SBI ने किसानों की कर दी मौज, बिना किसी गारंटी के मिलेगा 10 लाख का लोन, 3 किश्तों में मिलेगा पैसा

SBI Bank - किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी। दरअसल हाल ही में आए एक अपडेट के मुताबिक आपको बता दें कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने पशुपालकों को दुधारू पशु खरीदने के लिए लोन देने का फैसला किया है। इसमें कहा गया है कि दुग्ध संघों की वार्षिक सभाओं में बैंक के अधिकारी उपस्थित होकर पशु पालकों को पशु खरीदने के लिए लोन दिलाने में सहायता करेंगे...
 

HR Breaking News, Digital Desk- केंद्र सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने की कोशिश में जुटी हुई है. ताकि किसान पारंपरिक खेती से अलग डेयरी सेक्टर से अच्छी कमाई करके अपनी आय बढ़ा सकें. कुछ ऐसी ही पहल करते हुए एमपी स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने पशुपालकों को दुधारू पशु खरीदने के लिए लोन देने का फैसला किया है. इस काम के लिए दोनों के बीच समझौता हुआ है. इसमें कहा गया है कि दुग्ध संघों की वार्षिक सभाओं में बैंक के अधिकारी उपस्थित होकर पशु पालकों को पशु खरीदने के लिए लोन दिलाने में सहायता करेंगे.

एमपी स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के प्रबंध संचालक तरूण राठी ने बताया कि दुग्ध संघों के कार्यक्षेत्र की समितियों के पात्र सदस्यों को त्रिपक्षीय अनुबंध के तहत 2, 4, 6 और 8 दुधारू पशु खरीदने के लिए लोन दिया जाएगा. एसबीआई की सभी शाखाओं से लोन नहीं मिलेगा. बल्कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में चयनित 3 से 4 बैंक शाखाओं द्वारा ऋण राशि उपलब्ध कराई जाएगी.

कितनी किश्तों में अदा होगा लोन-

लाभार्थी को मार्जिन मनी के रूप में 10 प्रतिशत राशि जमा करनी होगी. राठी ने बताया कि दस लाख रुपये तक का मुद्रा लोन बिना कोलेस्ट्रल एवं एक लाख 60 हजार रुपये का नान मुद्रा लोन बिना कोलेस्ट्रल त्रिपक्षीय अनुबंध के तहत उपलब्ध कराया जाएगा. लाभार्थी किसानों को लोन की अदायगी 36 किश्तों में करनी होगी. लाभार्थी को दुग्ध समिति में दूध बेचना अनिवार्य होगा.

दस्तावेज और शर्त-

पात्रों को निर्धारित प्रोफार्मा में आवेदन के साथ फोटो, आधार कार्ड, पैनकार्ड नंबर, वोटर आईडी, दुग्ध समिति की सक्रिय सदस्यता का प्रमाण-पत्र और त्रिपक्षीय अनुबंध (संबंधित बैंक शाखा, दुग्ध समिति एवं समिति सदस्य के मध्य) आदि दस्तावेज संलग्न करने होंगे. प्रति माह दूध की कुल राशि का 30 प्रतिशत भाग समिति द्वारा इस लोन की अदायगी के लिए बैंक को भुगतान किया जाएगा.

पशुपालन को बढ़ावा देने की कोशिश-

मध्य प्रदेश एक प्रमुख पशुपालक सूबा है. इसे और बढ़ाने की कोशिश में सरकार जुटी हुई है. सरकार ने गौपालन को बढ़ावा देने के लिए ऐसे पशुपालकों को प्रतिमाह 900 रुपये देने का फैसला किया है जो देसी गाय पालते हैं. देसी गाय पालन को जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग से जोड़ा गया है. क्योंकि प्राकृतिक खेती के लिए खाद देसी गाय के गोबर और गोमूत्र से ही तैयार होती है.

इस योजना के तहत पहले चरण में 26,000 हजार लोगों को हर माह 900 रुपये देने का फैसला लिया गया है. इसके लिए 28 करोड़ 8 लाख रुपये की रकम आवंटित कर दी गई है. मध्य प्रदेश के 5200 गांवों में पांच-पांच ऐसे किसानों का चयन किया गया है जो देसी गाय पालते हैं.