whiskey : ये भारतीय परिवार बनाता है दुनिया की सबसे बेहतरीन व्हिस्की, 1948 में हुई थी शुरूआत

आज देश में शराब पीने वालों की कोई कमी नहीं है और ज्यादातर भारतीय व्हिस्की पीना पसंद करते हैं | आज आपको देश में व्हिस्की की बहुत अलग अलग किस्में मिल जाएगी | हाल ही में हुए 2024 इंटरनेशनल स्पिरिट्स चैलेंज में डिश की इस व्हिस्की ने दुनिया की सबसे बेहतरीन व्हिस्की का अवार्ड जीता है | आइये जानते हैं कौनसी है ये व्हिस्की 

 

HR Breaking News, New Delhi : हाल ही में लंदन में आयोजित हुए  2024 इंटरनेशनल स्पिरिट्स चैलेंज (2024 International Spirits Challenge) में अमृत डिस्टिलरीज को 'दुनिया की सबसे अच्‍छी व्हिस्‍की' के खिताब से नवाजा गया। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में अमृत डिस्टिलरीज की जीत भारत की स्पिरिट्स इंडस्‍ट्री के लिए महत्वपूर्ण पल था। चैलेंज के 29वें संस्करण में दुनियाभर के टॉप व्हिस्की ब्रांड शामिल थे। इनमें स्कॉटलैंड, आयरलैंड और जापान के नाम प्रमुख थे। आइए, यहां उस जगदाले परिवार से आपको मिलाते हैं जिसने टॉप व्हिस्‍की ब्रांडों में भारत की जगह बनवाई है।

अमृत भारत की पहली सिंगल माल्ट व्हिस्की (single malt whiskey) है। आज देश-विदेश में यह मशहूर है। इस ब्रांड को आजादी के बाद 1948 में जेएन राधाकृष्ण राव जगदाले ने शुरू किया था। उनके बेटे नीलकंठ जगदाले ने इसे आगे बढ़ाया। अमृत डिस्‍टिलरीज (Amrit Distilleries) शुरुआत में इंडियन मेड फॉरेन लिकर (IMFL) बनाती थी। यह ज्‍यादातर कर्नाटक और केरल के कैंटीन स्टोर्स को सप्लाई होती थी। आज जो मुख्य डिस्टिलरी है, वह 1987 में बनी। यह कंबीपुरा में है और चार एकड़ में फैली है।

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नीलकंठ राव जगदाले (Neelkanth Rao Jagdale) के नेतृत्‍व में फली-फूली कंपनी
1976 में जेएन राव जगदाले का निधन हो गया था। उनके बाद उनके बेटे नीलकंठ राव जगदाले ने कंपनी की कमान संभाली। वह कंपनी के सीएमडी बने। उनके नेतृत्व में अमृत डिस्टिलरीज एक बहुराष्ट्रीय कंपनी बनी। कंपनी ने बहुत तरक्की की और इंडस्ट्री में बड़ा नाम कमाया।


भारत में ज्‍यादातर डिस्टिलरीज शीरा से व्हिस्की बना रही थीं। लेकिन, जगदाले ने 1982 में जौ और माल्ट से प्रीमियम व्हिस्की बनाने का फैसला लिया। 1986 में अमृत डिस्टिलरीज (Amrit Distilleries) ने कैंटीन स्टोर्स में प्रेस्टीज ब्लेंडेड माल्ट व्हिस्की लॉन्च की। शीरे के साथ-साथ अब कंपनी स्थानीय स्तर पर उगाए गए जौ का भी इस्तेमाल करने लगी।


पहला बैच सिंगल-माल्ट व्हिस्की बनाने में सिर्फ 18 महीने लगे। लेकिन कंपनी ने इसे सिंगल माल्ट के तौर पर बेचने के बारे में नहीं सोचा। दरअसल, उस समय भारत में सिंगल माल्ट पीने (single malt whiskey) का चलन नहीं था। इस व्हिस्की को गन्ने से निकाले गए लिकर के साथ मिलाकर MaQintosh प्रीमियम व्हिस्की बनाई गई। मिलाने से पहले अमृत ने माल्ट व्हिस्की को लगभग एक साल तक मैच्योर किया। अमृत डिस्टिलरीज के मास्टर ब्लेंडर रह चुके सुरिंदर कुमार ने एक इंटरव्‍यू में बताया था कि स्कॉटलैंड के बैरल में तीन साल भारत में एक साल के बराबर होते हैं। कंपनी ने गर्म जलवायु का फायदा उठाकर देश की सबसे बेहतरीन सिंगल-माल्ट व्हिस्की बनाई।

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बेटा भी हुआ कारोबार मी शामिल 
2001 में नीलकंठ राव जगदाले ने अपने बेटे रक्षित से कहा कि वह इंग्लैंड में अपने उत्पाद बेचने की संभावना तलाशें। रक्षित उस समय इंग्लैंड के न्यूकैसल में MBA कर रहे थे। कंपनी ने स्कॉटलैंड की Tatlock & Thomson Ltd. को कंसल्टेंट नियुक्त किया ताकि वह बेंगलुरु डिस्टिलरी की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में मदद कर सके। अमृत डिस्टिलरीज ने स्कॉटलैंड में अपनी सिंगल माल्ट व्हिस्की का ब्लाइंड टेस्ट करवाया। ज्‍यादातर लोगों ने इसे पसंद किया। इसकी तुलना Speyside सिंगल माल्ट से की।


2004 में इस व्हिस्की को 'अमृत सिंगल माल्ट व्हिस्की' के नाम से ग्लासगो, स्कॉटलैंड में लॉन्च किया गया। ब्रिटेन में लॉन्च होने के दो साल के भीतर ही यह स्कैंडिनेविया और पश्चिमी यूरोप में भी फैल गई। अगस्त 2009 में अमृत सिंगल माल्ट व्हिस्की ऑस्ट्रेलिया में लॉन्च हुई। फिर 2008 में दक्षिण अफ्रीका में। इस तरह इसने दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई।


पिता के निधन के बाद रक्षित एन. जगदाले ने इस विरासत को आगे बढ़ाया। उन्होंने इसे मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में संभाला। रक्षित ने आधुनिक बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई अहम बदलाव किए। 2022 में जगदाले ने बताया कि अमृत एक नया ब्रांड 'सिंगल माल्ट्स ऑफ इंडिया' लॉन्च करने जा रही है। इस प्रोजेक्ट के जरिए अमृत भारत के अलग-अलग हिस्सों से बेस स्पिरिट खरीदकर उन्हें अलग-अलग तरीकों से मैच्योर करके बेचेगी। इस रिसर्च का पहला नतीजा था अमृत नीधल पीटेड इंडियन व्हिस्की। इसे भारत के तटीय इलाकों से लाई गई बेस स्पिरिट से बनाया गया था। मिंट लाउंज की रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी 12,000 बोतलों में से 1,200 बोतलें भारत में 5,996 रुपये में बिकीं। मीडिया र‍िपोर्टों के अनुसार, जगदाले परिवार की नेटवर्थ 70,000 करोड़ रुपये से ज्‍यादा है।