Property Rates : यूपी के इस शहर में है सबसे महंगी जमीन, जानिए कितने है प्रोपर्टी के रेट
Property Rates : उत्तर प्रदेश में इस साल 1 अगस्त से नया सर्किल रेट लागू हो गया है, जिससे यूपी का ये राज्य सबसे महंगा शहर बन गया है. इसके अलावा, लखनऊ भी अब देश के शीर्ष 10 महंगे शहरों की सूची में शामिल हो गया है. नए रेट से जमीनें और प्रॉपर्टी खरीदना महंगा हो गया हैं... आइए नीचे खबर में जान लेते है यहां कितने हो गए है प्रोपर्टी के रेट-
HR Breaking News, Digital Desk- (Property Rates) उत्तर प्रदेश में इस साल 1 अगस्त से नया सर्किल रेट लागू हो गया है, जिससे नोएडा राज्य का सबसे महंगा शहर बन गया है. इसके अलावा, लखनऊ भी अब देश के शीर्ष 10 महंगे शहरों की सूची में शामिल हो गया है. नए रेट से जमीनें और प्रॉपर्टी खरीदना महंगा हो गया है, क्योंकि सर्किल रेट बढ़ने से रजिस्ट्रेशन और स्टांप ड्यूटी भी बढ़ जाती है.
प्रदेश में महंगी जमीनों के मामले में लखनऊ तीसरे नंबर है, जबकि पहले गाजियाबाद, लखनऊ से पीछे था, लेकिन नए सर्किल रेट लागू होने के बाद गाजियाबाद ने लखनऊ को पीछे छोड़ दिया और अब गाजियाबाद राज्य का दूसरा सबसे महंगा शहर बन गया है.
भारत के सबसे महंगे शहरों में मुंबई पहले स्थान पर है, जहां औसत सिटी रेट 1 लाख से 8 लाख रुपये है. इसके बाद दिल्ली दूसरे स्थान पर है, जिसका सर्किल रेट 70,000 से 6 लाख रुपये है. तीसरे स्थान पर चंडीगढ़ है, जबकि नोएडा चौथे स्थान पर है. इस सूची में पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और लखनऊ भी शामिल हैं, जिसमें लखनऊ 10वें स्थान पर है. उत्तर प्रदेश से तीन शहर, जिनमें सबसे महंगा नोएडा है, शीर्ष 10 की सूची में हैं.
10 साल बाद हुई सर्किल रेट में बढ़ोतरी-
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow is the capital of Uttar Pradesh) में 10 साल बाद सर्किल रेट में बढ़ोतरी हुई है, जिससे जमीन, मकान, दुकान और फ्लैट की कीमतें बढ़ गई हैं. इसका असर पूरे राज्य में होगा, क्योंकि नोएडा, गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, झांसी, मेरठ और बरेली में भी सर्किल रेट (circle rate) बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. इन शहरों की कीमतें अब देश के मेट्रो शहरों से मुकाबला कर रही हैं, जिससे प्रॉपर्टी खरीदना महंगा हो जाएगा. यह बदलाव राज्य के रियल एस्टेट सेक्टर को प्रभावित करेगा.
रिहायशी इलाकों में जमीनों के रेट-
कानपुर (kanpur property rates) में नए रेट प्रस्तावित किया गया है, लेकिन रेट अभी घोषित नहीं किए गए हैं. वहीं गाजियाबाद, वाराणसी और प्रयागराज में भी सर्वे शुरू कर दिया गया है. लखनऊ के गोमती नगर, गौतम पल्ली, अंसल, आलमबाग, वृंदावन योजना, महानगर और हजरतगंज जैसे रिहायशी इलाकों में जमीनों के रेट में 30 प्रतिशत से 130 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है. यानी इन इलाकों में सर्किल रेट 33 हजार से 77 हजार प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच सकता है.
नए रेट पर एक्सपर्ट्स ने क्या कहा?
रियल एस्टेट विशेषज्ञों के अनुसार, सर्किल रेट में देर से हुआ बदलाव आवश्यक था. कई क्षेत्रों में, मार्केट रेट पहले से ही सर्किल रेट के करीब थे, जिससे टैक्स चोरी होती थी. नए रेट (new rates) से न सिर्फ सरकार का राजस्व बढ़ेगा, बल्कि पारदर्शिता भी आएगी, जिससे टैक्स चोरी की गुंजाइश कम होगी.
लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) ने प्रॉपर्टी टैक्स और यूज़र चार्ज एकमुश्त को ऑनलाइन सब्मिट (online submit) करने पर 10 प्रतिशत तक की छूट देने की बात कही, लेकिन ये 31 अगस्त तक जमा करना होगा. कमर्शियल बिल्डिंग पर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरह से टैक्स जमा (tax deposit) करने पर 5 प्रतिशत की छूट मिलेगी. ये छूट अप्रैल से जारी है, जो अब खत्म होने वाली है.