Rooftop Solar Scheme : दिल्ली वालों को सोलर पैनल लगाने पर मिलेगा डबल फायदा, मिलेगी इतनी सब्सिडी

Rooftop Solar Scheme : दिल्ली वालों के लिए बड़ी खुशखुबरी। दरअसल दिल्ली वालों को सोलर पैनल लगाने पर डबल फायदा मिलेगा। आपको बता दें कि पहला सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने पर केंद्र सरकार सब्सिडी दे रही है... 
 

HR Breaking News, Digital Desk- घर की छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए अब दिल्लीवालों को सब्सिडी का दोहरा लाभ मिलेगा। पहला सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने पर केंद्र सरकार सब्सिडी दे रही है। दूसरा दिल्ली सरकार छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए संरचना तैयार करने पर 2000 हजार रुपये प्रति किलोवाट के हिसाब से सब्सिडी देगी। दिल्ली सरकार ने नई सौर ऊर्जा नीति में इसका प्रावधान किया है जो अभी तक नहीं था।

सरकार प्रति वर्ष न्यूनतम उत्पादन की शर्त भी हटा रही है। सरकार ने नई सौर ऊर्जा नीति को लेकर जब लोगों से सुझाव मांगे तो छत पर संरचना के खर्च को भी एक कारण बताया था। इसके बाद सब्सिडी देने का फैसला किया गया। यह अधिकतम 10 हजार रुपये तक दी जाएगी। अभी तक सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने पर केंद्र सरकार की ओर से 40 फीसदी तक सब्सिडी मिलती थी।

यूनिट उत्पादन की शर्त हटेगी-
दिल्ली सरकार वर्तमान में सौर ऊर्जा उत्पादन करने पर उसके बदले 2 रुपये प्रति यूनिट की जीबीआई (उत्पादन के आधार पर प्रोत्साहन राशि) देती है। हालांकि इसके लिए शर्त है कि प्रतिवर्ष न्यूनतम 1100 यूनिट बिजली का उत्पादन करना होगा। इसके चलते दिल्ली में 45-50 फीसदी को ही प्रोत्साहन राशि मिल पाती है। यह एक बड़ा कारण है, जिसके चलते महज 50-55 सोसाइटी में सौर ऊर्जा संयंत्र लगा है। इसलिए सरकार प्रतिवर्ष न्यूनतम यूनिट उत्पादन की शर्त नई सौर ऊर्जा नीति में हटा रही है। उत्पादन के आधार पर जीबीआई भी 2-3 रुपये प्रति यूनिट मिलेगा। 



बड़ी सरकारी इमारतों पर अनिवार्य होगा-
दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि 500 वर्गमीटर से बड़ी जगह पर बनी सरकारी इमारत पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाना अनिवार्य होगा। वर्तमान में दिल्ली के अंदर करीब 150 सरकारी इमारतों में ही संयंत्र लगा है। इसमें स्कूल, अस्पताल जैसे बड़ी इमारतें शामिल हैं। एमसीडी ने अपने 200 से अधिक स्कूलों को चिन्हित किया है। 

बिजली की मांग लगातार बढ़ रही-
दिल्ली में बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। बीते साल जून 2022 में अधिकतम मांग 7400 मेगावाट से अधिक थी। अभी कुल बिजली मांग में से 33 फीसदी यानि 2826 मेगावाट बिजली सौर और पवन ऊर्जा के जरिए मिलती है। इसमें कुछ दिल्ली तो कुछ अलग-अलग समझौते के तहत दूसरे राज्यों से मिलती है। सरकार अब अगले तीन साल में रिन्यूबल (सौर-पवन) ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाना चाहती है। इसलिए सिर्फ छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र व प्रति वर्ष न्यूनतम उत्पादन पर छूट से तीन साल में 500 मेगावाट सौर उत्पादन का लक्ष्य रखा है।

मौजूदा स्थिति एक नजर में-
50 हाउसिंग सोसाइटी में सौर ऊर्जा लगी है 
150 से अधिक सरकारी इमारतों में  
59 से अधिक व्यवसायिक इमारत शामिल
45 फीसदी को ही सब्सिडी (जीबीआई) का लाभ
1100 यूनिट प्रतिवर्ष उत्पादन होने पर ही जीबीआई