RBI Rule : बैंक डूब गया तो आपके पैसे का क्या होगा, 90 प्रतिशत लोग नहीं जानते RBI के नियम
RBI Rule : भारत में सभी बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के तहत काम करते हैं, जो यह सुनिश्चित करता है कि लोगों का पैसा सुरक्षित रहे। लेकिन क्या आपने सोचा है कि अगर आपका बैंक डूब जाए तो उसमें जमा पैसों का क्या होगा...? 90 प्रतिशत लोग नहीं जानते है आरबीआई के इस नियम के बारे में-

HR Breaking News, Digital Desk- (RBI Rules) अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने के लिए बैंक सबसे अच्छी जगह है। यहां आपके पैसे न केवल सुरक्षित रहते हैं, बल्कि उन पर ब्याज भी मिलता है। विभिन्न बैंक सेविंग्स अकाउंट (saving account) पर अलग-अलग ब्याज दरें देते हैं। भारत में सभी बैंक RBI के तहत काम करते हैं, जो यह सुनिश्चित करता है कि लोगों का पैसा सुरक्षित रहे। लेकिन क्या आपने सोचा है कि अगर आपका बैंक डूब जाए तो उसमें जमा पैसों का क्या होगा?
आम लोगों के पैसों की सुरक्षा के लिए RBI ने बनाए हैं नियम-
अगर किसी बैंक में जमा आपके खून-पसीने की कमाई बैंक के दिवालिया होने पर डूब जाए, तो चिंता न करें। आरबीआई (Reserve Bank Of India) ने ग्राहकों के पैसों की सुरक्षा के लिए नियम बनाए हैं। अगर कोई बैंक डूब जाता है या बर्बाद हो जाता है तो उसमें जमा आपके पैसे एक तय लिमिट तक आपको वापस मिल जाते हैं।
बैंक डूबने की स्थिति में कितने रुपये मिलते हैं वापस-
डिपोजिट इंश्योरेंस और क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) एक्ट के अनुसार, अगर कोई बैंक बर्बाद हो जाता है, तो उस बैंक के सभी ग्राहकों (जमाकर्ता) को 5 लाख रुपये तक का डिपोजिट इंश्योरेंस कवर मिलता है। इस डिपोजिट इंश्योरेंस कवर में बर्बाद होने वाले बैंक में जमा आपका मूलधन और ब्याज राशि दोनों शामिल होती है। बताते चलें कि डिपोजिट इंश्योरेंस (deposit insurance) सभी तरह के डिपोजिट जैसे- सेविंग्स अकाउंट (saving account), करेंट अकाउंट (current account), आरडी (RD), एफडी (FD) पर भी लागू होती है।
बताते चलें कि अगर किसी बैंक में आपने 10 लाख रुपये जमा कर रखे हैं और वो बैंक बर्बाद हो जाता है तो आपको आरबीआई के नियमों (RBI Rules) के मुताबिक अधिकतम 5 लाख रुपये ही मिल पाएंगे।
पैसे वापस आने में कितने दिनों का लगता है समय-
डूबे हुए बैंकों में जमा पैसा अब 90 दिनों के भीतर वापस मिल सकता है। पहले इस प्रक्रिया में काफी समय लगता था, लेकिन केंद्र सरकार ने 2021 में DICGC एक्ट में बदलाव किए। इन बदलावों के तहत, जो ग्राहक मोरेटोरियम में रखे गए हैं, उन्हें मोरेटोरियम (moratorium) की शुरुआत से 90 दिनों के भीतर 5 लाख रुपये तक की जमा राशि वापस मिल जाएगी।