Income Tax Return : करोड़ों टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर, बदल गए ITR फाइल करने के नियम

Income Tax Return : देश के करोड़ों टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर. दरअसल एक ताजा अपडेट के मुताबिक आपको बता दें कि आईटीआर फाइल करने के नियमों में बदलाव किया गया है... प्रत्येक फॉर्म के लिए एलिजिबिलिटी की शर्तें हैं, जिन्हें टैक्‍सपेयर्स (taxpayers) को पूरा करना होता है.

 

HR Breaking News, Digital Desk- (Income Tax Return Filing) अगर आप भी हर साल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं, तो यह खबर आपके काम की है. इस साल भी आपको 31 मार्च 2025 तक की इनकम पर टैक्स चुकाना होगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 (आय 2025-26) के लिए ITR फॉर्म 1 और 4 नोटिफाई किए हैं. ये फॉर्म 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच की इनकम को रिपोर्ट करने के लिए हैं. 

सभी ITR-1 और ITR-4 का यूज नहीं कर सकते-

छपी एक खबर के मुताबिक इस बार सरकार की ओर से ITR-1 में बड़ा बदलाव क‍िया गया है. इस फॉर्म में अब लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCGT) को शामिल किया गया है. इसके अलावा सभी टैक्‍स पेयर्स ITR-1 और ITR-4 फॉर्म का यूज नहीं कर सकते. इनकम के सोर्स (income source) और टाइप (type) के आधार पर अलग-अलग फॉर्म होते हैं. प्रत्येक फॉर्म के लिए एलिजिबिलिटी की शर्तें हैं, जिन्हें टैक्‍सपेयर्स (taxpayers) को पूरा करना होता है. अगर आपकी आमदनी और स्थिति इन शर्तों से मेल खाती है तभी आप इन फॉर्म का यूज कर सकते हैं.

ITR-1 में हुआ यह बदलाव-
इस साल ITR-1 में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। पहले इसमें कैपिटल गेन टैक्स की जानकारी देना जरूरी नहीं था. अब लिस्टेड इक्विटी शेयर और इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड (Equity-Oriented Mutual Funds) से होने वाले लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCGT) को शामिल किया जा सकता है. इससे टैक्सपेयर्स (taxpayers) को पहले की तुलना में आसान फॉर्म का इस्तेमाल करने का लाभ मिलेगा. पहले कैपिटल गेन (capital gain) से आय पाने वाले टैक्सपेयर्स को ITR-2 फॉर्म भरना पड़ता था। यह बदलाव उनके लिए राहत भरा है.

कौन फाइल कर सकेगा ITR-1?

ITR-1 फॉर्म का यूज ऐसे टैक्‍सपेयर्स कर सकते हैं जो सामान्य निवासी हैं और जिनकी सालाना इनकम 50 लाख रुपये तक है. उनकी इनकम का सोर्स सैलरी (salary), मकान की संपत्ति और ब्याज (House property and interest) आद‍ि से है. लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन सेक्‍शन 112A के तहत लिस्टेड इक्‍व‍िटी और म्यूचुअल फंड (mutual fund) की बिक्री से 1.25 लाख रुपये तक का गेन. इसके अलावा कंपनी के न‍िदेशक, नॉन-ल‍िस्‍टेड इक्‍व‍िटी में निवेश करने वाले और सेक्शन 194N के तहत TDS कटौती वाले ITR-1 फॉर्म का इस्‍तेमाल नहीं कर सकते.

कौन फाइल कर सकेगा ITR-4?
सीबीडीटी ने वित्त वर्ष 2024-25 (आय 2025-26) के लिए ITR फॉर्म-4 नोटिफाई किया है. यह फॉर्म छोटे व्यवसाय से आय कमाने वाले टैक्सपेयर्स के लिए है. सभी टैक्सपेयर्स (taxpayers) इस फॉर्म का उपयोग नहीं कर सकते. कंपनी के निदेशक या नॉन-लिस्टेड शेयरों में निवेश करने वाले भी इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते.