Income Tax : बच्चे ने की है कमाई तो क्या भरना होगा इनकम टैक्स, जानिए इनकम टैक्स विभाग के नियम

Income Tax : अगर कोई नाबालिग (minor) लॉटरी में रकम जीतता है तो इस पर सीधे 30 प्रतिशत टीडीएस (TDS) काटा जाएगा( फिर इस टीडीएस (TDS) पर 10 प्रतिशत सरचार्ज लगाया जाएगा और चार प्रतिशत सेस भी देना होगा। लेकिन अगर बच्‍चे को कोई संपत्ति, जमीन, जायदाद वगैरह किसी से गिफ्ट के तौर पर मिलती है, तो इसे उसकी अनर्जित आय माना जाता है...
 
 

HR Breaking News, Digital Desk-  अगर माता और पिता दोनों कमाते हैं, तो दोनों में से जिनकी आमदनी ज्‍यादा है, उसकी इनकम में बच्‍चे की आय को जोड़कर टैक्‍स की गणना की जाती है. अगर कोई नाबालिग लॉटरी में रकम जीतता है तो इस पर सीधे 30 फीसदी टीडीएस काटा जाएगा. फिर इस टीडीएस (TDS) पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया जाएगा और चार प्रतिशत सेस भी देना होगा.

इन तरीकों से होती है बच्‍चों की इनकम-

एक नाबालिग के पास दो तरह की आय हो सकती है. पहली अर्जित की गई आय, जिसे उसने खुद कमाया हो और दूसरी वो आय जो उसने न कमाई हो, लेकिन मालिकाना हक बच्‍चे का ही हो. अगर बच्‍चा किसी प्रतियोगिता या रियलिटी शो के जरिए, सोशल मीडिया के जरिए या किसी अन्‍य तरीके से कमाई करता है तो इसे उसकी अर्जित की गई आय माना जाता है.

लेकिन अगर बच्‍चे को कोई संपत्ति, जमीन, जायदाद वगैरह किसी से गिफ्ट के तौर पर मिलती है, तो इसे उसकी अनर्जित आय माना जाता है. पैरेंट्स बच्‍चे के नाम से अगर कोई निवेश करते हैं और उस पर जो ब्‍याज मिलता है, इसे भी बच्‍चे की अनर्जित इनकम ही माना जाता है.

क्‍या कहता है कानून-

आयकर संबंधी कानून की धारा 64 (1ए) नाबालिग की इनकम से जुड़े नियमों के बारे में बताया गया है. नियम के अनुसार नाबालिग अगर कमाई करता है तो उसे टैक्‍स नहीं देना होता. उसकी आय को उसके माता-पिता की आय में जोड़ दिया जाता है. फिर पैरेंट्स को कुल आय पर निर्धारित टैक्स स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स देना होता है. 

1500 रुपए तक की कमाई टैक्‍स फ्री-

सेक्‍शन 10(32) के तहत बच्‍चे की सालाना 1500 रुपए तक की कमाई को टैक्‍स के दायरे से बाहर रखा गया है. इसके ऊपर की कमाई को सेक्‍शन 64(1A) के तहत उसके माता-पिता की आमदनी के साथ जोड़ दिया जाता है.

अगर माता-पिता दोनों कमाते हैं तो..   

अगर माता और पिता दोनों कमाते हैं, तो दोनों में से जिनकी आमदनी ज्‍यादा है, उसकी इनकम में बच्‍चे की आय को जोड़कर टैक्‍स की गणना की जाती है. अगर कोई नाबालिग लॉटरी में रकम जीतता है तो इस पर सीधे 30 फीसदी टीडीएस काटा जाएगा. फिर इस टीडीएस पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया जाएगा और 4 फीसदी सेस भी देना होगा.

तलाक की स्थिति में क्‍या होगा-

मान लीजिए कि अगर बच्‍चे के माता-पिता का तलाक हो चुका है, तो ऐसी स्थिति में बच्‍चे की इनकम को उस पेरेंट की आय में जोड़ा जाता है, जिनके पास बच्‍चे की कस्‍टडी है. इसके अलावा अगर बच्‍चा अनाथ है, तो उसे अपना आईटीआर खुद भरना होगा. वहीं अगर Section 80U में बताई गई किसी भी डिसेबिलिटी से बच्‍चा ग्रसित है और डिसेबिलिटी 40 फीसदी से ज्यादा है, तो उसकी आय को माता-पिता की इनकम में नहीं जोड़ा जाएगा.