Income Tax : टैक्स रिफंड के नाम पर किया बड़ा खेल, इनकम टैक्स विभाग को 100 करोड़ से ज्यादा का लगाया चूना

Income tax fraud : आए दिन इनकम टैक्स फ्रॉड के कई मामले सामने आते रहते हैं। हाल ही में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। इस मामले में फ्रॉडकर्ता ने टैक्स रिफंड (tax refund fraud case) के नाम पर एक बहुत बड़ा खेल किया है। इसके अलावा इस मामले में विभाग को 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का चूना लगाया गया है। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।
 

HR Breaking News - (Income Tax Refund)। इनकम टैक्स विभागआयकर के दायरे में आने वाली कमाई और आईटीआर भरने वाले टैक्सपेयर्स (taxpayers news) की डिटेल पर कड़ी निगरानी रखता है। ऐसे में अगर कोई भी टैक्सपेयर टैक्स का भुगतान करने में मामूली सी भी गड़बड़ी करता है तो उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। हाल ही में इनकम टैक्स फ्रॉड का बड़ा मामला सामने आया है। इस मामले में इनकम टैक्स विभाग (income tax department) को करोड़ों का नुकसान का सामना करना पड़ा है।

कितने करोड़ का दिया धोखा -

हैदराबाद में कुछ सॉफ्टवेयर पेशेवरों ने 110 करोड़ रुपये का धोखा इनकम टैक्स विभाग को दिया। 36 कंपनियों के कर्मचारियों ने गलत तरीके से टैक्स रिफंड क्लेम (tax refund claim process) करके सरकारी धन की हानि की। यह घोटाला आयकर विभाग (IT department notice) की जांच में सामने आया। 


विभाग अब इन कर्मचारियों से रिफंड की राशि वसूलने के लिए कदम उठा रहा है। आरोपियों ने दान के नाम पर झूठा दावा किया और बिना किसी वास्तविक योगदान के टैक्स लाभ प्राप्त किया। इस मामले ने आयकर विभाग को एक बड़ी चुनौती दी है, जिससे धोखाधड़ी पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

इस तरीके से दिया धोखा -

आयकर विभाग के मुताबिक, कुछ आईटी विशेषज्ञों ने पंजीकृत लेकिन बिना मान्यता वाली राजनीतिक पार्टियों को लाखों रुपये का दान दिखाया। इन दावों के आधार पर इनकम टैक्स की धारा 80जीसीसी के तहत छूट (tax discount by IT) प्राप्त करने का प्रयास किया। 
इस कानूनी प्रावधान के तहत राजनीतिक दलों को दी गई राशि पर टैक्स में छूट मिलती है, लेकिन इन पेशेवरों ने इसका गलत इस्तेमाल किया। विभाग का कहना है कि इन कर्मचारियों ने इस सुविधा का दुरुपयोग करके टैक्स रिफंड के रूप में राशि प्राप्त की, जो पूरी तरह से फर्जी था।

चंदे के रूप में झूठी राशि दिखाकर लिया रिफंड-


आयकर विभाग (Income Tax Department) ने एक बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया, जिसमें कई कंपनियों के पेशेवरों ने राजनीतिक उद्देश्यों के नाम पर टैक्स में छूट का फायदा उठाया। ये लोग असल में चंदा नहीं दे रहे थे, लेकिन फिर भी उन्होंने उसे चंदा दिखाकर टैक्स रिफंड (tax refund benefits) का लाभ लिया। 


यह घोटाला 110 करोड़ रुपये का था और इसमें करीब 36 कंपनियां शामिल थीं। इन व्यक्तियों ने राजनीतिक दलों के नाम पर फर्जी दान का दावा किया और इसके बदले में टैक्स रिफंड प्राप्त किया, जिससे सरकारी धन का गलत इस्तेमाल हुआ।

ऐसे पकड़ा गया गबन -

एक व्यक्ति ने अपनी कमाई के बारे में कुछ विशेष जानकारी दी, जिसमें उसने बताया की वह 46 लाख रुपये की सैलरी जनरेट करता है, जिसके अनुसार उसने लगभग अपनी पूरी आय 45 लाख रुपये को एक निश्चित उद्देश्य के लिए दान किया था। 


