RBI की नई गाइडलाइन जारी, क्रेडिट कार्ड धारकों को फायदा, नहीं लगेगी लेट फीस
RBI - RBI ने 2025 से क्रेडिट कार्ड लेट फीस के नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिससे कार्डधारकों को राहत मिलेगी। अब बैंकों को ग्राहकों पर विलंब शुल्क (लेट फीस) लगाने से पहले स्पष्ट सूचना देना अनिवार्य होगा, और फीस के ढांचे में कोई भी बदलाव होने पर इसकी जानकारी ग्राहकों को एक महीने पहले देनी होगी-
HR Breaking News, Digital Desk- RBI ने 2025 से क्रेडिट कार्ड लेट फीस के नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिससे कार्डधारकों को राहत मिलेगी। अब बैंक जो लेट फीस लेंगे, वे सीमित और पारदर्शी होंगी। सबसे अहम बात यह है कि भुगतान के बाद कम से कम तीन दिनों का ग्रेस पीरियड (grace period) मिलेगा।
अगर आप इस अवधि में भुगतान कर देते हैं, तो लेट फीस नहीं लगेगी। इसके अलावा, लेट फीस की राशि अब आपके बकाया राशि के अनुपात में तय होगी, ताकि अत्यधिक या अनुचित शुल्क न लग सके।
लेट फीस सीमा और पारदर्शिता में बढ़ोतरी-
आरबीआई (RBI) द्वारा क्रेडिट कार्ड धारकों को अनावश्यक शुल्क और वित्तीय दंड से बचाने के लिए दो महत्वपूर्ण नियम लागू किए गए हैं। अब बैंकों को ग्राहकों पर विलंब शुल्क (लेट फीस) लगाने से पहले स्पष्ट सूचना देना अनिवार्य होगा, और फीस के ढांचे में कोई भी बदलाव होने पर इसकी जानकारी ग्राहकों को एक महीने पहले देनी होगी। इसके साथ ही, ऑनलाइन लेनदेन की सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए सभी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन (online transaction) के लिए दो-फैक्टर ऑथेंटिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है।
इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य क्रेडिट कार्ड धारकों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें अनावश्यक शुल्कों से बचाकर बेहतर भुगतान अनुशासन बनाने में मदद करना है। ग्राहक इन नए नियमों का लाभ उठाकर लेट फीस से बच सकते हैं।
भुगतान में सुरक्षा और सरलता -
आपका ध्यान रहे कि अपने क्रेडिट कार्ड बिलों की समीक्षा करते रहें, समय पर न्यूनतम भुगतान करें और ऑटोमैटिक पेमेंट सेटअप (Automatic Payment Setup) करें ताकि लेट फीस का कोई खतरा न हो। इन नए नियमों से भारतीय कार्डधारकों को वित्तीय दबाव से राहत मिलने की उम्मीद है और क्रेडिट स्कोर सुरक्षा भी मजबूत होगी। इस बदलाव से लाखों भारतीयों को अपने क्रेडिट कार्ड का सही और किफायती उपयोग करने में मदद मिलेगी।
ग्राहक कैसे बचें लेट फीस से-
ग्राहकों को यह सुझाव दिया जाता है कि वे अपने क्रेडिट कार्ड बिलों की नियमित जांच करें। लेट फीस के भारी बोझ से बचने और एक अच्छा क्रेडिट स्कोर (credit score) बनाए रखने के लिए, यह अत्यंत आवश्यक है कि वे न्यूनतम देय राशि या, यदि संभव हो तो, पूर्ण देय राशि का भुगतान समय पर करें।
सुविधा के लिए, उपभोक्ताओं को ऑटो-पेमेंट (स्वचालित भुगतान) सेट करने पर विचार करना चाहिए। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा प्रस्तावित ये कदम क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं (credit card users) के लिए एक कम खर्चीला और सुरक्षित वित्तीय विकल्प बनाते हैं, जिससे वे न केवल लेट फीस से बचते हैं, बल्कि अपने खर्चों का बेहतर प्रबंधन भी कर पाते हैं।