बैंक अकाउंट और बैंक लॉकर से जुड़े नियमों में RBI ने किया बड़ा बदलाव

RBI New Rule - परिवार में किसी की मृत्यु होने पर शोक का माहौल होता है और साथ में बैंक से जुड़े कामों की चिंता भी रहती है. इसी को आसान बनाने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक नया नियम प्रस्तावित किया है. बता दें कि  यह नया कदम नॉमिनी और कानूनी वारिसों के लिए प्रक्रिया को आसान और तेज़ बनाने के लिए उठाया गया है-
 

HR Breaking News, Digital Desk- (RBI New Rule) परिवार में किसी की मृत्यु होने पर शोक का माहौल होता है और साथ में बैंक से जुड़े कामों की चिंता भी रहती है. इसी को आसान बनाने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक नया नियम प्रस्तावित किया है.

इस नियम के तहत, मृतक ग्राहक के बैंक अकाउंट्स, लॉकर और सुरक्षित वस्तुओं से जुड़े क्लेम अब सिर्फ 15 दिनों में सेटल किए जाएंगे. इतना ही नहीं, अगर क्लेम सेटलमेंट (claim settlement) में देरी होती है तो बैंक को मुआवज़ा भी देना होगा. यह नया कदम नॉमिनी और कानूनी वारिसों के लिए प्रक्रिया को आसान और तेज़ बनाने के लिए उठाया गया है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI New Update) ने 'बैंकों के मृत ग्राहकों के संबंध में दावों का निपटान' निर्देश, 2025 के लिए 27 अगस्त तक जनता से राय मांगी है. इस मसौदे का उद्देश्य मृत ग्राहकों के दावों को निपटाने की प्रक्रिया को आसान बनाना है. इसके तहत, बैंकों को अपनी शाखाओं और वेबसाइटों पर मानकीकृत फॉर्म और जरूरी दस्तावेजों की सूची उपलब्ध करानी होगी। साथ ही, उन्हें दावा प्रक्रिया के बारे में भी पूरी जानकारी देनी होगी.


अकाउंट्स और लॉकर्स-
रजिस्टर्ड नॉमिनी वाले अकाउंट्स (accounts) या लॉकर के लिए दावेदारों को केवल एक क्लेम फॉर्म, मृत्यु प्रमाण पत्र और पहचान एवं पते का प्रूफ सबमिट करना होगा. इस बीच, जहां कोई नॉमिनी नहीं है, वहां बैंकों को एक लिमिट तक के क्लेम्स के लिए एक आसान प्रोसेस का पालन करना होगा. इसके लिए कम से कम 15 लाख रुपये की लिमिट तय की गई है. इसके लिए कानूनी उत्तराधिकारियों को इंडेम्निटी बॉन्ड (Indemnity Bond) और नो-ऑब्जेक्शन (no objection) जैसे एक्स्ट्रा डॉक्युमेंट्स की जरूरत सबमिट करने होंगे. इस लिमिट से ज्यादा के क्लेम्स के लिए कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र या उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की जरूरत होगी.



बैंकों पर लगेगी पेनल्टी-
आरबीआई (Reserve Bank Of India) ने लॉकर दावों के निपटान के लिए सख्त समय-सीमा तय की है. अब, बैंकों (banks) को सभी ज़रूरी दस्तावेज़ मिलने के 15 दिनों के अंदर एक तारीख तय करनी होगी. अगर बैंक ऐसा करने में देरी करते हैं, तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा. बैंक जमा (bank deposit) से जुड़े दावों के लिए बैंक दर से 4% प्रति वर्ष अधिक ब्याज का भुगतान करेंगे, और लॉकर या सुरक्षित वस्तुओं के दावों के लिए प्रति दिन 5,000 रुपये का जुर्माना देंगे.

आरबीआई ने कहा कि इस कदम का मकसद बैंकों में अलग-अलग प्रोसेस को खत्म करना, शोक के डूबे परिवारों की असुविधा को कम करना और ग्राहक सेवा में सुधार करना है. ये नए नियम 1 जनवरी, 2026 से लागू किए जा सकते हैं.