लोन रिकवरी को लेकर RBI के सख्त निर्देश, बैंकों को जारी किया नोटिफिकेशन

RBI - हाल ही में लोन रिकवरी को लेकर आरबीआई की ओर से बैंकों को सख्त निर्देश दिए गए है। जिसके चलते अब कर्ज की वसूली के लिए अब बैंक के वसूली एजेंट आपको वक्त-बेवक्त कॉल करके परेशान नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही कर्जदाताओं को किसी भी तरह की धमकी देने पर पूरी तरह से मनाही होगी...

 

HR Breaking News, Digital Desk- RBI Rules for Loan Recovery: कर्ज की वसूली के लिए अब बैंक के वसूली एजेंट आपको वक्त-बेवक्त कॉल करके परेशान नहीं कर पाएंगे. इसके साथ ही कर्जदाताओं को किसी भी तरह की धमकी देने पर पूरी तरह से मनाही होगी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बकाया कर्ज की वसूली के लिए मानकों को सख्त करने का गुरुवार को प्रस्ताव रखा. इसके तहत वित्तीय संस्थान और उनके वसूली एजेंट कर्जदारों को सुबह आठ बजे से पहले और शाम सात बजे के बाद फोन नहीं कर सकते हैं.

 

आरबीआई के 'जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता पर मसौदा निर्देश' (Draft Master Direction on Managing Risks and Code of Conduct in Outsourcing of Financial Services) में कहा गया है कि बैंकों और NBFC जैसी विनियमित संस्थाओं (RE) को मुख्य प्रबंधन कार्यों को आउटसोर्स नहीं करना चाहिए. इन कार्यों में पॉलिसी निर्माण और KYC मानदंडों के अनुपालन का निर्धारण और ऋणों की मंजूरी भी शामिल हैं. 

बैंकों को वसूली एजेंट के लिए बनानी चाहिए आचार संहिता-

आरबीआई ने कहा कि RE को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आउटसोर्सिंग व्यवस्था से ग्राहकों के प्रति उनकी जिम्मेदारी कम न हो. मसौदे के मुताबिक, बैंकों एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को प्रत्यक्ष बिक्री एजेंटों (DSA), प्रत्यक्ष विपणन एजेंटों (DMA) और वसूली एजेंटों के लिए आचार संहिता बनानी चाहिए. 

कर्जदाताओं के साथ संवेदनशील हों वसूली एजेंट-

विनियमित इकाइयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि डीएसए, डीएमए और वसूली एजेंट को उचित रूप से प्रशिक्षित किया जाए ताकि वे अपनी जिम्मेदारी संवेदनशीलता के साथ निभा सकें. 

केंद्रीय बैंक ने कहा कि आरई और उनके वसूली एजेंट कर्ज वसूलने के लिए किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मौखिक या शारीरिक रूप से किसी भी प्रकार की धमकी या उत्पीड़न का सहारा नहीं लेंगे. इसके साथ ही वसूली एजेंट कर्जदारों को सार्वजनिक रूप से अपमानित नहीं कर सकते हैं और न ही उनकी गोपनीयता में हस्तक्षेप कर सकेंगे.