Income Tax : माता-पिता को पैसे देकर बचा सकते हैं 99,000 रुपए इनकम टैक्स, टैक्सपेयर्स जान लें तरीका

Income Tax : टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर। दरअसल आपको बता दें कि आप हर महीने अपने माता-पिता को रेंट भरकर भी अपनी 99,000 रुपए की इनकम तक टैक्स-फ्री कर सकते हैं, और इस रेंट पर आपके पेरेंट्स को भी टैक्स नहीं देना होगा। साथ ही बता दें कि हाउस रेंट अलाउंस पर टैक्स छूट का फायदा सिर्फ पुरानी टैक्स व्यवस्था में उठाया जा सकता है।

 

HR Breaking News, Digital Desk-  सुष्मित लाला दिल्ली में अपने परिवार के साथ खुद के घर में रहते हैं. इसलिए वह हाउस रेंट अलाउंस पर मिलने वाली टैक्स छूट का फायदा नहीं उठा पाते. बाद में उनके एक मित्र अंकित मिश्रा ने सलाह दी कि वे अपने माता-पिता को ही रेंट क्यों नहीं भरते हैं.

इससे वह सालाना 99,000 रुपए तक की इनकम को टैक्स-फ्री कर पाएंगे. जब मिश्रा ने लाला को यह तरीका बताया तो अंकित हैरान रह गए कि क्या ऐसा सच में संभव है. अगर आपके दिमाग में भी यह सेम सवाल आ रहा है तो यह खबर आपके लिए है.

अगर आप मिडिल या लोअर क्लास से आते हैं, तो यह बहुत मुमकिन है कि आप प्रति महीने अपने घर पर पैसे भेजते होंगे. लेकिन कई लोगों को एक तरीका नहीं पता होता है कि वह जो पैसा घर पर भेजते हैं. उससे टैक्स सेविंग भी कर सकते हैं. आप हर महीने अपने माता-पिता को रेंट भरकर भी अपनी 99,000 रुपए की इनकम तक टैक्स-फ्री कर सकते हैं, और इस रेंट पर आपके पेरेंट्स को भी टैक्स नहीं देना होगा.

हर महीनें दे 8, 333 रुपए का रेंट-

आप बाहर कितना भी रेंट देते हों, लेकिन अगर आप अपने माता-पिता को हर महीने 8,333 रुपए का रेंट भरते हैं. तब आपको दो फायदें होंगे. एक तो आप हाउस रेंट अलाउंस पर मिलने वाली टैक्स छूट का फायदा उठा पाएंगे. दूसरा आपकी लगभग 99,000 रुपए की इनकम टैक्स-फ्री हो जाएगी.

नहीं होगी टैक्स की टेंशन-

अब आपको एक चिंता ये भी होगी कि कहीं आपके द्वारा दिए जाने वाले रेंट का टैक्स आपके माता-पिता से ना वसूल लिया जाए. तो हम आपको बता दें कि ऐसा नहीं होगा. दरअसल हाउस रेंट अलाउंस पर मिलने वाली टैक्स छूट में हर महीने 8,333 रुपए तक के किराये के लिए लैंडलॉर्ड (इस मामले में आपके माता-पिता) की डिटेल्स जैसे कि पैन कार्ड आयकर विभाग को नहीं देनी होती. ऐसे में ये इनकम उनके लिए भी टैक्स-फ्री हो सकती है.

बता दें कि कि हाउस रेंट अलाउंस पर टैक्स छूट का फायदा सिर्फ पुरानी टैक्स व्यवस्था में उठाया जा सकता है. इसमें टैक्स छूट की सीमा 5 लाख रुपए तक है. जबकि नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स छूट सीमा अधिकतम 7,50,000 रुपए तक है. उसमें आपको हाउस रेंट अलाउंस, अन्य बचत पर कर छूट का फायदा नहीं मिलता है.