बदलाव किए हैं. इस योजना को पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) योजना, 2023 कहा जा रहा है. नियमों में किए गए इन बदलावों के बाद एक्सटेंडेड पीरियड के दौरान पेनल्टी के कैलकुलेशन को लेकर कुछ लोगों में कन्फ्यूजन की स्थिति है. आइए आपको बहुत आसान भाषा में बताते हैं कि नियमों में बदलावों का आप पर क्या असर पड़ेगा.
PPF वालों की हुई मौज, जानिए सरकार का प्लान
ये है पुराना नियम
पुराने नियम के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति एक्सटेंडेड पीरियड के दौरान खाते का प्रीमैच्योर क्लोजर करता है तो उसे जुर्माना तब से देना होगा, जब से पीपीएफ खाता (Public Provident Fund) एक्सटेंड हुआ है. मतलब अगर किसी व्यक्ति का अकाउंट 15 साल की मैच्योरिटी के बाद 5 साल के एक्सटेंड कराया गया है तो 1 फीसदी पेनल्टी एक्सटेंडेड पीरियड की शुरुआत से लगेगी. वहीं अगर किसी ने एक से ज्यादा बार 5-5 साल के ब्लॉक में खाते को एक्सटेंड करवाया है, तो भी पेनल्टी तभी से लगेगी जब मैच्योरिटी के बाद पहली बार पीपीएफ अकाउंट (Public Provident Fund) एक्सटेंड हुआ था.
नए नियम से मिली राहत
पीपीएफ (Public Provident Fund new rule) का नया नियम आने के बाद निवेशकों को राहत मिली है. अब अगर पीपीएफ अकाउंट एक्सटेंडेड पीरियड में है तो प्रीमैच्योर क्लोजर के मामले में 1 फीसदी पेनल्टी (Public Provident Fund big news) की कैलकुलेशन प्रत्येक 5 साल के ब्लॉक की शुरुआत से होगी. ऐसे में अगर आप कई बार 5-5 साल के ब्लॉक में खाते को एक्सटेंड करवाते हैं तो आपको जुर्माना पहली बार एक्सटेंड कराने के समय से नहीं देना होगा, बल्कि सिर्फ उसी 5 साल के ब्लॉक से इसकी गणना की जाएगी, जिसमें निवेशक ने प्रीमैच्योर क्लोजर का आवेदन दिया है.
किन स्थितियों में करवा सकते हैं प्रीमैच्योर क्लोजर
PPF वालों की हुई मौज, जानिए सरकार का प्लान
पीपीएफ (Public Provident Fund) के मौजूदा नियमों के मुताबिक जिस वित्त वर्ष में खाता खोला गया है, उसके अगले 5 साल तक खाते को बंद नहीं कराया जा सकता. इसके बाद कुछ विशेष परिस्थितियों में ही खाता बंद कराया जा सकता है, लेकिन ब्याज में कटौती पर जुर्माना लगाया जाता है.
- अगर कोई मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति हो और आपको अपने या परिवार के सदस्य के इलाज के लिए पैसों की जरूरत हो, तो आप आंशिक निकासी कर सकते हैं या प्रीमैच्योर क्लोजर भी करवा सकते हैं.
- बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए पीपीएफ प्रीमैच्योर क्लोजर कराया जा सकता है या आंशिक निकासी की जा सकती है.
- अगर आप विदेश शिफ्ट हो रहे हैं तो भी पीपीएफ अकाउंट बंद करवाकर पूरा पैसा निकाल सकते हैं.
- अकाउंटहोल्डर के निधन की स्थिति में मैच्योरिटी से पहले खाते को बंद कराया जा सकता है. इस स्थिति में 5 साल का नियम लागू नहीं होता है.
कैसे कराएं प्रीमैच्योर क्लोजर
पीपीएफ (Public Provident Fund latets news) खाते को प्री-मैच्योर बंद कराने के लिए आपको एक लिखित आवेदन बैंक खाते की होम ब्रांच में जमा करना होता है. इस आवेदन में आपको वो वजह बतानी होती है कि आप अकाउंट को किस कारण से बंद कर रहे हैं. इस बीच आपको आवेदन के साथ कुछ दस्तावेज भी अटैच करने होते हैं. इसमें पीपीएफ पासबुक की एक कॉपी होनी चाहिए.
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साथ ही अगर बीमारी के (Public Provident Fund) इलाज के लिए खाता बंद कर रहे हैं तो मेडिकल अथॉरिटी के दिए गए कागजात, उच्च शिक्षा के लिए खाता बंद कर रहे हैं, तो फीस की रसीद, किताबों के बिल और एडमिशन को कन्फर्म करने वाले डॉक्युमेंट्स (PPF update)और निधन के मामले में डेथ सर्टिफिकेट लगाना होता है. दस्तावेजों का वेरिफिकेशन होने के बाद खाता बंद करने का आवेदन स्वीकार किया जाता है. इसके बाद आपका अकाउंट बंद कर दिया जाता है लेकिन पेनल्टी अमाउंट काट लिया जाता है.