RBI भर रहा धन के भंडार, 880 टन के पार पहुंचा gold reserve
RBI - भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का स्वर्ण भंडार वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (सितंबर तक) में 880 टन के स्तर को पार कर गया है. यह वृद्धि वित्त वर्ष 2024-25 के अंत में मौजूद 879.58 टन से अधिक है. यह जानकारी बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी बुलेटिन में दी गई-
HR Breaking News, Digital Desk- (RBI Gold Reserves) भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का स्वर्ण भंडार वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (सितंबर तक) में 880 टन के स्तर को पार कर गया है. सितंबर के अंतिम सप्ताह में केंद्रीय बैंक ने 0.2 टन सोना और जोड़ा, जिससे कुल भंडार बढ़कर 880.18 टन हो गया. यह वृद्धि वित्त वर्ष 2024-25 के अंत में मौजूद 879.58 टन से अधिक है. यह जानकारी बुधवार को आरबीआई द्वारा जारी बुलेटिन में दी गई.
सिक्के और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग-
आरबीआई के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 26 सितंबर 2025 तक भारत के स्वर्ण भंडार का मूल्य लगभग 95 अरब था. वैश्विक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक तनावों के कारण सोने को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, जिससे इसकी मांग लगातार बढ़ रही है. सोने की बढ़ती लोकप्रियता ने केंद्रीय बैंक और निवेशकों दोनों को अपने भंडार में वृद्धि करने के लिए प्रेरित किया है.
आरबीआई ने सितंबर तिमाही कितना खरीदा सोना-
सितंबर में समाप्त छमाही में आरबीआई ने 0.6 टन (600 किलोग्राम) सोना खरीदा. जून में 0.4 टन और सितंबर में 0.2 टन सोना जोड़ा गया. वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, आरबीआई ने कुल 54.13 टन सोना भंडार में जोड़ा था.
वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों की भूमिका-
वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों (Central banks globally) ने अपने आधिकारिक भंडार में 166 टन सोना जोड़ा, जिससे सोने की मांग और कीमतों को और बढ़ावा मिला. बुलेटिन में बताया गया है कि वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं (Geopolitical uncertainties) के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें ऊंची बनी रहीं, क्योंकि निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर रुख कर रहे हैं.
तीसरी तिमाही में सोने की कीमतें ऊंचाई पर-
तीसरी तिमाही में सोने की कीमतें लगातार ऊंची बनीं और सितंबर में ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गईं. यह बढ़ोतरी निवेशकों के लिए सुरक्षित निवेश के विकल्प के रूप में सोने की अहमियत को दर्शाती है.
निवेशकों का भरोसा हुआ मजबूत-
आरबीआई का स्वर्ण भंडार (RBI's gold reserves) 880 टन के पार हो गया है, जो देश की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करता है और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का भरोसा बढ़ाता है. वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण सोने की बढ़ती मांग और केंद्रीय बैंक (central bank) की सक्रिय खरीदारी ने इस वृद्धि में योगदान दिया है. यह उपलब्धि भारत की आर्थिक सुदृढ़ता का संकेत है.