EMI Bounce : लोन की ईएमआई बाउंस होने पर भी नहीं देनी होगी पेनाल्टी, लोन लेने वाले जान लें ये जरूरी बात
HR Breaking News - (EMI Bounce) । कई बार लोनधारक की ऐसी परिस्थितियां हो जाती है, जिसमे व्यक्ति लोन की ईएमआई भरने में असमर्थ होता है। लोन और ईएमआई बेहद पेचिदे मामले होते हैं। अगर यह बांउस हो जाए तो व्यक्ति को गंभीर जुर्माने का भुगतान तो करना पड़ता ही है और इसके साथ ही व्यक्ति के सिबिल स्कोर पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। आज हम आपको ईएमआई बाउंस (EMI Bouce pr penalty)होने पर पेनाल्टी के भुगतान से बचाव के तरीके के बारे में बताने वाले हैं।
ईएमआई बाउंस कैसे वसूलते हैं बैंक चार्ज -
हर बैंक की ओर से ईएमआई बाउंस (rules of EMI bouce ) होने पर अलग-अलग चार्जेज होते हैं और बैंक उधारकर्ताओं से वो वसूलते हैं। जैसे हम समझाते हैं। जैसे कि HDFC बैंक ईएमआई बाउंस होने पर 100 से 1,300 तक का जुर्माना लगाता है। वहीं, कोटक बैंक चूक की गई राशि का 8 प्रतिशत जुर्माने (kotak bank emi bbouce penalty) के रूप में रकम वसूलता है। ICICI बैंक भी 100 से 1,000 तक का जुर्माना लगाता है। अगर उधारकर्ता ब्याज पर ब्याज देने से बचना चाहता है तो उसके लिए उधारकर्ताओं को पुनर्भुगतान शेड्यूल और शर्तों का तरीके से पालन करना चाहिए।
क्या पड़ता है क्रेडिट स्कोर पर असर-
अगर व्यक्ति ईएमआई देने से चुकता है तो इसका असर कहीं न कहीं उसके सिबिल स्कोर पर भी पड़ता है। जितनी नजदीक डिफॉल्ट (loan default) की तारीख होगी, उतना ही नुकसान उधारर्ता को उठाना पड़ेगा। वैसे तो आपको बता दें कि क्रेडिट स्कोर पिछले 36 महीनों की क्रेडिट हिस्ट्री (how to safe cibil score ) पर निर्भर करता है। इसलिए ज्यादा नुकसान होने से पहले जल्दी से कार्रवाई करना जरूरी है। क्रेडिट स्कोर को ठीक रखने के लिए जितना जल्दी हो सकें, चूकी हुई ईएमआई चुका देना और ऑटो-पेमेंट सेट करना। इसका फायदा यह होगा कि आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score)ठीक रहेगा। इससे आपका क्रेडिट स्कोर भी ठीक रहेगा और आपके क्रेडिट उपयोग अनुपात को नुकसान भी नहीं होगा।
कैसे करें क्रेडिट स्कोर खराब होने से बचाव-
अगर आपकी ईएमआई बाउंस (penalty for missing EMI)हो गइ है तो समस्या को हल करने के लिए सबसे पहले बैंक की ग्राहक सेवा को कॉल करना चाहिए, क्योंकि ऐसा कुछ होता है तो इस मामले में खुली बातचीत बेहद जरूरी है। कई बैंक पॉलिसी (bank policy)में लोन की ईएमआई चुकने पर देर से शुल्क माफ कर देती हैं। अगर आप इस समस्या को कम करना चाहते हैं तो समय पर ग्राहक सेवा से संपर्क करना चाहिए। इसके साथ ही आप बैंक से बातचीज करके क्रेडिट स्कोर (kaise khrab hota cibil score)पर इफेक्ट पड़ने से बचाव कर सकते हैं। आरबीआई नियमों के मुताबिक, खाता केवल तब ओवरड्यू माना जाता है जब वह बिलिंग स्टेटमेंट में जो तारीख दी गई है, उससे तीन दिन से अधिक समय तक बकाया हो।