Indian Currency : नोट छापने में RBI को कितना आता है खर्च, जानिए कौन सा नोट पड़ता है सबसे महंगा

Indian Currency : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिए नोटों की छपाई अब महंगी हो गई है. आरबीआई की जारी 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान प्रचलन में मौजूद बैंक नोट का मूल्य और मात्रा (Value and quantity of banknotes) क्रमशः इतने प्रतिशत बढ़ी है-
 

HR Breaking News, Digital Desk- (Indian Currency) - भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिए नोटों की छपाई अब महंगी हो गई है. वित्त वर्ष 2024-25 में बैंक नोट छापने का खर्च लगभग 25 प्रतिशत से बढ़कर 6,372.8 करोड़ रुपये हो गया है. पिछले साल (वित्त वर्ष 2023-24) यह खर्च 5,101.4 करोड़ रुपये था. RBI के एक नोटिफिकेशन (notification) से यह जानकारी सामने आई है, जो छपाई की लागत में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है.

सबसे ज्यादा इस नोट पर हुए खर्च-

आरबीआई की जारी 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान प्रचलन में मौजूद बैंक नोट का मूल्य और मात्रा क्रमशः छह प्रतिशत और 5.6 प्रतिशत बढ़ी. रिपोर्ट के मुताबिक, 2024-25 के दौरान 500 रुपये के बैंक नोट (bank note) की हिस्सेदारी 86 प्रतिशत रही, जो मूल्य के हिसाब से मामूली रूप से घटी है.

इसमें कहा गया है कि मात्रा की दृष्टि से प्रचलन में मौजूद कुल बैंक नोट में 500 रुपये मूल्यवर्ग के नोट की हिस्सेदारी सबसे अधिक 40.9 प्रतिशत रही. इसके बाद 10 रुपये मूल्यवर्ग के नोट की हिस्सेदारी 16.4 प्रतिशत रही. कम मूल्यवर्ग के बैंक नोट (10 रुपये, 20 रुपये और 50 रुपये) की प्रचलन में बने कुल बैंक नोट में हिस्सेदारी 31.7 प्रतिशत रही.

2000 रुपए के नोट पर अपडेट-

मई 2023 में दो हजार के नोटों को चलन से हटाया जाना शुरू हुआ, और यह प्रक्रिया पिछले वित्त वर्ष में भी जारी रही. 31 मार्च 2025 तक, घोषणा के समय चलन में रहे 3.56 लाख करोड़ रुपये के 2000 रुपये के नोटों में से 98.2 प्रतिशत बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गए थे. रिपोर्ट के मुताबिक, 2024-25 के दौरान सिक्कों के मूल्य में 9.6 प्रतिशत और मात्रा में 3.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. इसी वित्त वर्ष में, ई-रुपी के मूल्य में भी 334% की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई.

प्रचलन में मौजूद मुद्रा में बैंक नोट, केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) और सिक्के शामिल हैं. वर्तमान में दो रुपये, पांच रुपये, 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये और 2000 रुपये के मूल्यवर्ग के नोट प्रचलन में हैं. रिजर्व बैंक अब दो रुपये, पांच रुपये और 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट नहीं छाप रहा है.

कितने सिक्के बाजार में मौजूद-

भारत में, 50 पैसे, 1, 2, 5, 10, और 20 रुपये के सिक्के चल रहे हैं। 2024-25 में, बैंकिंग क्षेत्र में जब्त किए गए कुल जाली भारतीय मुद्रा नोटों (FICN) में से 4.7 प्रतिशत भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पकड़े गए. यह दर्शाता है कि जाली नोटों का एक छोटा, लेकिन महत्वपूर्ण हिस्सा सीधे केंद्रीय बैंक (central bank) के पास पाया गया.

वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये और 2000 रुपये मूल्यवर्ग के जाली नोटों में कमी आई. वहीं 200 रुपये और 500 रुपये मूल्यवर्ग के जाली नोटों में पिछले वर्ष की तुलना में क्रमशः 13.9 और 37.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. RBI ने कहा कि वह बैंक नोट के लिए नई/उन्नत सुरक्षा विशेषताएं शुरू करने की प्रक्रिया को सक्रियतापूर्वक आगे बढ़ा रहा है. वह विदेशी स्रोतों पर निर्भरता कम करने के लिए पिछले कुछ वर्षों से बैंक नोट छापने के स्वदेशीकरण पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है.

लगातार प्रयासों से, भारत अब बैंक नोट छापने के लिए आवश्यक सभी प्राथमिक कच्चे माल का घरेलू उत्पादन कर रहा है. इसमें बैंक नोट कागज, सभी प्रकार की स्याही (ऑफसेट, नंबरिंग, इंटैग्लियो, और रंग बदलने वाली इंटैग्लियो स्याही), और अन्य सभी सुरक्षा संबंधी चीजें शामिल हैं. यह आत्मनिर्भरता देश की नोट छपाई प्रक्रिया को मजबूत करती है.