Union Budget 2024: भारत में इस साल 2 बजट क्यों हो रहे हैं पेश, जान लें इसके पीछे का कारण

Union Budget 2024: भारत देश में 18वीं लोकसभा के गठन के बाद अब मोदी 3.0 सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है। इस बार के केंद्रीय बजट 2024 की तारीखों का ऐलान भी हो गया है। केवल इतना ही नही इस बजट के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman)  पहली ऐसी वित्त मंत्री बनने जा रही हैं जो एक के बाद एक अपना 7वां  बजट पेश करेंगी। लेकिन एक सवाल ये भी कि इस बार 2 बजट क्यों पेश हा रहे है। जानने के लिए खबर में अंत तक बने रहे। 
 

HR Breaking News, Digital Desk- Union Budget 2024: 22 जुलाई को बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। इस बार के बजट से लोगों की काफी उम्मीदें जुड़ी हुई है। टैक्सपेयर से लेकर हर आय वर्ग के लोगों की नजर बजट पर ही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 23 जुलाई को देश का यूनियन बजट (Union Budget 2024) पेश करने जा रही हैं। बजट सेशन की बात करें तो यह 22 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा। यूनियन बजट से पहले इस साल फरवरी में अंतरिम बजट (Interim budget 2024) पेश हो चुका है।


इस वित्त मंत्री के नाम बनेगा नया रिकॉर्ड


जानकारी के लिए बता दें कि जुलाई में पेश होने वाले बजट के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman breaking old record) पहली ऐसी वित्त मंत्री बनने जा रही हैं, जो एक के बाद एक 7 बजट पेश करेंगी। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड होगा। मालूम हो कि इससे पहले मोरारजी देसाई के नाम सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड रहा है।

इस बजट के बाद मोरारजी देसाई के नाम बना यह रिकॉर्ड भी टूट जाएगा। मोरारजी देसाई ने देश के वित्त मंत्री (Morarji Desai, past Finance Minister of the country) के रूप में 6 बजट पेश किए थे।

पहले जान लें इस साल 2 बजट क्यों हो रहे हैं पेश

दरअसल, देश में दो बजट पेश होने का सबसे बड़ा कारण इस बार आम चुनाव हैं। यूनियन बजट (union budget 2024) से पहले पेश किया गया अंतरिम बजट चुनाव से पहले सरकारी फंडिंग की निरंतरता के लिए कुछ अस्थाई उपायों से जुड़ा था। नए फैसले केवल और केवल नई सरकार बनने तक से पहले तक के लिए थे।

वहीं, अब पेश होने वाला आगामी बजट (upcoming budget 2024) जनता द्वारा चुनी हुई नई सरकार द्वारा पेश किया जा रहा है। यह देश के खर्चों, रेवेन्यू और आर्थिक नीतियों से जुड़ा पूरा साल का वित्तीय प्लान होगा। इस बजट में अलग-अलग सेक्टर के लिए आवंटन, कर प्रस्ताव और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की पहल शामिल होगी।

दोनो बजट में क्या है अंतर?


अंतरिम और यूनियन बजट में अंतर (Difference between interim and union budget) की बात करें तो अंतरिम बजट चुनाव से पहले मौजूदा सरकार द्वारा पेश किया जाने वाला केवल अस्थाई उपाय है।

देश का अंतरिम बजट (country's interim budget) उन खर्चों से जुड़े फैसलों को लेकर खास होता है जिनके लिए नई सरकार बनने तक का इंतजार नहीं किया जा सकता है। इस बजट के साथ चुनाव से पहले वर्तमान सरकार को अनुमति होती है कि वह जरूरी खर्चों के लिए सरकारी खजाने से फंड का इस्तेमाल करे। हालांकि, अंतरिम बजट में टैक्स स्ट्रक्चर को बदलने जैसे कोई बड़े फैसले नहीं लिए जाते हैं।

यूनियन बजट (union budget) की बात करें तो यह नई सरकार का पूरे वित्त वर्ष के लिए वित्तीय प्लान होता है। इसमें रेवेन्यू, खर्चे, पॉलिसी डिटेल्स होती हैं। इसे लेकर संसद के दोनों सदनों द्वारा जांच की जाती है। इस पर संसद में बहस भी की जाती है। पूर्ण बजट संसद द्वारा अप्रूव (Budget approved by Parliament) किया जाना बेहद जरूरी है। यह वित्त वर्ष के अंत 31 मार्च तक वैलिड रहता है।