Income Tax Rules : इनकम टैक्स नोटिस मिलने पर कैसे दें जवाब, किन बातों का रखें ध्यान, जान लें नियम

Income Tax Return : इनकम टैक्स विभाग द्वारा देशभर में हो रही ट्रांजेक्शन पर नजर रखी जाती है। ऐसे में अगर विभाग की नजरों में कोई भी ऐसी ट्रांजेक्शन सही नहीं होती हैं तो विभाग द्वारा नोटिस (Income tax notice) भेज दिया जाता है। अगर आपको भी इनकम टैक्स विभाग द्वारा नोटिस भेजा जाता है तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान देना चाहिए। आइए जानते हैं इससे जुड़े नियम।
 

HR Breaking News - (ITR Filling)। ITR यानी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का इस समय सीजन चल रहा है। टैक्सपैयर्स आईटीआर फाइल करते समय कई बार देरी कर देते हैं, जिसकी वजह से कई बार या तो इनकम टैक्स का भुगतान करने में देरी हो जाती है या फिर इनकम टैक्स रिटर्न (Income tax return) गलत तरीके से भर दिया जाता है। ऐसे में विभाग द्वारा टैक्सपैयर को नोटिस भेजा जाता है।

इनकम टैक्स का नोटिस मिलते ही लोगों के हाथ पैर फूलने जाते हैं और उन्हें लगता है कि अब क्या करें। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि इनकम टैक्स नोटिस (income tax notice) का कैसे जवाब देना चाहिए और नोटिस का जवाब देते समय किन बातों का ध्यान देना चाहिए। आइए जानते हैं इस बारे में।

फॉर्म 16 मिलने का इंतजार कर रहे हैं कर्मचारी-

इनकम टैक्स रिटर्न (ITR Filling) को फाइल करने का सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में कई टैक्सपेयर्स ने आईटीआर को फाइल कर दिया है। नौकरी करने वाले कई लोग फिलहाल फॉर्म 16 मिलने का इंतजार कर रहे हैं। 


एंप्लॉयर्स अपने एंप्लॉयीज को 15 जून तक फॉर्म 16 इश्यू (Form 16 issue) कर देते हैं। इसके बाद ही सैलरीड टैक्सपेयर्स रिटर्न फाइल करते हैं। हालांकि, इस बार रिटर्न फाइल करने के लिए टैक्सपेयर्स को ज्यादा समय दिया जाता है। सीबीडीटी ने रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाकर 31 सितंबर कर दी है।

एक्सपर्ट्स ने कहीं ये बात-


एक्सपर्ट्स का मानना है कि टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने के लिए डेडलाइन करीब आने का इंतजार नहीं करना होगा। इसकी वजह यह है कि जल्दबाजी में ITR फाइल करने पर किसी तरह की गलती होने की उम्मीद बढ़ जाती है। इसके अलावा टैक्सपेयर्स जल्दबाजी में रिटर्न फाइल करने की वजह से किसी इनकम के बारे में बताना भूल सकते हैं। इसकी वजह से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस (Income Tax Notice) टैक्सपेयर्स को मिल सकता है।


नहीं है घबराने की जरूरत-


इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में आपको सावधानी बरतनी चाहिए। छोटी-बड़ी हर इनकम की जानकारी ITR फॉर्म (ITR Filling Form) में देनी काफी ज्यादा जरूरी होती है। इसके बावजूद भी अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस आता है तो इस स्थिति में आपको घबराने की जरूरत नहीं है।

खासतौर पर अगर आपने इनकम टैक्स के नियमों का प्लान ठीक तरह से किया है तो आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है। कई टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स नोटिस (income tax notice) आते ही टेंशन में आ जाते हैं। वे यह भी पता करने की कोशिश नहीं करते कि नोटिस में क्या लिखा है।


सॉफ्टवेयर द्वारा ही होती है जांच-


एक्सपर्ट्स का मानना है कि पिछले कुछ सालों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (income tax Department) ने अपने कामकाज का काफी काम डिजिटल बना लिया है। अब रिटर्न की प्रोसेसिंग से लेकर रिफंड तक का काम सॉफ्टवेयर की मदद से ही पूरा कर लिया जाता है। यहां तक कि आईटीआर फॉर्म (ITR farm) की जांच भी सॉफ्टवेयर द्वारा ही की जाती है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब फॉर्म 26एएस और AIS की मदद से टैक्सपेयर के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन पर करीबी नजर रखता है। अगर डिपार्टमेंट को टैक्सपेयर्स के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन, इनकम, टैक्स पेमेंट (Tax payment) में किसी तरह की कमी दिखाई देती है तो वह संदेह के आधार पर उसे नोटिस इश्यू कर सकता है।


डिपार्टमेंट द्वारा भेजा जा सकता है नोटिस-


टैक्सपेयर्स को ये बिल्कुल भी समझने की जरूरत नहीं है कि इनकम टैक्स नोटिस (income tax notice) आने के मतलब ये है कि आपने कोई बड़ा घोटाला किया है। दरअसल, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस भेजकर किसी डेटा के बारे में टैक्सपेयर्स से सवाल पूछ सकता है। टैक्सपेयर्स को सिर्फ डिपार्टमेंट (Income tax department) के सवाल का ही जवाब देना होता है। टैक्सपेयर्स के जवाब से डिपार्टमेंट के संतुष्ट होने के बाद मामला खत्म हो जाता है।


सेक्शन 142 के तहत भेजा जा सकता है नोटिस-


इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा अलग-अलग सेक्शन के तहत टैक्सपेयर्स को नोटिस इश्यू किया जाता है। उदाहरण के तौर पर सेक्शन 142 (1) के तहत इनकम टैक्स डिपारमेंट आईटीआर (Latest update on ITR) फाइल नहीं करने पर नोटिस को भेज सकता है। अगर उसे टैक्सपेयर्स से किसी अतिरिक्त डॉक्युमेंट की जरूरत है तो भी वह इस सेक्शन के तहत नोटिस भेज सकता है। सेक्शन 139 (9) के तहत नोटिस तब भेजा जाता है जब टैक्सपेयर रिटर्न फाइल (Income tax return filling) करने के लिए गलत ITR फॉर्म का यूज करता है।


एक्सपर्ट्स की लें सलाह-


एक्सपर्ट्स का मानना है कि इनकम टैक्स का नोटिस मिलने पर सबसे पहले उसे पढ़कर इस बात को समझने की कोशिश करनी चाहिए कि नोटिस में क्या लिखा है।

अगर टैक्सपेयर (Latest update for taxpayers) से कोई डॉक्युमेंट की मांग की गई है या फिर किसी सवाल का जवाब मांगा गया है तो टैक्सपेयर्स को उस नोटिस का रिप्लाई दे देना चाहिए। किसी नोटिस का जवाब जल्द देने की कोशिश करनी चाहिए। इसकी वजह ये है कि हर नोटिस (Income tax notice) टाइम-बाउंड होता है। अगर नोटिस में लिखी बात समझ में नहीं आती है तो टैक्स एक्सपर्ट्स की मदद ली जा सकती है।