RBI Rule : लोन लेने वालों को बैंक ऐसे लगा रहे चूना, अपने भी ले रखा है लोन तो जान लें RBI के नियम

RBI Rule : अगर आपने भी बैंक से लोन लिया है या लेने वाले हैं तो आपको भी बैंक द्वारा लगाए जा रहे ब्‍याज और वसूले जाने वाले शुल्‍क (Interest and charges levied) को एक बार ध्‍यान से देख लेना चाहिए. कहीं ऐसा न हो कि बैंक आपकी जेब चुपके से काट रहा हो-

 

HR Breaking News, Digital Desk- भारतीय बैंकिंग सेक्‍टर (Banking Sector) ने हाल के वर्षों में तेजी से विकास किया है, जिससे हर व्यक्ति के पास बैंक खाता है. बैंकों ने लोन देने में भी खुलकर भाग लिया है, लेकिन इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने स्पष्ट नियम बनाए हैं. हाल ही में यह जानकारी मिली है कि कुछ बैंक इन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं और ग्राहकों को धोखा दे रहे हैं.

इस वजह से अब केंद्रीय बैंक ऐसे ‘चालबाज बैंकों’ को टाइट करना शुरू कर दिया है. अगर आपने भी बैंक से लोन लिया है या लेने वाले हैं तो आपको भी बैंक द्वारा लगाए जा रहे ब्‍याज और वसूले जाने वाले शुल्‍क (Interest and charges levied) को एक बार ध्‍यान से देख लेना चाहिए. कहीं ऐसा न हो कि बैंक आपकी जेब चुपके से काट रहा हो.

मार्च 2024 में RBI ने जांच के बाद पाया कि कई बैंक लोन ब्याज वसूली में गलत प्रैक्टिस कर रहे थे. इसलिए, भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने बैंकों और अन्य लोन देने वाली संस्थाओं (lending institutions) को अपने लोन देने के तरीकों की समीक्षा करने का निर्देश दिया है. इसमें लोन वितरण की प्रक्रिया (Loan disbursement process) और ब्याज व शुल्क वसूली के तरीके शामिल हैं. RBI पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहता है ताकि ग्राहकों को लोन प्रक्रिया की पूरी जानकारी हो.

कुछ बैंक लगा रहे हैं चूना-
आरबीआई (reserve bank) की रिपोर्ट से पता चला है कि कुछ बैंक लोन (bank loan) देते समय ग्राहकों से अनियमित तरीकों से ब्याज वसूल कर रहे थे. जैसे, लोन स्वीकृत (loan approved) होने के बाद तथा चेक देने में देरी पर भी ब्याज लगाया जा रहा था. इसके अलावा, यदि ग्राहक ने लोन महीने के बीच में लिया है, तो भी पूरे महीने का ब्याज वसूला जा रहा था. यहां तक कि पूर्व में चुकाए गए लोन के हिस्से पर भी पूरी राशि का ब्याज लिया गया.

वापस करना होगा पैसा-
आरबीआई ने गलत प्रैक्टिस को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. बैंकों को ग्राहकों से अतिरिक्त ब्याज या शुल्क वसूलने पर यह राशि लौटानी होगी. केंद्रीय बैंक (central bank) ने निर्देश दिया है कि बैंकों को ऋण वितरण में चेक के बजाय ऑनलाइन ट्रांसफर जैसे तेज़ तरीकों का उपयोग करना चाहिए, जिससे ग्राहकों को आसानी हो और लेनदेन पारदर्शी बने.