Saving Account : सेविंग अकाउंट वालों को बड़ी राहत, बजट में मिलने वाली है ये छूट

Saving Account : अगले कुछ दिनों में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया जाएगा। इसमें टैक्सपेयर्स को गुड न्यूज मिल सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार बचत खातों यानी सेविंग्स अकाउंट्स से अर्जित ब्याज पर टैक्स छूट की राशि को बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी विचार कर रही है।

 

HR Breaking News, Digital Desk-  अगले कुछ दिनों में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया जाएगा। इसमें टैक्सपेयर्स को गुड न्यूज मिल सकती है। सूत्रों के मुताबिक सरकार बचत खातों यानी सेविंग्स अकाउंट्स से अर्जित ब्याज पर टैक्स छूट की राशि को बढ़ाकर ₹25,000 करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है।

 फाइनेंस मिनिस्ट्री (Finance Ministry) के प्रमुख अधिकारियों के साथ हुई बैठक में बैंकों ने इस संबंध में सुझाव दिया था। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि इसकी समीक्षा की जा रही है और बैंकों को कुछ राहत मिल सकती है, जिन्होंने जमा बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन की मांग की है। प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय बजट घोषणा के करीब आने पर लिया जाएगा।

साल 2020 के बजट में एक अलग इनकम टैक्स रिजीम शुरू किया गया था। यह रिजीम सरल है लेकिन इसमें टैक्सपेयर्स के लिए सभी तरह की छूट बंद कर दी गई थी। पुरानी कर व्यवस्था के तहत, बचत खातों से सालाना 10,000 रुपये तक का ब्याज आयकर अधिनियम की धारा 80TTA के तहत कर मुक्त है। 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों (senior citizen) के लिए, यह सीमा 50,000 रुपये है और इसमें धारा 80 TTB के तहत एफडी से अर्जित ब्याज आय भी शामिल है। नए टैक्स रिजीम में ये लाभ नहीं मिलते हैं।

बैंकों की परेशानी-

हालांकि, धारा 10(15)(i) के तहत पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट्स पर ब्याज पाने वाले टैक्सपेयर्स व्यक्तिगत खातों के लिए 3,500 रुपये और संयुक्त खातों के लिए 7,000 रुपये तक की छूट का दावा कर सकते हैं। बैंक दोनों टैक्स रिजीम के तहत यह फायदा देने की मांग कर रहे हैं।

सूत्र ने कहा कि पुरानी सीमा को बढ़ाने और नई व्यवस्था में मौजूदा नियमों के तहत शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक में बचत खातों से अर्जित टैक्स इनकम पर छूट देने के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। बैंकों ने इस बारे में एक प्रजेंटेशन दी थी। बैंक बढ़ते क्रेडिट-डिपॉजिट रेश्यो को लेकर चिंतित हैं और बैंक डिपॉजिट्स को प्रोत्साहित करने की वकालत कर रहे हैं।

RBI ने अपनी ताजा वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा है कि परिवार वित्तीय बचत में विविधता ला रहे हैं। गैर-बैंकों और पूंजी बाजार में अधिक आवंटन कर रहे हैं। यह क्रेडिट-डिपॉजिट रेश्यो के बढ़ने का संकेत है। यह सितंबर 2021 से बढ़ रहा है। दिसंबर 2023 में यह 78.8% पर पहुंच गया था और मार्च के अंत में 76.8% पर था।