Delhi NCR Property Rate : दिल्ली एनसीआर में पिछले 5 साल में कितने बढ़े प्रोपर्टी के रेट, प्रोपर्टी खरीदने वाले जरूर जान लें

Property Rate : देश में प्रॉपर्टी की कीमत में आसमान बढ़ोतरी जारी है। कोरोना महामारी के बाद मेट्रो सिटी से लेकर छोटे शहरों में घरों की कीमत तेजी से बढ़ी है। आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर और मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में घरों की औसत कीमतें पिछले पांच वर्षों में काफी बढ़ी हैं। आइए खबर में जानते है की दिल्ली एनसीआर में पिछले 5 साल में कितने बढ़े प्रोपर्टी के रेट...
 

HR Breaking News (नई दिल्ली)। पिछले 5 सालों में सिर्फ दिल्‍ली एनसीआर (Delhi NCR Property Rate) ही नहीं बल्कि कई शहरों में घरों की कीमतों में खासा उछाल देखने को मिला है। रियल एस्‍टेट सर्वे कंपनी (Real Estate Survey Company) एनॉरॉक की हालिया रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि हुई है। ये बढ़ोतरी सिर्फ दिल्‍ली एनसीआर (NCR Property Rate) ही नहीं बल्कि देश की बिजनेस कैपिटल कहे जाने वाली मुंबई में भी हुई है। 


कीमतों के बढ़ने का कारण मांग में बढ़ोतरी तो बताया ही जा रहा है, साथ ही इसके अन्‍य कारण भी हैं, लेकिन सबसे महत्‍वपूर्ण बात यह है कि कीमतें बढ़ने के बावजूद लगातार लोग मकानों की खरीदारी कर रहे हैं। कीमतें और मांग बढ़ने का क्‍या कारण हैं, आइए बताते हैं।


दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में घरों के दामों में जोरदार बढ़ोतरी (Strong increase in house prices) को लेकर एनरॉक की हालिया रिपोर्ट बताती है कि इन क्षेत्रों में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज की कीमतें 50% तक बढ़ गई हैं। दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में साल 2019 में जनवरी-जून के दौरान रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज की औसत कीमत (Average price of residential properties) 4,565 रुपये प्रति वर्ग फीट थी, जो 2024 में 49% बढ़कर 6,800 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई है। वहीं, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में यह औसत कीमत 2019 में 10,610 रुपये प्रति वर्ग फीट थी, जो अब 48% बढ़कर 15,650 रुपये प्रति वर्ग फीट हो गई है।


क्‍या है वजह? क्‍या बोले एक्‍सपर्ट्स


एम्बिएंस ग्रुप के चीफ बिजनेस ऑफिसर अंकुश कौल ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में दिल्ली-एनसीआर में घर की कीमतों (House prices in Delhi-NCR) में जबरदस्त वृद्धि हुई है। कोरोना महामारी के बाद लोगों को बड़े घर की जरूरत महसूस हुई है। जिससे इस तरह की महामारी के दौरान लोग सुरक्षित रह सकें। इसके अलावा 2022 की तुलना में दामों में 50 प्रतिशत तक का उछाल आया है। इसे देखते हुए रियल एस्टेट एक बार फिर निवेश का बेहतर विकल्प (Better investment option) बिन गया है। लोग निवेश कर रहे हैं जिससे माँग बढ़ रही है और दाम भी बढ़ रहे हैं।


वहीं अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल ने बताया कि “पिछले पांच वर्षों में एनसीआर क्षेत्र में रेजिडेंशियल प्राइस में भारी वृद्धि इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और बेहतर कनेक्टिविटी द्वारा संचालित मजबूत मांग को दर्शाती है। कोरोना के बाद दिल्ली एनसीआर और मुंबई समेत सभी शहरों में एक बार फिर ऑफिस शुरू हो गए हैं। ऐसे में यहां किराए के घरों की मांग भी बढ़ी है। रेंटल इनकम बढ़ने से लोग प्रॉपर्टी में निवेश (investment in property) कर रहे हैं और इसे आय का सेफ जरिया मान रहे हैं। यह भी एक वजह है प्रॉपर्टी के दाम बढ़ने की।


एसकेए ग्रुप के डायरेक्‍टर शर्मा ने बताया कि, ‘पिछले पांच वर्षों में घरों की कीमतों में बढ़ोतरी और बिक्री की तेजी से स्पष्ट होता है कि इन क्षेत्रों में घरों की मांग और बाजार की स्थिति मजबूत है। एनसीआर में औसत घर की कीमतें बढ़ी हैं, जो इन क्षेत्रों की बढ़ती लोकप्रियता और संभावनाओं को दर्शाता है। हालांकि कीमतों के बढ़ने के पीछे का बड़ा कारण कंस्‍ट्रक्‍शन कॉस्‍ट भी है। 


इसके अलावा कोरोना महामारी के बाद से लोग अपने रहन सहन पर अधिक तवज्जो दे रहे हैं। इसके चलते वे लक्जरी लाइफ और लक्जरी रहन सहन के लिए बड़े घर खरीद रहे हैं। डिमांड बढ़ने से दाम भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में कोरोना महामारी के बाद एनसीआर में नई आपूर्ति भले ही सीमित रही है, फिर भी बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। बीते पांच वर्षों में एनसीआर में 2.72 लाख और मुंबई में लगभग 5.50 लाख घर बिके हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि एंड यूजर ही नहीं बल्कि निवेशक भी बाजार की मजबूती का संकेत दे रहे हैं।