PPF या NPS रिटयरमैंन्ट के लिए कौनसी स्कीम है सबसे बेस्ट, आप भी जानिए
PPF vs NPS : आज के समय में हर कोई अपना बुढ़ापा अच्छे से बिताने के लिए अभी से ही रिटायरमेंट की planning शुरू कर देता है और इसके लिए बहुत सारी जगहों पर इन्वेस्ट करता है , पर सबसे ज्यादा मशहूर स्कीम है PPF और NPS , पर सवाल यह खड़ा होता है की इन दोनों में से कौनसी स्कीम सबसे बेस्ट है, आइये एक्सपर्ट्स से जानते हैं
HR Breaking News, New Delhi : लम्बी जॉब के बाद हर कोई अच्छे से रिटायर होना चाहता है और हर कोई छठा है की उसका बुढ़ापा सुख से गुज़रे और ऐसे में लोग बहुत सारी स्कीमों में इन्वेस्ट करना शुरू कर डेटेट हैं | ज्यादा तर लोग PPF या NPS में निवेश करते हैं हालांकि सरकार की ये दो स्कीमें आपको काफी अच्छा रिटर्न दे सकती हैं.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS), दोनों योजनाएं केंद्र सरकार द्वारा समर्थित हैं. पीपीएफ और एनपीएस के बीच बुनियादी अंतर यह है कि पहला एक निश्चित रिटर्न देता है और दूसरा बाजार के रिटर्न से लिंक होता है. बाजार से लिंक होने का मतलब है कि इसमें जोखिम ज्यादा हो सकता है और रिटर्न भी ज्यादा मिल सकता है.
PPF वालों की हुई मौज, जानिए सरकार का प्लान
नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme)
एनपीएस (National Pension Scheme) की शुरुआत 2004 में की गई थी. यह स्कीम लोगों को प्लानिंग के तहत बचत के लिए योगदान करने की अनुमति देती है, जिससे पेंशन (National Pension Scheme news) के रूप में भविष्य सुरक्षित होता है. यह आपको उन योजनाओं में निवेश करने की अनुमति देता है, जो कॉर्पोरेट और सरकारी ऋण प्रतिभूतियों के साथ इक्विटी को जोड़ती हैं.
नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme latest update) के लिए आप किसी बैंक, पोस्ट ऑफिस या इंश्योरेंस कंपनी में खाता खुलवा सकते हैं. NPS (National Pension Scheme) अकाउंट की मैच्योरिटी पर निवेशक को कम से कम 40 फीसदी रकम एन्युटी में लगानी होती है. इसी रकम से सब्सक्राइबर को पेंशन मिलती है. एन्युटी आपके और इंश्योरेंस कंपनी के बीच एक तरह का कॉन्ट्रैक्ट होता है. इस अनुबंध के तहत नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में कम से कम 40 फीसदी रकम का एन्युटी खरीदना जरूरी होता है. यह रकम जितनी अधिक होगी, पेंशन की रकम उतनी ही अधिक होगी.
एन्युटी के तहत निवेश किया गया पैसा रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में मिलता है और एनपीएस (National Pension Scheme) की शेष राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है. हालांकि, यह पेंशन टैक्स के दायरे में आती है. इसमें रिटर्न फिक्स नहीं होता है. यह फंड की तरफ से इक्विटी या डेट फंड्स में निवेश से हासिल होने वाले रिटर्न पर निर्भर करता है.
PPF वालों की हुई मौज, जानिए सरकार का प्लान
Benefit of NPS
NPS (National Pension Scheme) की मैच्योरिटी पर 60 फीसदी रकम टैक्स फ्री होती है. महज 40 फीसदी रकम पर टैक्स देना होता है. सरकारी कर्मचारियों के NPS अकाउंट में अंशदान की लिमिट 14 फीसदी है. आप इस स्कीम के तहत टैक्स में छूट का दावा कर सकते हैं. सेक्शन 80CCE के तहत टैक्स छूट की लिमिट 1.5 लाख है.
Public Provident Fund
PPF (Public Provident Fund) को एक ऐसी योजना माना जाता है जो जोखिम मुक्त गारंटीड रिटर्न प्रदान करती है. लम्बे समय के लिए निवेश टूल के रूप में इसका उपयोग वेतनभोगी, पेशेवर, और सेल्फ-इम्प्लॉयड भी कर सकते हैं. इस योजना (Public Provident Fund investment) के तहत वो लोग भी निवेश कर सकेत हैं, जो किसी कंपनी का हिस्सा नहीं हैं. यह एक डेट निवेश टूल है और एक वेतनभोगी व्यक्ति आईटी अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत कर छूट का दावा कर सकता है. इस योजना के तहत निवेश की गई राशि, अर्जित ब्याज और मैच्योरिटी टैक्स फ्री है.
PPF 15 साल की सेविंग स्कीम (Public Provident Fund) है. इस पर ब्याज दर सरकार की ओर से हर तिमाही में तय होती है. फिलहाल इस पर 7.1 फीसदी ब्याज दर मिल रही है. अगर आप हर साल 1.5 लाख पीपीएफ (Public Provident Fund) में जमा करते हैं, तो 15 साल के बाद 7.1 फीसदी की ब्याज दर से यह 40.68 लाख रुपये हो जाएगी. इसके बाद पीपीएफ को 5 साल के ब्लॉक में आगे भी जारी रखा जा सकता है.
दोनों स्कीम्स में रिटर्न का फर्क
ग्राहकों को हुई मौज, PPF में अब आसानी से करवा सकते हैं ये काम
महंगाई और पीपीएफ (Public Provident Fund) के प्री-टैक्स रिटर्न को देखें तो अभी भी यह बेहतरीन निवेश इंस्टूमेंट है. पीपीएफ (Public Provident Fund latest update) लंबी अवधि में रिटायरमेंट फंड (Public Provident Fund) बनाने का अच्छा तरीका है. हालांकि, इसमें मंथली पेंशन का कोई प्रावधान नहीं है. यदि हम बात करें NPS की तो इसमें एकमुश्त राशि भी मिलती है और पेंशन भी बनती है. यहां एक कैलकुलेशन के आधार पर आप समझ सकते हैं कि कौन-सी स्कीम आपको कितना पैसा बनाकर दे सकती है.
PPF (Public Provident Fund) में यदि आप सालाना 1.5 लाख रुपये डालेंगे तो 25 साल में 7.1 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से 96 लाख रुपये बन जाएंगे. इसी तरह, NPS में भी यदि आप सालाना 1.5 लाख रुपये डालते हैं तो आपको 25 साल के बाद लगभग 1 करोड़ 72 लाख रुपये बन सकते हैं. NPS चूंकि इक्विटी से लिंक्ड है तो इसमें रिटर्न NPS की तुलना में अधिक मिलने की संभावना रहती है. ये कैलकुलेशन 11 फीसदी रिटर्न के आधार पर है.
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