Fixed Deposit : टाइम से पहले FD तोड़ने पर कितना लगता है चार्ज, जानिए प्री मैच्योर विड्रॉल के नियम
Fixed Deposit : एफडी में गारंटीड रिटर्न का आश्वासन होता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर लोग समय से पहले तुड़वा सकते हैं. बैंक प्रीमैच्योर विदड्रॉल (bank premature withdrawal) का विकल्प देते हैं, लेकिन इसके लिए एक पेनाल्टी (penalty) का भुगतान करना होता है.. ऐसे में आइए नीचे खबर में जान लेते है कि समय से पहले एफडी तुड़वाने पर कितना चार्ज लगता है-
HR Breaking News, Digital Desk- (Bank FD) फिक्स्ड डिपॉजिट (fixed deposit) में गारंटीड रिटर्न का आश्वासन होता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर लोग समय से पहले तुड़वा सकते हैं. बैंक प्रीमैच्योर विदड्रॉल (bank premature withdrawal) का विकल्प देते हैं, लेकिन इसके लिए एक पेनाल्टी (penalty) का भुगतान करना होता है. इससे आपको पहले निवेश की तुलना में कम ब्याज मिलता है और पेनाल्टी भी भुगतान करनी होती है.
जब आप फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट (FD Invest) करते हैं तो आपका इन्वेस्टमेंट एक पीरियड के लिए लॉक हो जाता है. आप अपना इन्वेस्टमेंट इस पीरियड और रिटर्न के हिसाब से चूज कर लेते हैं. इस पीरियड के लिए आपका पैसा लॉक हो जाता है, जो मैच्योरिटी (maturity) के बाद इंटरेस्ट रिटर्न के साथ मिलता है. लेकिन फिर इमरजेंसी (emergency) में आप इस एफडी को मैच्योरिटी के पहले भी तुड़वा सकते हैं.
कितना लगता है जुर्माना?
समय से पहले फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) से पैसे निकालने पर, बैंक जुर्माना लगाते हैं. यह जुर्माना विभिन्न बैंकों में अलग-अलग होता है और आपकी ब्याज दर से काटा जाता है. आमतौर पर, यह जुर्माना ब्याज दर का 0.5% से 1% तक हो सकता है। इसलिए, यदि आप FD की समय सीमा से पहले पैसे निकालते हैं, तो आपको मिलने वाली ब्याज राशि कम हो सकती है.
SBI में कितना लगता है चार्ज-
एसबीआई (State Bank Of India) के नियम के अनुसार मैच्योरिटी से पहले FD तुड़वाने पर आपके ब्याज में 1% तक की कटौती कर ली जाती है. साथ ही उस पर मिलने वाले ब्याज पर पेनाल्टी भी वसूली जाती है. अगर आप 5 लाख रुपए तक की FD करवाते हैं तो उस एफडी को मैच्योरिटी से पहले ब्रेक करने पर 0.50% पेनल्टी (penalty) देनी होती है. वहीं 5 लाख से ज्यादा और एक करोड़ से कम की FD कराने पर 1% पेनल्टी समय से पहले ब्रेक करने पर देनी होती है.
कैसे होता है FD पर ब्याज का कैलकुलेशन-
अगर समय से पहले आप एफडी को तुड़वा रहे हैं तो प्रभावी ब्याज दर वह नहीं होगी जिस पर उसे खोला गया था. बैंकिंग की भाषा में इसे बुक्ड रेट (booked rate) कहा जाता है. यह वह दर होती है जिस पर एफडी अकाउंट खोला (fd account open) जाता है. इसके बजाय पैसा जितने समय तक बैंक में रहा है, उसके हिसाब से कार्ड रेट पर ब्याज मिलेगा.