इस दावे ने अधिकारियों (IT officers) का ध्यान आकर्षित किया, क्योंकि वह राशि बहुत अधिक थी और कुछ मामलों में चंदे (donation fraud committed from IT) को नकद में वापस किया जा रहा था। इसके परिणामस्वरूप विभाग ने और भी कई अन्य मामलों की छानबीन शुरू कर दी। इस स्थिति ने यह उजागर किया कि कुछ व्यक्तियों और संगठनों के बीच इस प्रकार के लेन-देन हो रहे थे, जिससे बडे़ वित्तीय मामलों का पता चला।

कर्मचारियों द्वारा किए गए दावे निकले झूठे -

पिछली जांचों में कर्मचारियों द्वारा किए गए हाउस रेंट अलाउंस (House Rent Allowance), एजुकेशन लोन और होम लोन ब्याज के दावों में धोखाधड़ी का पता चला था। ये दावे झूठे निकले तो मामले का पर्दाफाश हुआ। 2023 में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों द्वारा किए गए फर्जी रिफंड (fake refund IT news) दावों पर कार्रवाई की गई थी।


 अब ध्यान निजी क्षेत्र के कर्मचारियों पर केंद्रित किया गया है। जांचकर्ताओं ने एक सामान्य ईमेल पता ट्रैक किया, जिसे कई आईटी कर्मचारियों ने फर्जी रिटर्न दाखिल करने के लिए इस्तेमाल किया। इसके बाद, उसी रकम को झूठे तरीके से टैक्स कटौती योग्य चंदे के रूप में दावा किया गया।


टैक्स रिटर्न की जांच करने की योजना -

आयकर विभाग ने यह जानकारी दी कि जिन राजनीतिक संगठनों को कर्मचारियों ने धन दिया था, उनमें से कई ने चुनाव नहीं लड़ा और अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को नहीं दी। अब विभाग 2021-22 से 2023-24 के वित्तीय वर्षों के टैक्स रिटर्न (Income tax return news) की जांच करेगा। 

यह करदाताओं को गलत दावों को वापस लेने का निर्देश देगा। कर्मचारियों को नोटिस भेजकर उनके रिफंड दावों की वैधता पर सवाल उठाया जाएगा। विभाग यह बताएगा कि क्यों कटौतियां अस्वीकार की जा सकती हैं और इस पर कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में गलत दावों से बचा जा सके।

IT विभाग देगा कर्मचारियों को नोटिस -

आयकर विभाग ने टेक्नोलॉजी क्षेत्र के कर्मचारियों को धारा 80GGC जो विशेष प्रावधान के तहत टैक्स कटौती का दावा करते हैं, एसएमएस और ईमेल के माध्यम से अलर्ट भेजने का फैसला लिया है। इससे कर्मचारियों को अपनी टैक्स फाइलिंग (ITR filing fraud) की फिर से जांचने का मौका मिलेगा। 


अगर कोई गलत दावा पाया जाता है, तो उन्हें 31 मार्च, 2025 से पहले एक अपडेटेड रिटर्न (ITR-U news) दाखिल करना होगा ताकि 200 प्रतिशत के भारी जुर्माने से बचा जा सके। सूत्रों के अनुसार, कई बड़ी कंपनियां अब उस विशेष प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं और टीडीएस (TDS) का विकल्प ले रही हैं, जबकि कर्मचारी इस प्रक्रिया को छोड़कर बाद में रिफंड का दावा कर रहे हैं।

विशेष प्रावधान का गलत उपयोग -

टैक्स के एक विशेष प्रावधान के तहत एक बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी (technology company IT fraud) के 430 कर्मचारियों ने 17.8 करोड़ रुपये की कटौती का दावा किया था। जिस वजह से, प्रत्येक कर्मचारी को औसतन 4.2 लाख रुपये का रिफंड मिला। 


हालांकि, कंपनी का इस मामले में कोई संबंध नहीं था, क्योंकि कर्मचारियों ने नियमों का उल्लंघन किया था। अब टैक्स विभाग ने बड़ी IT और फाइनेंशियल कंपनियों में विशेष रूप से कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है ताकि कर्मचारियों को इस धारा 80GGC (Section 80GGC) विशेष प्रावधान का गलत उपयोग करने से रोका जा सके।