Income Tax : सीनियर सिटीजन के लिए जरूरी खबर, इस तरीके से बचा सकते हैं मोटा टैक्स
Income Tax : फ़ाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए आईटीआर (ITR) भरने की प्रक्रिया चल रही है, जिसकी आखिरी तारीख 15 है। सभी करदाता, विशेषकर सीनियर सिटीजन्स, टैक्स छूट के विकल्प तलाश रहे होंगे। इसी कड़ी में आपको बता दें कि वरिष्ठ नागरिकों को आयकर में कुछ विशेष छूट मिलती है... जिसके चलते वे मोटा टैक्स बचा सकते है-
HR Breaking News, Digital Desk- (Tax Saving Tips) भारत में सभी टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना अनिवार्य है, लेकिन कई लोगों, खासकर सीनियर सिटीजन्स के लिए यह एक जटिल प्रक्रिया लग सकती है। सीनियर सिटीजन्स अपनी पेंशन (Pension) और अन्य आय स्रोतों पर निर्भर होते हैं, इसलिए उनके लिए टैक्स नियमों को समझना और उपलब्ध कटौतियों तथा छूटों का लाभ उठाना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। सही जानकारी और थोड़ी सहायता से ITR फाइल करना आसान हो सकता है।
किन्हें माना गया है सीनियर सिटीजन्स-
आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार, 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्ति वरिष्ठ नागरिक कहलाते हैं, जबकि 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्ति अति वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में आते हैं। दोनों के लिए टैक्स नियमों (Tax Rules) में कुछ खास छूट और लाभ दिए गए हैं, जो उनकी उम्र और आय के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं। सीनियर सिटीजन्स इनकम टैक्स एक्ट के 80TTB और 80TTA के तहत टैक्स में छूट (Tax Exemption) का फायदा उठा सकते हैं। यह छूट तभी मिलती है, जब ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) चुनते हैं।
सेक्शन 80TTA: 10,000 रुपये तक की छूट-
यह नियम 60 साल से कम उम्र के व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) पर लागू होता है। आप बैंक, पोस्ट ऑफिस या को-ऑपरेटिव सोसाइटी के बचत खाते से मिलने वाले ब्याज पर 10,000 रुपये तक की आयकर छूट का लाभ उठा सकते हैं। यह छूट केवल पुराने टैक्स रिजीम के तहत उपलब्ध है और फिक्स्ड या रिकरिंग डिपॉजिट (RD) से मिलने वाले ब्याज पर लागू नहीं होती है।
सेक्शन 80TTB: सीनियर सिटीजन्स के लिए बड़ी राहत-
60 साल से ऊपर के सीनियर सिटीजन्स सेक्शन (Senior citizen section) 80TTB के तहत बचत खाते, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), और रिकरिंग डिपॉजिट से मिलने वाले ब्याज पर 50,000 रुपये तक की छूट का फायदा उठा सकते हैं। यह छूट बैंक, पोस्ट ऑफिस (post office) या को-ऑपरेटिव बैंक के ब्याज पर लागू होती है। एक्सपर्ट के मुताबिक, सीनियर सिटीजन्स को पुराने टैक्स सिस्टम (old tax system) में बने रहकर ज्यादा फायदा मिलता है, खासकर जब उनकी आमदनी ब्याज पर निर्भर हो।
उदाहरण के लिए, अगर किसी सीनियर सिटीजन को अपने फिक्स्ड डिपॉजिट से 60 हजार रुपये का ब्याज मिलता है, तो वे 50 हजार रुपये की कटौती का दावा कर सकते हैं, और केवल 10 हजार रुपये पर टैक्स देना होगा। यह सुविधा भी केवल ओल्ड टैक्स रिजीम (old tax regime) में मिलती है।
न्यू टैक्स रिजीम में कोई छूट नहीं-
नए टैक्स रिजीम में आपको धारा 80TTA और 80TTB के तहत मिलने वाली छूट का लाभ नहीं मिलता है. इसका मतलब है कि अगर आपकी ब्याज से होने वाली आय अधिक है, तो पुराना टैक्स रिजीम आपके लिए ज़्यादा फ़ायदेमंद हो सकता है। खासकर सेवानिवृत्त व्यक्तियों के लिए, जो अपनी आय (income) के लिए ज़्यादातर ब्याज पर निर्भर रहते हैं, पुराने रिजीम में अधिक छूट उपलब्ध है।